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नोएडा

नोएडा किसान आंदोलन में किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री से बातचीत के दो प्रस्ताव ठुकरा दिए हैं। साथ ही, राकेश टिकैत की भूमिका या सुझावों को नजरअंदाज किया गया है।

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नोएडा किसान आंदोलन: मुख्यमंत्री के प्रस्ताव ठुकराए, राकेश टिकैत की अनदेखी

नोएडा में जारी किसान आंदोलन ने एक बार फिर प्रदेश सरकार और किसान नेताओं के बीच तनाव को उजागर कर दिया है। किसानों की मांगों को लेकर सरकार द्वारा किए गए दो वार्ता प्रस्तावों को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया है। यह घटनाक्रम राज्य की कृषि नीति और किसानों के अधिकारों पर चल रही बहस को और गरमा रहा है।

किसानों की प्रमुख मांगें

आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि उनकी प्रमुख मांगें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, भूमि अधिग्रहण पर उचित मुआवजा, और बिजली दरों में राहत हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही और केवल दिखावटी वार्ता की पेशकश कर रही है।

वार्ता के प्रस्ताव क्यों ठुकराए गए?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से किसानों के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए दो बार बुलावा भेजा गया था। लेकिन किसान नेताओं ने इसे ठुकरा दिया। उनका कहना है कि सरकार के प्रस्ताव वास्तविक समाधान की बजाय समय बर्बाद करने वाले प्रतीत होते हैं। किसान नेताओं ने कहा कि वे ठोस समाधान के बिना किसी भी बातचीत में शामिल नहीं होंगे।

राकेश टिकैत की भूमिका पर सवाल

आंदोलन में राकेश टिकैत, जो भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रमुख चेहरा रहे हैं, की भूमिका को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। किसान नेताओं ने टिकैत के सुझावों को अनदेखा कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आंदोलन के भीतर भी मतभेद हैं। टिकैत, जो राष्ट्रीय स्तर पर किसान आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं, इस बार हाशिए पर नजर आ रहे हैं।

सरकार और किसानों के बीच टकराव

सरकार का पक्ष है कि वह किसानों की समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहती है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि किसानों के साथ वार्ता के लिए दरवाजे खुले हैं, लेकिन इस प्रकार की असहमति से समाधान में देरी होगी।

निष्कर्ष

नोएडा किसान आंदोलन ने सरकार और किसानों के बीच बढ़ती खाई को एक बार फिर सामने ला दिया है। जहां किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं, वहीं सरकार के प्रयास वार्ता के स्तर तक सीमित नजर आते हैं। राकेश टिकैत जैसे प्रमुख नेताओं की अनदेखी आंदोलन की जटिलता को और बढ़ा रही है। अब देखना यह होगा कि इस गतिरोध का समाधान कैसे निकलेगा।

उत्तर प्रदेश

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उत्तर प्रदेश

सिरकटी महिला की शिनाख्त नहीं कर पाई पुलिस, सात टीमें लगी है जांच में

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नोएडा। करंट क्राइम। नोएडा की कमिश्नरेट पुलिस अभी तक सिर कटी लाश की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई है।
​​सेक्टर-82 स्थित पुलिस चौकी के पास नाले में एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी। लाश मिलने के 24 घंटे बाद भी पुलिस मृतक महिला की पहचान नहीं कर पाई है। पुलिस ने आसपास की झुग्गियों में रहने वालों से पूछताछ की लेकिन शनिवार दोपहर तक किसी ने मृतक महिला की शिनाख्त नहीं की।
पुलिस का कहना है कि महिला का सिर और दोनों हथेलियां कटी होने से शिनाख्त में परेशानी हो रही है। सेक्टर-39 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाकर 400 से अधिक सीटीवीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। घटनास्थल से 3 किमी एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। साथ ही 3 दिन में वहां से गुजरे 500 से अधिक वाहनों की जांच की लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया।
एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि महिला की पहचान के लिए टीमों का गठन किया गया है। करीब सात टीमें बनाई गई है। सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। महिला की पैरों की उंगलियों में बिछुआ पाया गया। ऐसे में पुलिस का मानना है कि महिला शादीशुदा है। शायद पति ने ही हत्या कर लाश फेंक दी हो। करीब 30 वर्षीय विवाहित महिला की गर्दन व हाथ काटकर निर्मम हत्या की गई। महिला का शव सेक्टर-82 कट चौकी के पास निर्वस्त्र हालत में सर्विस रोड के नाले में तैरता मिला। अभी तक कटे अंग नहीं मिले है।

शव की हालत देखकर पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए – महिला का सिर गायब था और दोनों हथेलियां काटी गई थीं। इससे स्पष्ट है कि हत्यारे ने पहचान छिपाने के लिए यह जघन्य अपराध किया है।

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उत्तर प्रदेश

सुरक्षा बलों ने कुपवाडा में दो आतंकवादियों को मार गिराया

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श्रीनगर। करंट क्राइम। सुरक्षा बलों ने शनिवार तडके जम्मू-कश्मीर में दो आतंकवादियों को मार गिराया। कुपवाड़ा जिले के केरेन सेक्टर में नियंत्रण रेखा यानि एलओसी के पास शुक्रवार देर रात आतंकवादियों के साथ एन्काउंटर शुरू हुआ, जो शनिवार सुबह तक जारी रहा। इस एन्काउंटर में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। इलाके में अन्य संभावित घुसपैठियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। सेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि केरेन सेक्टर में कुछ आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया। ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी, लेकिन इसके जवाब में आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
सेना के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियारों और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि यह घुसपैठ सर्दियों से पहले की कोशिश हो सकती है, क्योंकि बर्फबारी शुरू होने पर एलओसी के पास के दर्रे बंद हो जाते हैं, जिसके चलते आतंकवादी संगठन इस समय घुसपैठ की गतिविधियां बढ़ा देते हैं। इलाके को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य आतंकवादी छिपा न हो। हाल के महीनों में एलओसी पर घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि देखी गई है, जिसे सुरक्षा बलों ने लगातार नाकाम किया है। स्थानीय प्रशासन और सेना स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।

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