नई दिल्ली (ईएमएस)। केरल के सबरीमाला में स्थित अयप्पा मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद ‘शुद्धिकरण’ के लिए मंदिर को बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इसकी जल्द सुनवाई से इनकार किया है उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को पुनर्विचार याचिकाओं पर भी सुनवाई होनी है, सबरीमाला के लिए अलग से बेंच बनाना मुश्किल है।
केरल के सबरीमाला स्थित अयप्पा मंदिर में 44 और 42 वर्ष की दो महिलाओं ने प्रवेश किया था। पारंपरिक काले परिधान पहने और सिर ढंककर कनकदुर्गा और बिंदु बुधवार को तड़के 3।38 बजे मंदिर पहुंचीं। पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों की आशंका के कारण दोनों महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई।
मंदिर में प्रवेश करने वाली एक महिला बिंदु कॉलेज में लेक्चरर और भाकपा (माले) की कार्यकर्ता हैं। वह कोझिकोड जिले के कोयिलैंडी की रहने वाली हैं। दूसरी महिला कनकदुर्गा मलप्पुरम के अंगदीपुरम में एक नागरिक आपूर्ति कर्मी है।
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद मुख्य पुजारी ने ‘शुद्धिकरण’ समारोह के लिए मंदिर के गर्भ गृह को बंद करने का फैसला किया।मंदिर को तड़के तीन बजे खोला गया था और ‘शुद्धिकरण’ के लिए उसे सुबह साढ़े 10 बजे बंद कर दिया गया। मंदिर आम तौर पर दोपहर साढ़े बारह बजे बंद होता है। ‘शुद्धिकरण’ की प्रक्रिया के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर जाने को कहा गया।इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मंदिर को खोले जाने की बात की गई।