अरुणाचल प्रदेश
राजू की सच्चाई सामने आई: उसने अब तक छह परिवारों को धोखा दिया है। न तो उसका देहरादून में घर है और न ही गाजियाबाद में। यहां तक कि उसका नाम भी असली नहीं है।

राजू का पर्दाफाश: छह परिवारों को धोखा, न घर, न असली नाम
देहरादून: एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने कई परिवारों को हिला कर रख दिया है। राजू नामक व्यक्ति, जो खुद को एक साधारण और भरोसेमंद इंसान के रूप में पेश करता था, दरअसल एक ठग निकला। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, राजू ने छह परिवारों को धोखा दिया है, और उसकी असलियत उजागर होने के बाद सभी पीड़ित परिवार सदमे में हैं।
धोखाधड़ी का तरीका
राजू अपने शिकार को पहले उनकी आर्थिक और भावनात्मक स्थिति को समझकर फंसाता था। वह खुद को एक बड़े कारोबारी या संपन्न व्यक्ति के रूप में पेश करता था और यह दावा करता था कि उसका देहरादून और गाजियाबाद में शानदार घर है। इसके बाद वह अपनी बातों से लोगों का भरोसा जीतकर उनसे धन उगाही करता था।
घर और नाम भी फर्जी
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि राजू के न तो देहरादून में कोई घर है और न ही गाजियाबाद में। जो भी पता उसने बताया था, वह पूरी तरह फर्जी निकला। यहां तक कि उसका असली नाम भी राजू नहीं है। उसने अपने असली नाम और पहचान को छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया।
छह परिवार बने शिकार
अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार, छह परिवार राजू की ठगी का शिकार हो चुके हैं। इन परिवारों ने राजू पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कुछ मामलों में उसने शादी या बिजनेस पार्टनरशिप का झांसा देकर पैसे ऐंठे, जबकि कुछ मामलों में उसने जरूरतमंद परिवारों को मदद का भरोसा दिलाकर ठगा।
पुलिस की कार्रवाई
पीड़ितों की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि राजू ने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए कई नामों और पते का इस्तेमाल किया। पुलिस अब उसकी असली पहचान और ठिकाने का पता लगाने में जुटी है।
समाज को सतर्क रहने की जरूरत
इस मामले ने समाज के लिए एक चेतावनी का काम किया है। धोखेबाज लोग अक्सर सरल और भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। ऐसे में लोगों को किसी भी अजनबी पर भरोसा करने से पहले उसकी पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए।
पुलिस ने सभी से अपील की है कि अगर किसी और ने भी राजू से संबंधित कोई धोखाधड़ी का सामना किया हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। फिलहाल राजू की तलाश जारी है, और उम्मीद है कि उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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गाजियाबाद कोर्ट ने गुनाह कबूल करने पर एक अनोखी सजा सुनाई, आरोपी ने कहा- “मेहनत करके बच्चों को पालूंगा।”

गाजियाबाद कोर्ट ने गुनाह कबूलने पर सुनाई अनोखी सजा, आरोपी ने कहा- “मेहनत करके बच्चों को पालूंगा”
गाजियाबाद में एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जहां एक आरोपी ने अपने गुनाह को कोर्ट में कबूल किया और इसके बाद उसे एक अनोखी सजा सुनाई गई। यह सजा उस व्यक्ति की जिम्मेदारी और समाज में उसके पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए दी गई। कोर्ट ने आरोपी को अपने बच्चों को पालने और अपनी जीवनशैली को सुधारने के लिए सजा के तौर पर मेहनत करने का आदेश दिया।
यह मामला एक ऐसे व्यक्ति का था, जिसने अपराध स्वीकार करते हुए कोर्ट से दया की उम्मीद की थी। इस व्यक्ति ने कहा कि वह भविष्य में अपने किए गए गुनाहों का पछतावा करता है और चाहता है कि उसे समाज में एक नया मौका मिले। गाजियाबाद के अदालत में सुनवाई के दौरान, आरोपी ने अपनी स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों की जिम्मेदारी उठाना चाहता है और उन्हें एक अच्छे जीवन की दिशा दिखाना चाहता है।
कोर्ट ने आरोपी की दलील को सुनने के बाद उसे कोई पारंपरिक सजा जैसे जेल भेजने के बजाय एक सख्त परंतु रचनात्मक सजा दी। कोर्ट ने उसे कहा कि वह अपनी मेहनत से बच्चों की देखभाल करेगा और अपने जीवन को ठीक करने के लिए कड़ी मेहनत करेगा। आरोपी ने इस आदेश को स्वीकार करते हुए कहा, “मैं मेहनत करके अपने बच्चों को पालूंगा और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश करूंगा।”
इस फैसले ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि क्या सजा केवल दंडित करने के लिए दी जानी चाहिए या व्यक्ति के सुधार और समाज में पुनर्निवेश करने के लिए भी कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की सजा से समाज में सुधार संभव है, जबकि अन्य का कहना है कि अपराधियों को सख्त सजा देना जरूरी है ताकि समाज में अनुशासन बना रहे।
यह मामला गाजियाबाद की अदालत में एक नई पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें अपराधी को सजा के साथ-साथ उसे सुधारने का भी एक मौका दिया गया।
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गाजियाबाद में साइबर अपराध: अधिकारी को शेयर ट्रेडिंग के मुनाफे का झांसा देकर 24 लाख की ठगी की।

गाजियाबाद में साइबर अपराध: अधिकारी को शेयर ट्रेडिंग के मुनाफे का झांसा देकर 24 लाख की ठगी
गाजियाबाद में साइबर अपराधियों ने एक निजी कंपनी के अधिकारी को शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर 24 लाख रुपये की ठगी कर ली। यह घटना गाजियाबाद के एक प्रमुख इलाके में हुई, जहां ठगों ने अधिकारी को फोन और ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से संपर्क किया।
शेयर ट्रेडिंग के जरिए बड़े मुनाफे का वादा करने वाले साइबर अपराधियों ने अपने जाल में फंसा लिया। अधिकारी को एक कथित निवेश कंपनी से संपर्क किया गया, जो बड़े मुनाफे का दावा करती थी। अपराधियों ने पहले उन्हें छोटे मुनाफे का झांसा दिया, फिर धीरे-धीरे उनकी निवेश राशि बढ़ाते गए। इसके बाद उन्होंने और भी अधिक निवेश की मांग की और अधिकारी को विश्वास दिलाया कि अगर वह ज्यादा निवेश करेंगे तो उन्हें और बड़ा लाभ होगा।
अधिकारी ने अपराधियों की बातों पर भरोसा कर करीब 24 लाख रुपये का निवेश कर दिया। इसके बाद, जब अधिकारी को मुनाफा नहीं मिला और उसे एहसास हुआ कि वह धोखा खा चुके हैं, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने साइबर क्राइम का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। इस मामले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि साइबर अपराधी न केवल आम लोगों को, बल्कि पेशेवरों को भी अपना शिकार बना सकते हैं। पुलिस ने लोगों को सावधानी बरतने और ऑनलाइन निवेश से पहले पूरी जानकारी लेने की सलाह दी है।
यह घटना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
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लो कर लो बात: गाजियाबाद में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ भी साइबर ठगी हो गई। शेयर ट्रेडिंग के नाम पर उनसे 77 लाख रुपये की ठगी की गई।

गाजियाबाद: शेयर ट्रेडिंग के नाम पर सीए से 77 लाख की ठगी
गाजियाबाद में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) साइबर ठगों का शिकार हो गए। ठगों ने शेयर ट्रेडिंग में बड़ा लाभ दिलाने का लालच देकर उनसे 77 लाख रुपये ठग लिए। यह मामला साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं और ठगों की नई-नई तरकीबों की ओर इशारा करता है।
पीड़ित सीए, जो वित्तीय मामलों के जानकार माने जाते हैं, को ठगों ने एक फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से निशाना बनाया। उन्होंने पीड़ित से संपर्क कर शेयर बाजार में बड़े मुनाफे का झांसा दिया। ठगों ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर पहले छोटे-छोटे लाभ दिखाए, जिससे पीड़ित का विश्वास बढ़ गया। इसके बाद उन्होंने पीड़ित से बड़े निवेश की मांग की और 77 लाख रुपये की मोटी रकम ऐंठ ली।
जब पीड़ित ने निवेश की गई राशि और वादे के अनुसार लाभ की जानकारी मांगी, तो ठगों ने जवाब देना बंद कर दिया। उनके द्वारा दिए गए सभी संपर्क नंबर और ईमेल एड्रेस बंद हो गए। तब जाकर पीड़ित को एहसास हुआ कि वे ठगी के शिकार हो चुके हैं।
घटना की शिकायत तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर साइबर सेल को जांच के लिए कहा है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि ठगों ने फर्जी वेबसाइट और नकली प्रमाणपत्रों का उपयोग किया था।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराधी इस तरह के मामलों में पहले छोटे लाभ का लालच देकर लोगों का विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें बड़े निवेश के लिए फंसाते हैं।
इस घटना के बाद अधिकारियों ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। किसी भी अनजान ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, फोन कॉल, या ईमेल से मिलने वाले निवेश प्रस्तावों पर भरोसा न करें। साथ ही, किसी भी प्रकार की बैंकिंग जानकारी साझा करने से बचें।
यह घटना न केवल आम जनता बल्कि विशेषज्ञ पेशेवरों को भी ठगों की धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क रहने की चेतावनी देती है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
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