ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पुलिस का एनकाउंटर: दो बदमाशों को मारी गोली

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पुलिस ने दो इनामी बदमाशों का एनकाउंटर किया, जिसमें बदमाशों को गोली लगी और उन्हें पकड़ लिया गया। इस एनकाउंटर में पुलिस की अचूक निशानेबाजी के चलते अपराधियों को मार गिराने की बजाय घायल किया गया। यह एनकाउंटर मंगलवार रात के समय हुआ, जब पुलिस को सूचना मिली कि दो कुख्यात अपराधी इलाके में छिपे हुए हैं और वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। सूचना मिलने के बाद, पुलिस ने अभियान शुरू किया और अपराधियों का पीछा किया।
एनकाउंटर की शुरुआत:
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, ये दोनों बदमाश बहुत लंबे समय से कानून की आंखों में धूल झोंकते हुए फरार चल रहे थे। उनकी गतिविधियां और अपराधों की सूची बहुत लंबी थी, और इन दोनों बदमाशों पर कई गंभीर अपराधों का आरोप था, जिनमें लूटपाट, हत्या, डकैती, और जबरन वसूली जैसे मामले शामिल थे। पुलिस टीम को इनकी लोकेशन के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद एक ऑपरेशन तैयार किया गया।
एनकाउंटर का घटनाक्रम:
पुलिस की टीम ने इन बदमाशों को घेरने के लिए रणनीति बनाई थी। जैसे ही अपराधी पुलिस टीम को देखे, उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनका पीछा करते हुए दोनों को पकड़ने के लिए उन्हें चेतावनी दी। बदमाशों ने पुलिस की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों बदमाशों को गोली मारकर घायल कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने बेहद तेज़ी और सटीकता से कार्रवाई की। इनामी अपराधियों पर की गई गोलीबारी में वे दोनों घायल हो गए और उन्हें अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस का कहना था कि ये अपराधी कानून को ठेंगा दिखाते हुए लगातार अपराधिक गतिविधियों में लिप्त थे, और उनका एनकाउंटर करना आवश्यक था ताकि इलाके में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
घायल बदमाशों की पहचान:
पुलिस ने एनकाउंटर के बाद घायल बदमाशों की पहचान की और बताया कि ये दोनों बदमाश एक बड़े आपराधिक गिरोह के सदस्य थे। ये दोनों आरोपित लूटपाट और हत्या के मामलों में शामिल थे और लंबे समय से पुलिस की नजरों में थे। उनकी गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी भी की गई थी, लेकिन वे हमेशा किसी न किसी तरीके से बच निकलते थे।
पुलिस का बयान:
पुलिस ने बताया कि इन दोनों अपराधियों के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज थे, और उनकी गिरफ्तारी इलाके में कानून व्यवस्था की बहाली के लिए जरूरी थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस के जवानों ने अपने प्रशिक्षित निशानेबाजी कौशल का प्रदर्शन किया, और अपराधियों को घायल कर उनका खात्मा किया बिना किसी अन्य नागरिक को नुकसान पहुंचाए।
विरोधी प्रतिक्रिया:
कुछ स्थानीय नागरिकों ने इस एनकाउंटर पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें कुछ लोगों ने पुलिस के प्रयासों को सराहा, जबकि कुछ ने सवाल उठाए कि क्या पुलिस की कार्रवाई वैध थी। खासकर उन लोगों ने इस पर चिंता जताई जिन्होंने एनकाउंटर के दौरान हुई गोलीबारी को लेकर सवाल उठाए। कई मानवाधिकार संगठनों ने भी इस पर चिंता व्यक्त की है और पुलिस की कार्रवाई पर जांच की मांग की है।
राजनीतिक और कानूनी परिप्रेक्ष्य:
इस एनकाउंटर ने स्थानीय राजनीति और कानून व्यवस्था के मुद्दों को भी उभारा। राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिसमें कुछ ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है, तो कुछ ने इसे ‘अत्यधिक’ करार दिया है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह कानूनी दायरे में था या नहीं।
समीक्षा और निष्कर्ष:
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पुलिस द्वारा किए गए इस एनकाउंटर से यह साफ होता है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। हालांकि, एनकाउंटर की प्रक्रिया पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि अपराधी लंबे समय से कानून को चुनौती दे रहे थे और उनका पकड़ना आवश्यक था। पुलिस की अचूक निशानेबाजी और तेज़ कार्रवाई ने इस घटना को एक महत्वपूर्ण उदाहरण बना दिया है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इस एनकाउंटर की चर्चा अब पूरे राज्य और देश में हो रही है। इसके परिणामस्वरूप यह बात साबित होती है कि पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी भी एनकाउंटर का उद्देश्य सही हो और न्यायपूर्ण हो।
एनसीआर
शिक्षा का व्यवसायीकरण जांच समिति की जनपद गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की संयुक्त बैठक आहूत

सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करें: सभापति डॉ.मानवेन्द्र प्रताप सिंह
गाजियाबाद । दुर्गावति देवी सभागार, विकास भवन में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ”शिक्षा का व्यवसायी करण की जांच सम्बंधी समिति” के कार्य. सभापति डॉ.मानवेन्द्र प्रताप सिंह ‘गुरू जी’ की अध्यक्षता में जनपद गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद की संयुक्त बैठक आहूत हुई।
बैठक में मुख्य रूप से विजय बहादुर पाठक समिति सदस्य, अंगद कुमार समिति सदस्य, अविनाश सिंह चौहान समिति सदस्य, नरेन्द्र सिंह भाटी व श्रीचन्द शर्मा समिति द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य, धनंजय सिंह उप सचिव, सौरभ दीक्षित समीक्षा अधिकारी, अर्चित वाजपेई वृत्त लेखक, गजेन्द्र सिंह अपर निजी सचिव एवं जिलाधिकारी दीपक मीणा, एडीएम प्रशासन गाजियाबाद व एडीएम गौतमबुद्ध नगर उपस्थित रहे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभापति ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसायीकरण की शिकायतों की जांच एवं शिक्षा क्षेत्र में बेहतर सुधार हेतु उत्तर प्रदेश विधान परिषद द्वारा ”शिक्षा का व्यवसायी करण की जांच सम्बंधी समिति” का गठन किया है।
बैठक के दौरान डॉ.मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने दोनों जनपदों में संचालित सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों की जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं की जानकारी प्राप्त करते हुए जानना चाहा कि कितने विद्यार्थियो को इंशोरेन्स मिला है और कितने स्कूल/कॉलेजों द्वारा विद्यार्थियों का इंशोरेन्स कराया जाता है। इस सम्बंध में सम्बंधित अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी ने अवगत कराया कि अभी उनके पास आंकडे उपलब्ध नहीं है। उन्होने स्कूल/कॉलेजों द्वारा छात्रों से लिये जाने वाले शुल्क पर भी जानकारी प्राप्त करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी स्कूल/कॉलेज नियमों के विरूद्ध शुल्क ना लें, यदि ऐसा पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएं। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा विद्यार्थियों को दी जाने वाली योजनाएं के तहत धनराशि को उनके खाते में डाली जाएं, जब भी किसी छात्र का एडमिट कार्ड बनाया जाएं उनका बैंक खाता संख्या भी उसमें समायोजित किया जाएं। उन्होने दोनों जनपदों के उच्च शिक्षा अधिकारी, डीआईओएस और बीएसए से विभागों में कार्य कर रहें कर्मचारियों व अध्यापकों की जानकारी प्राप्त करते हुए यह भी जाना की जनपद में कहां—कहां कितने पद रिक्त हैं। उन्होने रिक्त पदों की सूची समिति को जल्द उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया। सभापति ने आरटीई एक्ट के तहत दोनों जनपदों के स्कूलों में मिलने वाले दाखिलों के बार में अवगत होते हुए निर्देशित किया कि आरटीई में मैपिंग विद्यार्थियों का शत—प्रतिशत नामांकन कराना सुनिश्चित किया जाएं।
सभापति ने विद्यार्थियों को मादक पदार्थो से दूर रखने/बचाने हेतु आबकारी, पुलिस व शिक्षा विभाग से जानकारी ली कि उनके द्वारा क्या—क्या कदम उठाये जा रहे हैं। जानकारी प्राप्त होने पर निर्देशित किया कि स्कूल/कॉलेजों के आप—पास कोई भी मादक पदार्थ की दुकानें संचालित नहीं होनी चाहिए। नियमानुसार उन सभी दुकानों को वहां से हटवाया जाएं, इसके लिए पुलिस विभाग की सहायता ली जाएं।
बैठक के अंत में सभापति ने कहा कि बैठक के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर एवं सकारात्मक सुधार हेतु 32 बिन्दुओं पर चर्चा हुई। हम सभी का उद्देश्य ‘शिक्षित एवं नशा मुक्त समाज’ है। इसके लिए हमें उत्कृष्ट कार्य करने हैं। बैठक के दौरान हमने जाना की अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर और सुधारत्मक कार्य किये जा सकते हैं, जो हम सभी को आपसी समन्वय बनाकर करने हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप हर पात्र लाभार्थी को लाभ और हर पीड़ित को न्याय दिलाना हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी के साथ सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करें। बैठक में दोनो जनपदों के बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा, आईटीआई, पॉलीटैक्निक, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, आबकारी विभाग, परिवहन विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारी/ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
गुरुग्राम
उत्तर प्रदेश में आईटी क्रांति की नई उड़ान, नोएडा में माइक्रोसॉफ्ट कैंपस का शिलान्यास एवं एआई डेटा सेंटर की शुरुआत



गाजियाबाद। गौतमबुद्ध नगर के नोएडा में शनिवार को माइक्रोसॉफ्ट नोएडा कैंपस का शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की, जिनके साथ प्रदेश के आईटी मंत्री सुनील कुमार शर्मा मौजूद रहे। माइक्रोसॉफ्ट का यह कैंपस न केवल नोएडा बल्कि पूरे उत्तर भारत के आईटी क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह परियोजना प्रदेश के विकास और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगी।
इसके साथ ही, हाल ही में गौतमबुद्ध नगर में ही उत्तर भारत के सबसे बड़े एआई सक्षम डेटा सेंटर का उद्घाटन भी किया गया। र्रा८ कल्ला्रल्ल्र३ी रस्रंूी२ छ्रे्र३ी ि द्वारा स्थापित इस अत्याधुनिक डेटा सेंटर का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया, जिसमें आईटी मंत्री सुनील कुमार शर्मा भी शामिल रहे। माइक्रोसॉफ्ट के नोएडा कैंपस और सिफी के एआई डेटा सेंटर का शुभारंभ उत्तर प्रदेश को तकनीकी विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है। ये दोनों परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन का साकार रूप हैं, जो प्रदेश में निवेश और नवाचार के नए आयाम स्थापित करेंगी।
आईटी मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने इस अवसर पर कहा, माइक्रोसॉफ्ट का यह बड़ा निवेश और सिफी का डेटा सेंटर उत्तर प्रदेश की तकनीकी क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। ये दोनों परियोजनाएं प्रदेश के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेंगी और बेहतरीन प्रतिभाओं को प्रदेश वापस लाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। इन ऐतिहासिक उपलब्धियों के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और आईटी मंत्री सुनील कुमार शर्मा के अथक प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उत्तर प्रदेश अब देश का प्रमुख आईटी हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसर सृजित होंगे और प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इस मौके पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल नंदी, मुख्य सचिव मनोज सिंह आदि मौजूद रहे!
ग़ाजियाबाद
पोस्ट आफ द डे
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