दिल्ली
“नोएडा-दिल्ली मार्ग पर ट्रैफिक बदलाव, वाहनों के लिए नया डायवर्जन लागू”
नोएडा में दिल्ली आने-जाने वाले वाहनों के लिए ट्रैफिक में बदलाव किया गया है। आज से नए मार्ग लागू किए गए हैं, जिससे वाहनों को अलग-अलग दिशा में डायवर्ट किया गया है। यह निर्णय ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने और किसी विशेष परिस्थिति से निपटने के लिए लिया गया है।
मार्ग परिवर्तन की जानकारी
दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा करने वाले वाहन चालकों को नए निर्देशों का पालन करना होगा। अधिकारियों ने यातायात को सही दिशा में मोड़ने के लिए साइनबोर्ड और निर्देश लगाए हैं।
- दिल्ली से नोएडा जाने वाले मार्ग: कुछ रूट बदल दिए गए हैं ताकि मुख्य मार्ग पर भीड़भाड़ न हो।
- नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग: वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
ट्रैफिक पुलिस का सुझाव
ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले मार्ग की जानकारी हासिल करें और गूगल मैप या अन्य ट्रैफिक अपडेट प्लेटफॉर्म की मदद लें। इससे समय और असुविधा से बचा जा सकेगा।
प्रभावित क्षेत्र
यह बदलाव उन मार्गों पर अधिक प्रभाव डालेगा जो दिल्ली और नोएडा को जोड़ते हैं। मुख्यत: कार्यालय जाने वालों और दैनिक यात्रियों को इसकी जानकारी होना जरूरी है।
यात्रियों से अनुरोध है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार वाहन चलाएं। इससे ट्रैफिक जाम और अन्य समस्याओं से बचा जा सकेगा।
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Aamna Samna with Atul Garg (MP Ghaziabad)
दिल्ली
स्मारक घोटाला: विजिलेंस जांच से बच रहे पूर्व IAS मोहिंदर सिंह, फिर दिया तबीयत खराब का हवाला
दिल्ली के प्रसिद्ध स्मारक घोटाले में, जहां लाखों रुपये की अनियमितताएं सामने आई हैं, पूर्व IAS अधिकारी मोहिंदर सिंह पर विजिलेंस जांच का दबाव बढ़ता जा रहा है। यह घोटाला सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है, जिसमें मोहिंदर सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। हालांकि, जांच में शामिल होने के लिए उन्हें कई बार तलब किया गया, लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए वह जांच से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
स्मारक घोटाले में आरोप है कि विभिन्न सरकारी स्मारकों और परियोजनाओं के निर्माण में अनियमितताएं हुई थीं, जिनमें अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच सांठगांठ की आशंका है। इस घोटाले में कई बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं, और मोहिंदर सिंह का नाम भी मुख्य संदिग्धों में है।
विजिलेंस विभाग ने पूर्व IAS अधिकारी को कई बार समन भेजा, लेकिन हर बार उन्होंने स्वास्थ्य का बहाना बनाया और जांच में शामिल होने से इंकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार, मोहिंदर सिंह का कहना है कि वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और इस वजह से वह शारीरिक रूप से जांच के लिए उपस्थित नहीं हो सकते। हालांकि, कई लोग इसे उनकी ओर से जांच से बचने की कोशिश मान रहे हैं, क्योंकि जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और उनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विजिलेंस विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, त्वरित कार्रवाई की योजना बनाई है। यही कारण है कि कुछ अधिकारियों का कहना है कि मोहिंदर सिंह को बारबार जांच के लिए बुलाया जाता रहा है और इसके लिए स्वास्थ्य के बहाने से पहलू-तक चढ़ाए जाते हैं। अगर मोहिंदर सिंह अगली बार भी जांच में नहीं टिकते हैं तो विजिलेंस विभाग उन्हें कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देने पर विचार करेगा।
इस घोटाले के सामने आने के बाद से मोहिंदर सिंह की छवि पर सवाल उठने लगे हैं। पहले वह एक प्रतिष्ठित और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते थे, लेकिन इस मामले में उनका नाम जुड़ने से उनके खिलाफ संदेह और आरोपों की झड़ी लग गई है। उनका यह बयान कि उनकी तबीयत खराब है, उन्हें जांच से बचाने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
विजिलेंस विभाग का कहना है कि वे इस मामले को हर हाल में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाएंगे। जांच में कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है, और यदि मोहिंदर सिंह जांच में सहयोग नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मोहिंदर सिंह के मामले में यह देखना बाकी है कि क्या वह आगे चलकर जांच में शामिल होते हैं, या फिर स्वास्थ्य के कारण अपनी उपस्थिति को टालते रहते हैं। फिलहाल, विजिलेंस विभाग इस मामले में पूरी गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है और किसी भी तरह के दबाव से बचने की कोशिश कर रहा है।
दिल्ली
“दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्कूलों में हाईब्रिड कक्षाएं”
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति के चलते ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। इस निर्णय के तहत राजधानी दिल्ली में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए कई पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनमें स्कूलों में कक्षाएं हाईब्रिड मोड में संचालित करने का आदेश दिया गया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इस फैसले की घोषणा की, जिसके बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से कई कदम उठाए हैं।
प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया है। स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित करने के बजाय, छात्रों को घर से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने का निर्देश दिया गया है। इस कदम से बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण से बचाव की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही, दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों को भी वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी है ताकि वे बाहरी प्रदूषण से बच सकें।
ग्रैप-4 के तहत विभिन्न स्तरों पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई अन्य पाबंदियां भी लागू की गई हैं। दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्यों और सड़क मरम्मत कार्यों को रोकने का आदेश दिया है। इसके अलावा, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए डीजल जनरेटर सेट्स के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई गई है। निर्माण कार्यों में जुटे हुए श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर शरण देने का भी निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, ट्रकों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे शहर की सड़कों पर धुएं का स्तर कम हो सके।
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 400 के पार पहुंच चुकी है, जो कि “खतरनाक” श्रेणी में आती है। इसके कारण लोगों में सांस की बीमारियों, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। मंत्री ने बताया कि ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रदूषण स्तर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
दिल्ली के स्कूलों में लागू की गई हाईब्रिड कक्षाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान न आए, साथ ही उनका स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहे। स्कूल प्रशासन को यह निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएं। इसके अलावा, शारीरिक रूप से उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए प्रदूषण से बचने के उपायों को बढ़ावा देने की योजना है।
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने अन्य उपायों पर भी विचार किया है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जल्द ही कुछ नए कदम उठाए जाएंगे, जिनमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, वाहनों का निरीक्षण और सड़क पर प्रदूषण करने वाले वाहनों को हटाने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही, दिल्ली में धूल और राख को फैलने से रोकने के लिए विशेष उपायों पर काम किया जा रहा है।
इस समय प्रदूषण की समस्या दिल्लीवासियों के लिए गंभीर हो गई है, और सरकार के द्वारा उठाए गए ये कदम प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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