चौकी पर रहता है ताले का राज
जिले में सिटी थाने की एक चौकी इसी भी है जहां पर पुलिस का नहीं ताले का राज चलता है। अब आप कहोगे कि भला ताले का राज कैसे, तो जान लीजिए सुबह, दिन, शाम और कई बार तो यहां रात को भी ताला ही लगा मिलता है। टू-स्टार कक्ष अगर खुला मिल जाए तो खुद को आप भाग्यशाली मानियेगा। बीते दिनों चौकी पर टू-स्टार की बदली भी हो गई है। इसके बावजूद हालत पहले जैसे बने हुए हैं। वैसे जिस इलाके में यह चौकी है वो वीआईपी लोगों का क्षेत्र कहा जाता है। कई नामी लोगों के आवास इस चौकी क्षेत्र में होने के बावजूद इस चौकी पर पुलिस की सक्रीयता एक दम बदहाल रहती है। कई बार तो यहां आने वाले पीड़ित भी यहां ताले मिलने से परेशान हो जाते हैं। कई बार तो ऐसा तक हो चुका है कि पीड़ित यहां पर आने की फोटो को व्हाट्सएप पर भेजकर अपने मौके पर होने का सबूत देते देखे गए है। अब हुआ यूं कि सोमवार को एक व्यक्ति की कोई समस्या थी वह चौकी पहुंचा तो यहां पर ताला लटका मिला। उसने संबंधित नंबर पर कॉल की तो वह भी नही उठने के कारण वह परेशान हो गए। अब कहने वाले कह रहे हैं कि साहब यहां पर किसी को भी तैनात कर दो पर वो चौकी पर मिलने लगे। चौकी पर अकसर कोई नहीं मिलता है। वैसे कहने वाले कह रहे हैं कि चौकी पर स्टाफ की कमी होने के कारण यह समस्या हमेशा से बनी रहती है। उधर जिले में रविवार को आए एक आलाधिकारी ने कहा है कि जिले में अपराध नियंत्रण को लेकर मुस्तैदी दिखानी होगी मगर शायद ही उनको मालूम होगा कि जिले में कई चौकियां ऐसी भी हैं जहां पर कर्मचारियों का टोटा रहता है। इलाके की बड़ी आबादी और पुलिस का पेपर वर्क कई बार चौकी पर ताला डाले जाने के लिए बाधक बन जाता है। उधर वैसे आजकल एक चर्चा महकमे के कर्मचारियों की जुबान पर भी है कि छोटे साहब ने व्हाट्सएप पर विवेचना और क्राइम के मामलों को लेकर अपनी नजर टेढ़ी की हुई है। उनको भी देखना चाहिए कि जब जनता की सुनवाई ही नहीं होगी तो पुलिस जनता के बीच अपना प्रभाव व विश्वास कैसे कायम कर पाएगी। वैसे चौकी थानों पर तो कम से कम ताले नहीं लगने चाहिए।