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क्या वजह थी प्लेन क्रैश होने की?

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। एयर इंडिया का प्लेन क्यों हुआ ? क्या पायलट के पास बचने का कोई मौका नहीं बचा था? पायलट को करीब 80000 घंटे उडान का अनुभव था तो फिर इस हादसे को क्यों नहीं रोका जा सका? क्या बोइंग विमान में खराबी थी? क्या विमान 11 साल को होने के कारण उडान में सक्षम नहीं था? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है, जिसका जवाब  मिलना जरूरी है। विमान का ब्लैक बॉक्स से यह जानकारी मिल सकती है कि आखिर क्रैश होने के क्या कारण है?


अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह भारत में अब तक की सबसे खराब विमान हादसे में से एक है। लंदन जा रहे इस विमान में 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट थे. 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति – सीट नंबर 11ए का यात्री – दुर्घटना में बचा है।


अब सबकी जुबान पर एक ही सवाल है कि आखिर यह हादसा हुआ क्या। एविएशन फिल्ड के एक्सपर्ट और पायलट हादसे को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं, जैसे- क्या विमान के दोनों इंजन में एक साथ खराबी आ गई? क्या जेट फ्यूल में खराबी या किसी ब्लॉकेज के कारण इंजन खराब हो गए? क्या उड़ान भरने के लिए पंखों पर लगे फ्लैप को नीचे उतारा गया था?…


एक्सपर्ट्स के अनुसार, दोनों इंजनों के फेल होना या टेक-ऑफ के तुरंत बाद एक पक्षी का टकराना, वो संभावित कारणों में से एक हो सकते हैं, जिसके कारण एयर इंडिया के विमान की घातक दुर्घटना हुई।


एक्सपर्ट मानते हैं कि वीडियो को देखकर ऐसा लगता है कि दोनों इंजन टेक-ऑफ के लिए आवश्यक जोर हासिल नहीं कर सके, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद आवासीय क्षेत्र में एक घातक दुर्घटना हुई।
एक्सपर्ट मानते है कि कि ऐसा नहीं लगता कि यह एक इंजन फेल होने का मामला है क्योंकि ऐसी स्थिति में विमान झूल रहा होगा लेकिन यहां विमान स्थिर था। उक अन्य एक्सपर्ट ने कहा, दोनों इंजनों के फेल होने की संभावना है… दोनों इंजनों में थ्रस्ट खत्म हो सकती है। लेकिन ये केवल संभावनाएं है। वीडियो से ऐसा लगता है कि उड़ान भरने के समय या तो फ्लैप ऊपर थे या लैंडिंग गियर नीचे था।


एक्सपर्ट की माने तो जिस तरह से विमान नीचे गिरा, उससे संकेत मिलता है कि दोनों इंजनों में थ्रस्ट की कमी थी। ऐसा तब हो सकता है जब किसी पक्षी के टकराने के कारण दोनों इंजनों में आग लग गई हो।
विमान के दोनों इंजनों की शक्ति खत्म हो गई होगी। हो सकता है कि एक इंजन फेल हो गया हो और संभवतः उड़ान भरने के बाद लैंडिंग गियर को वापस न खींचे जाने के कारण, दूसरे इंजन में पर्याप्त शक्ति न हो।
ऐसे भी सुझाव हैं कि विमान का वजन परमिशन वाली सीमा से अधिक हो सकता है, लेकिन इसपर एक्सपर्ट का कहना है अगर ऐसा होता, तो टेक-ऑफ ही संभव नहीं होता। विमान का वजन टेक-ऑफ गति निर्धारित करता है। यदि कैल्कुलेट की गई गति आवश्यकता से कम है, तो इंजन विमान को हवा में ले जाने के लिए संघर्ष करेंगे।

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जो अखिलेश भैया से टकराएगा उसे रेल दिया जाएगा, युवा कार्यकर्ता की बात सुन हंसी नहीं रोक पाए सपा अध्यक्ष, देखें VIDEO

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लखनउ। करंट क्राइम। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेसवार्ता की। इस दौरान पार्टी का एक युवा कार्यकर्ता उनके पास आता हैं और शिकायत करता है कि पुलिस और भाजपा के कार्यकर्ता उसे परेशान कर रहे है। इस पर अखिलेश यादव ने इस युवा कार्यकर्ता से पूछा कि तुमने क्या किया कि पुलिस और बीजेपी वाले तुम्हें परेशान कर रहे हैं। इस पर युवा कार्यकर्ता ने कहा कि उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि जो अखिलेश भैया से टकराएगा उसे रेल दिया जाएगा। अब पुलिस परेशान कर रही है। थाने बुला रही है। इतना कहते ही पूरे हॉल में हंसी गूंज उठी।


यह सुनते ही पहले अखिलेश यादव हंसने लगते हैं। फिर मंच पर मौजूद अन्य नेता और पूरा पंडाल ठहाकों से गूंज उठता है। माहौल हल्का हो जाता है। इसके बाद अखिलेश यादव युवक से हाथ मिलाते है। मंच से मुस्कराते हुए कहते हैं बाद में बात करते है। कप्तान साहब से बात कर लेते हैं। डर मत। युवक भी कहता है मेरे 20 हजार भी दिलवा दो वापस। इस पर भी अखिलेश मुस्कराते हुए जवाब देते हैं “वो भी दिलवा देते हैं. अभी बात करते हैं कप्तान साहब से।” यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर कर रहे हैं।

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गडकरी की साफगोई, कहा- धीरे-धीरे देश में गरीबों की संख्या बढ रही है, कुछ अमीर के हाथों धन केंद्रित हो रहा है

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मुंबई। करंट क्राइम। अपनी साफगोई के लिए जाने जाने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर साफगोई वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में गरीबों की संख्या बढती जा रही है। धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित हो रहा है।


नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है और धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित होता जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।” अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित होना चाहिए कि रोजगार पैदा हो और ग्रामीण क्षेत्रों का उत्थान हो।


पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की प्रशंसा की
उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे आर्थिक विकल्प पर विचार कर रहे हैं जो रोजगार पैदा करेगा और अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बढ़ावा देगा। धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में कई बदलाव हुए हैं।”
वरिष्ठ भाजपा नेता ने उदार आर्थिक नीतियों को अपनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह को भी श्रेय दिया, लेकिन अनियंत्रित केंद्रीकरण के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हमें इसके बारे में चिंतित होना चाहिए।”


जीडीपी में क्षेत्रीय असंतुलन
भारत की आर्थिक संरचना का उल्लेख करते हुए उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में क्षेत्रीय योगदान में असंतुलन की ओर इशारा किया।
उन्होंने कहा, “विनिर्माण क्षेत्र 22-24 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र 52-54 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि कृषि, ग्रामीण आबादी के 65-70 प्रतिशत हिस्से को शामिल करने के बावजूद, केवल 12 प्रतिशत योगदान देती है।”
उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की उभरती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सीए अर्थव्यवस्था के वृद्धि इंजन हो सकते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है। यह केवल आयकर रिटर्न दाखिल करने और जीएसटी जमा करने तक ही सीमित नहीं है।”
बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बात करते हुए, गडकरी ने परिवहन क्षेत्र में अपनी पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दावा किया, “मैंने ही सड़क निर्माण के लिए ‘निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण’ तंत्र की शुरुआत की थी।”
गडकरी ने कहा कि सड़क विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, “कभी-कभी मैं कहता हूं कि मेरे पास धन की कमी नहीं है, बल्कि मेरे पास काम की कमी है।”


टोल बूथों से होगी 1.40 लाख करोड की कमाई
उन्होंने कहा, “अभी हम टोल बूथों से करीब 55,000 करोड़ रुपये कमाते हैं और अगले दो साल में हमारी आय 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। अगर हम इसे अगले 15 साल तक मौद्रिकृत करते हैं तो हमारे पास 12 लाख करोड़ रुपये होंगे। नए टोल से हमारे खजाने में और पैसा आएगा।”

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साहिबाबाद की पेपर फैक्ट्री में लगी भयंकर आग, दमकल में 18 गाडियां आग बुझाने में लगी रही

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गाजियाबाद। करंट क्राइम। गाजियाबाद में सोमवार सुबह आग लगने की दो घटनाओं से हडकंप मच गया। आग लगने की एक घटना साहिबाबाद स्थित एमफोरयू के एक होटल में हुई जबकि दूसरी घटना साहिबाबाद में ही एक पेपर फैक्ट्री में हुई।

दोनों ही जगहों पर किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। बताया जाता है कि आग लगने की घटना के समय पेपर फैक्ट्री में कई मजदूर काम कर रहे थे। जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

दमकल की 12 टीमें आग बुझाने में लगी रही। साहिबाबाद साइट फोर औद्योगिक क्षेत्र स्थित पेपर फैक्ट्री में सोमवार तडके भयंकर आग लग गई। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। फायर ब्रिगेड की 18 गाडियां आग बुझाने में लगी रही।

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