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अल्लू अर्जुन को थिएटर में मौत की खबर दी गई! पुलिस ने बताया – वो पहले फिल्म पूरी करना चाहते थे

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तेलंगाना के डीजीपी जितेंद्र ने रविवार को कहा कि फिल्म उद्योग की हस्तियों को यह समझना चाहिए कि नागरिकों की सुरक्षा उनकी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है, और उन्हें अपनी गतिविधियों को इसी दृष्टिकोण से संचालित करना चाहिए। डीजीपी का यह बयान अल्लू अर्जुन द्वारा दिए गए उस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आया जिसमें उन्होंने पुष्पा-2 के प्रीमियर के दौरान हुई भगदड़ के मामले में लगे आरोपों का खंडन किया था। अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा-2 द रूल रिलीज के बाद से बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है, लेकिन इस बीच स्क्रीनिंग के दौरान हुई भगदड़ पर भी चर्चा चल रही है।

अभिनेताओं को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए

करीमनगर जिले में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अभिनेता फिल्मों में हीरो होते हैं, लेकिन असल जिंदगी में उन्हें समाज की समस्याओं को भी समझना चाहिए। फिल्म का प्रचार नागरिकों की सुरक्षा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता। कुछ गलत हुआ है, और हमें यह समझना चाहिए कि ऐसी स्थितियाँ समाज और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। चिक्कादपल्ली के सीआई राजू नायक ने भी बताया कि उन्होंने प्रीमियर के दौरान अल्लू अर्जुन को थिएटर जाने की अनुमति देने से इनकार किया था।

पहले मैनेजर को दी गई थी सूचना

अभिनेता को सूचित किया गया था कि वे जान बचा नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि उस भगदड़ में उनकी अपनी जान भी खतरे में पड़ सकती थी। एसीपी रमेश ने कहा कि अल्लू अर्जुन को संध्या थिएटर में हुई भगदड़ की जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा, “अल्लू अर्जुन के मैनेजर संतोष पहले व्यक्ति थे जिन्हें अल्लू अर्जुन की उपस्थित के दौरान वहां हुई मौत की सूचना दी गई। हमने उन्हें बताया कि हालात नियंत्रण से बाहर हो गए हैं और एक युवक को अस्पताल में भर्ती किया गया है। लेकिन हमें संतोष और एक अन्य व्यक्ति ने अभिनेता से मिलने की अनुमति नहीं दी।”

सूचना मिलने के बावजूद अल्लू अर्जुन नहीं गए

एसीपी रमेश ने जोर देकर कहा कि उन्हें अल्लू अर्जुन को सूचित करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जब डीजीपी ने एसीपी पर अभिनेता को सूचना देने के लिए दबाव डाला, तो उन्होंने जाकर खुद अभिनेता को बात बताई। एसीपी रमेश ने कहा, “आप एक सेलेब्रिटी हैं, हमारे अधिकारियों ने आपके लिए रास्ता साफ किया है, मैंने आपको बताया और आपसे चले जाने को कहा। लेकिन उन्होंने पहले फिल्म खत्म होने देने की बात कही। जब डीजीपी ने अंदर आकर उन्हें 10 मिनट का वक्त दिया, तब जाकर वे वहां से निकले।”

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सिरकटी महिला की शिनाख्त नहीं कर पाई पुलिस, सात टीमें लगी है जांच में

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नोएडा। करंट क्राइम। नोएडा की कमिश्नरेट पुलिस अभी तक सिर कटी लाश की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई है।
​​सेक्टर-82 स्थित पुलिस चौकी के पास नाले में एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी। लाश मिलने के 24 घंटे बाद भी पुलिस मृतक महिला की पहचान नहीं कर पाई है। पुलिस ने आसपास की झुग्गियों में रहने वालों से पूछताछ की लेकिन शनिवार दोपहर तक किसी ने मृतक महिला की शिनाख्त नहीं की।
पुलिस का कहना है कि महिला का सिर और दोनों हथेलियां कटी होने से शिनाख्त में परेशानी हो रही है। सेक्टर-39 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाकर 400 से अधिक सीटीवीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। घटनास्थल से 3 किमी एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। साथ ही 3 दिन में वहां से गुजरे 500 से अधिक वाहनों की जांच की लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया।
एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि महिला की पहचान के लिए टीमों का गठन किया गया है। करीब सात टीमें बनाई गई है। सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। महिला की पैरों की उंगलियों में बिछुआ पाया गया। ऐसे में पुलिस का मानना है कि महिला शादीशुदा है। शायद पति ने ही हत्या कर लाश फेंक दी हो। करीब 30 वर्षीय विवाहित महिला की गर्दन व हाथ काटकर निर्मम हत्या की गई। महिला का शव सेक्टर-82 कट चौकी के पास निर्वस्त्र हालत में सर्विस रोड के नाले में तैरता मिला। अभी तक कटे अंग नहीं मिले है।

शव की हालत देखकर पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए – महिला का सिर गायब था और दोनों हथेलियां काटी गई थीं। इससे स्पष्ट है कि हत्यारे ने पहचान छिपाने के लिए यह जघन्य अपराध किया है।

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