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फिल्मकार मीरा नायर के बेटे जोहरान ममदानी बने न्यूयॉर्क के मेयर, दो और भारतीय मूल के अमेरिकी जीते
नई दिल्ली। करंट क्राइम। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के मेयर के चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार भारतीय मूल के जोहरान ममदानी की भारी अंतर से जीत हुई है। जोहरान ममदानी भारतीय फिल्म निर्माता निर्देशक मीरा नायर का बेटा है। ट्रंप की लाख कोशिशों के बावजूद जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत लिया है। वर्जीनिया और न्यू जर्सी में भी उन्हें झटका लगा।

न्यूयॉर्क के मेयर पद पर भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने जीत हासिल की है। ममदानी की जीत को रोकने के लिए ट्रंप ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। इसके बाद भी न्यूयॉर्क के लोगों ने ममदानी को भारी मतों से जीत दिलाई। वहीं, वर्जीनिया में पहली डेमोक्रेट महिला स्पैनबर्गर गवर्नर चुनी गईं जबकि गजाला हाशमी लेफ्टिनेंट गवर्नर बनी हैं।
ट्रंप ने ममदानी के जीतने पर न्यूयॉर्क सिटी का फंड रोकने तक की धमकी तक दी थी।
न्यूयॉर्क मेयर पद पर जोहरान ममदानी समेत तीन भारतीय मूल के प्रत्याशियों को कामयाबी मिली है। डेमोक्रेट प्रत्याशी आफताब पुरेवल ने सिनसिनाती मेयर का चुनाव दूसरी बार जीत लिया है। उन्होने अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के सौतेले भाई को चुनाव में हराया। जबकि हैदराबाद से ताल्लुक रखने वालीं गजाला हाशमी ने वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर पद का चुनाव जीता है।
न्यूयॉर्क की आबादी 85 लाख के करीब है। इसमें भारतीय मूल की जनसंख्या भी करीब 8 लाख है, यानी करीब 9-10 फीसदी भारतीय हैं। न्यूयॉर्क की 85 लाख आबादी में करीब 33 लाख प्रवासी हैं और ट्रंप की नीतियों के मुखर विरोधी रहे हैं।
जीत के बाद अपने समर्थकों के बीच ममदानी ने कहा कि न्यूयॉर्क प्रवासियों का शहर था, है और रहेगा – अब प्रवासियों के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा। उन्होंने अपनी स्पीच में जवाहरलाल नेहरू को भी याद किया।
ममदानी ने कहा कि मैं जवाहरलाल नेहरू के शब्दों के बारे में सोचता हूं। इतिहास में ऐसा क्षण बहुत कम आता है जब हम पुराने से नए की ओर कदम बढ़ाते हैं। जब एक युग का अंत होता है और एक राष्ट्र की आत्मा को अभिव्यक्ति मिलती है। आज रात हम पुराने से नए की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
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ईडी की अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर बडी कार्रवाई, 3084 करोड की संपत्तियां कुर्क
नई दिल्ली। करंट क्राइम। प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के खिलाफ बडी कार्रवाई की है। ईडी ने समूह की तमाम संस्थाओं से जुड़ी करीब 3,084 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की है। कुर्की के ये आदेश बीते 31 अक्टूबर 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 5(1) के तहत जारी किए गए थे। जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है, उनमें मुंबई के बांद्रा वेस्ट, पाली हिल में स्थित उनका आवास भी शामिल है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से संबंधित जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है, उनमें मुंबई के पाली हिल स्थित आवास, नई दिल्ली स्थित रिलायंस सेंटर की संपत्ति और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई (कांचीपुरम समेत) और पूर्वी गोदावरी में स्थित कई अन्य इन संपत्तियों में कार्यालय परिसर, आवासीय इकाइयां और प्लॉट शामिल हैं। पीएमएलए के तहत जारी चार आदेशों के तहत इन सभी संपत्तियों की कुर्की की गई है। गौरतलब है कि मुंबई के बांद्रा वेस्ट के पाली हिल में स्थित अनिल अंबानी का आवास खासा लोकप्रिय है।
रिपोर्ट की मानें तो ईडी के इस बड़े एक्शन को लेकर रिलायंस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। ये कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय ने 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक फंड के कथित हेर-फेर के मामले की है।
अनिल अंबानी के रिलायंस समह पर प्रवर्तन निदेशालय बीते कुछ समय में लगातार अपना शिकंजा कसती हुई नजर आई है। इससे पहले अक्टूबर महीने में ईडी ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप ऑफ कंपनीज के मुख्य वित्तीय अधिकारी और कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने दी पटाखों के साथ दिवाली मनाने की इजाजत, लोगों में खुशियों की लहर
नई दिल्ली। करंट क्राइम। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा समेत एनसीआर के जिलों के लोगों को पटाखों के साथ खुशियां मनाने का मौका दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले ग्रीन पटाखे बेचने और जलाने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक के लिए है। जबकि बेचने की अनुमति आज से ही है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पटाखा बेचने और जलाने वालों में खुशी की लहर दौड गई। लोग बिना किसी डर के ग्रीन पटाखे खरीद और जला सकेंगे।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने पटाखों को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। बेंच ने कहा कि हमने सॉलिसिटर और एमिकस के सुझावों पर विचार किया है। हमने देखा है कि इंडस्ट्री को चिंता है। पारंपरिक पटाखों की स्मगलिंग होती है, जिससे ज्यादा नुकसान होता है। हमें एक बैलेंस्ड तरीका अपनाना होगा।
जब बैन लगाया गया था, तब कोविड पीरियड को छोड़कर एयर क्वालिटी में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था। अर्जुन गोपाल केस में फैसले के बाद ग्रीन क्रैकर्स का कॉन्सेप्ट लाया गया। छह सालों में ग्रीन क्रैकर्स ने एमिशन को काफी कम कर दिया है।
गाजियाबाद के पटाखा व्यापारी और याचिकाकर्ता आशुतोष गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बार पटाखों के साथ दिवाली मनाने की इजाजत देकर खुशियां दोगुनी कर दी है। इस साल व्यापार ज्यादा होने की उम्मीद है। पटाखों के साथ लोग दिवाली मनाएंगे।
