लंदन| वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सेंसर विकसित किया है जिसकी सहायता से आरडीएक्स, डीएनटी जैसे कई घातक विस्फोटकों का अतिशीघ्र पता लगाया जा सकेगा। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया यह सेंसर खोजी कुत्तों से भी ज्यादा कारगर माना जा रहा है।
यह सेंसर आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले पांच प्रकार के विस्फोटकों और उनकी मात्रा का पता लगाने में सक्षम होगा। जिससे दूषित जल में विषाक्त पदार्थ का पता लगाना भी आसान हो जाएगा।
इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता विलियम पेवलर के अनुसार, “यह पहली बार संभव हुआ है कि एक ही सेंसर कई विस्फोटकों का पता लगा सके। यह सेंसर केवल 10 सेंकड में रंग बदलकर विस्फोटक पदार्थ और उसकी मात्रा की जानकारी दे सकता है।”
उन्होंने बताया, “हमें उम्मीद है कि इस पर और शोध कर हम जोखिम की प्रकृति के बारे तेजी से जान सकेंगे और उसके अनुकूल चेतावनी जारी कर सकेंगे।”
डीएनटी का इस्तेमाल जहां खनन कार्यो में किया जाता है वहीं हाल के वर्षो में आरडीएक्स और पीईटीएन का इस्तेमाल आतंकवादी वारदातों में तेजी से हुआ है।
पेवलर के अनुसार, “हमारा परीक्षण जल्द ही इन यौगिकों की पहचान कर सकता है। इस तरह हम देख सकते हैं कि इस सेंसर के अनेक उपयोग हो सकते हैं, हथियारों के कारखाने से निकलने वाले दूषित जल की जांच से लेकर विस्फोटक सामग्री का पता लगाने के सैन्य इस्तेमाल तक।”
अब शोधार्थियों का दल प्रयोगशाला के बाहर इस सेंसर का परीक्षण कारखानों से निकलने वाले दूषित जल में तुलनात्मक रूप से करने की योजना बना रहा है।
यह अध्ययन शोध पत्रिका ‘एसीएस नैनो’ के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है।