गाजियाबाद (करंट क्राइम)। नगर निगम में इन दिनों हाउस टैक्स डबल होने का ट्रबल सबको सता रहा है। नगर आयुक्त घोषणा कर चुके हैं कि शहर के कई इलाकों में सर्किल रेट से हाउस टैक्स वसूला जाएगा और हाउस टैक्स को डबल भी किया जाएगा। अब इस फैसले के बाद सबसे ज्यादा विरोध वाला सीन सरकार वाले दल में है। उसके पार्षदों ने बोर्ड बैठक में मोर्चा खोला और वहीं नगर आयुक्त ने पहले कहा कि यह फैसला लेने का अधिकार नगर आयुक्त को है और इसके संबंध में निगम एक्ट में स्पष्ट आदेश हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले में किसी बोर्ड से अनुमति की जरूरत नहीं है। लेकिन जब बोर्ड बैठक में पार्षदों ने पुरजोर तरीके से इस मुद्दे को उठाया तो नगर आयुक्त भी फिर इस मामले में सॉफ्ट दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि बोर्ड का जो फैसला होगा उसे माना जाएगा। नगर आयुक्त के आदेश के बाद नियमानुसार इस फैसले को लेकर आपत्तियां मांगी गई थीं। बताते हैं कि यहां पर निगम के पांच जोनों से हाउस टैक्स वृद्धि को लेकर लोगों की आपत्तियां आ गई हैं। यह आपत्तियां सैकड़ों की संख्या में आई हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां पर आपत्तियों में सबसे बड़ा आॅब्जेक्शन उस काल को लेकर आया है, जिसमें काम धंधे बंद थे और सोशल डिस्टेंस बनाया जा रहा था। यह काल कोरोना काल है और लॉकडाउन में लोगों ने आर्थिक संकट को झेला है। लिहाजा लोगों का कहना है कि कोरोना काल में तो पहले ही जनता ने मंदी की मार झेली है। महंगाई का प्रकोप और फिर रोजगार का स्कोप भी कम रहा है। ऐसे में लोगों को होप है कि नगर आयुक्त इस मामले में इन सभी हालात पर नजर रखते हुए फिलहाल डबल टैक्स से दूरी बनाएंगे। जनता का ये भी कहना है कि कोरोना काल में तो राहत पैकेज दिया गया था और अभी अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है, लिहाजा टैक्स को लेकर वृद्धि नहीं बल्कि राहत पैकेज दिया जाना चाहिए। हाउस टैक्स को बढ़ाया जाना गलत है और अब यह आपत्तियां 15 दिन के अंदर फाइनल हो जाएंगी।
नगर आयुक्त कह चुके हैं रखा जाएगा सदन की भावनाओं का सम्मान
नगर निगम में जब हाउस टैक्स डबल करने का प्रस्ताव आया तो यहां पर सबसे पहले मोर्चा भाजपा पार्षदों की ओर से खुला। उसकी वजह भी यह है कि वर्ष 2021 चुनावी इयर माना जा रहा है। 2022 में निगम का चुनाव होगा और यदि अब जनता पर हाउस टैक्स की डबल वृद्धि हो गई तो चुनाव में पार्षदों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ेगा। यहां पर उम्मीद तो थी कि विपक्ष के पार्षद टैक्स वृद्धि के विरोध में मोर्चा खोलेंगे, लेकिन भाजपा के पार्षदों ने मोर्चा खोला। अब इस मामले में सकारात्मक आसार इसलिए भी नजर आ रहे हैं क्योंकि नगर आयुक्त ने ही इस मामले में कहा कि सदन की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा। बोर्ड बैठक में उन्होंने अपने अंदाज से ये संदेश दिया कि वह सरकार के खजाने को भरना चाहते हैं, लेकिन विरोध के साथ नहीं। नगर आयुक्त पहले ही कह चुके हैं कि जो भी फैसला लिया जाएगा वो जनहित, निगम हित और शहर हित में लिया जाएगा।
एक बोर्ड बैठक होगी हाउस टैक्स बढ़ोतरी को लेकर
बताया जाता है कि आपत्तियों के निस्तारण में 15 दिन का समय लगेगा। वहीं जब निगम की बोर्ड बैठक हुई थी तो इस बैठक में पार्षदों ने हाउस टैक्स बढ़ोतरी को लेकर मोर्चा खोल दिया था। तभी ये तय हुआ था कि एक बोर्ड बैठक अलग से केवल हाउस टैक्स बढ़ोतरी को लेकर होगी। निगम पार्षदों की ये बोर्ड बैठक तय करेगी कि हाउस टैक्स बढ़ेगा या नहीं। फिलहाल आरडब्ल्यूए, शिक्षाविद्, पार्षद और शहर के गणमान्य लोग अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज करा चुके हैैं। अब सूत्र बता रहे हैं कि 10 मार्च तक तय हो जाएगा कि हाउस टैक्स बढ़ाया जाएगा या नहीं।