नोएडा
नोएडा की कंपनी से 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: फर्जी ईमेल से लगाया चूना
नोएडा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कंपनी को 1 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। यह ठगी एक फर्जी ईमेल के जरिए की गई, जिसे नीदरलैंड की एक प्रमुख कंपनी के नाम पर भेजा गया था। घटना से जुड़ी जानकारी के मुताबिक, ठगों ने चालाकी से एक योजना बनाई, जिसके तहत उन्होंने नोएडा स्थित कंपनी के अधिकारियों को भ्रमित कर बड़ी रकम अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली।
ठगी का तरीका
नीदरलैंड की कंपनी के नाम का इस्तेमाल कर ठगों ने नोएडा की कंपनी को एक ईमेल भेजा। यह ईमेल पूरी तरह पेशेवर तरीके से तैयार किया गया था, ताकि देखने में असली लगे। इसमें कहा गया था कि भुगतान जल्द से जल्द एक विशेष खाते में किया जाए। ईमेल इतना भरोसेमंद था कि कंपनी के अधिकारियों को किसी भी तरह का शक नहीं हुआ।
नोएडा की कंपनी के कर्मचारियों ने निर्दिष्ट खाते में रकम ट्रांसफर कर दी, लेकिन बाद में पता चला कि वह खाता ठगों के नियंत्रण में था। यह समझने के बाद कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं, कंपनी ने तुरंत स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
जांच और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर क्राइम विभाग भी इस मामले में शामिल हो गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ठगों ने ईमेल फिशिंग तकनीक का इस्तेमाल किया और नोएडा की कंपनी के साथ धोखाधड़ी की। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कहीं इसमें किसी अंदरूनी व्यक्ति की मिलीभगत तो नहीं है।
सावधानी और चेतावनी
यह घटना एक बार फिर से इस बात की ओर इशारा करती है कि डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। कंपनियों को ऐसे ईमेल्स की सत्यता जांचने के लिए कड़ी प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को बड़े भुगतान से पहले वेरिफिकेशन प्रक्रिया अपनानी चाहिए। कर्मचारियों को भी नियमित रूप से साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए, ताकि वे इस तरह की ठगी से सतर्क रहें।
यह घटना डिजिटल दुनिया में बढ़ते साइबर अपराधों का एक और उदाहरण है, जो कंपनियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत करने की आवश्यकता की ओर इशारा करती है।
नोएडा
ग्रेटर नोएडा में तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी
ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश। नोएडा पुलिस ने स्वाट टीम, एफआरआरओ और रबूपुरा पुलिस के साथ मिलकर तीन चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में अवैध रूप से रह रहे थे और वीवो कंपनी में कार्यरत थे। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान डब्ल्यू. एक्सीनगबो, चेन चाओं और पेंग शाओ के रूप में हुई है। ये सभी रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के खेरली भाव गांव में स्थित वीवो कंपनी में नौकरी कर रहे थे। पुलिस टीम ने शुक्रवार शाम को कंपनी में छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया।
ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि जब इन विदेशियों के दस्तावेजों की जांच की गई, तो पता चला कि उनका वीजा कई महीने पहले समाप्त हो चुका था। इसके बावजूद वे भारत में रहकर काम कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले की जानकारी दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास को भी दी है। अब इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है। यह ध्यान देने योग्य है कि नोएडा पुलिस ने पहले भी अवैध रूप से देश में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कई अभियान चलाए हैं। ऐसे अभियानों के अंतर्गत कई विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर उनके देश भेजा गया है। पुलिस नियमित रूप से विदेशी नागरिकों की जांच और उनके सत्यापन की कार्रवाई करती रहती है।
नोएडा
नोएडा में युवाओं को स्वरोजगार के लिए मिलेगा 5 लाख का बिना ब्याज लोन, करें आवेदन
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जनपद के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की शुरुआत की जा रही है, जिसे उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर 24 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में इस अभियान को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। समाधान समिति के निदेशक कुमार मौसम ने योजना के बारे में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस योजना के अंतर्गत 21 से 40 वर्ष की आयु के युवा, जो न्यूनतम कक्षा 8 पास हैं और किसी सरकारी संस्थान से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र धारक हैं, उन्हें विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के लिए 5 लाख रुपए तक का ऋण बिना किसी गारंटी और ब्याज के उपलब्ध किया जाएगा।
समाधान समिति के निदेशक ने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को 10 फीसदी सब्सिडी भी मिलेगी, और वे प्रारंभ के 6 महीने तक लोन की किस्त चुकाने से छूट प्राप्त करेंगे। यदि किसी लाभार्थी ने प्रशिक्षण नहीं लिया है, तो वह भी योजना का लाभ उठा सकते हैं; ऋण की स्वीकृति के बाद, जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति विभागीय पोर्टल msme.up.gov.in पर स्वयं या जन सुविधा केंद्र, साइबर कैफे, या जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने कार्यशाला में मौजूद आईटीआई, पॉलिटेक्निक, आरसेटी, कौशल विकास मिशन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों का चयन करके उन्हें इस योजना की जानकारी दें। उन्होंने सीएससी के प्रभारी अधिकारी को भी निर्देश दिया कि जनपद में संचालित सभी जन सुविधा केंद्रों के संचालकों को इस योजना के बारे में जानकारी दें, ताकि युवक और युवतियां आसानी से अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकें।
नोएडा
नोएडा में आबादी, लीजबैक और किसान मुद्दों को प्राथमिकता के साथ सुलझाएं: आलोक कुमार
नोएडा। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभागार में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा की जैसी बसावट और बुनियादी ढांचा पूरे उत्तर भारत में कहीं नहीं है। यहां पर निवेश की अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान कर उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया, जिससे नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हों। बड़े उद्योगों के आने से यहां के युवाओं को उच्च वेतन वाली नौकरियां मिलेंगी, जिससे वे आगे बढ़ सकेंगे और ग्रेटर नोएडा का विकास होगा।
औद्योगिक विकास विभाग का कार्यभार संभालने के बाद पहली बार ग्रेटर नोएडा आए आलोक कुमार ने प्राधिकरण की समीक्षा बैठक में कहा कि जनसंख्या, लीज बैक और किसानों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करके आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जमीन अधिग्रहित कर ग्रेटर नोएडा का विस्तार किया जाए, विशेषकर ग्रेटर नोएडा फेस टू के लिए। साथ ही, बड़े निवेशकों को आमंत्रित करने की योजना बनाई जाए।
प्रमुख सचिव ने कहा कि जब बड़ी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में आएंगी, तो कई छोटी कंपनियां भी खुद-ब-खुद स्थापित होंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली, नोएडा और यीडा शहर के बीच स्थित ग्रेटर नोएडा को एक मजबूत बुनियादी ढांचे के माध्यम से उत्तर भारत में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए निवेश का प्रमुख केंद्र बनाया जा सकता है।
बैठक के दौरान, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने प्रमुख सचिव आलोक कुमार के सामने ग्रेटर नोएडा की वित्तीय स्थिति की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और प्राधिकरण को कर्ज मुक्त बनाने के प्रयासों की सराहना की। प्रमुख सचिव ने कहा कि ग्रेटर नोएडा को आगे बढ़ाने और निवेश का केंद्र बनाने का यह सही समय है। उन्होंने फ्लैट खरीदारों को उनके आशियाने दिलाने के लिए प्राधिकरण के प्रयासों को भी सराहा।
बैठक में एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ आशुतोष कुमार द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ प्रेरणा सिंह, ओएसडी अभिषेक पाठक, जीएम वित्त विनोद कुमार, जीएम योजना लीनू सहगल, जीएम प्रोजेक्ट एके सिंह, ओएसडी एनके सिंह, डीजीएम वित्त अभिषेक जैन, ओएसडी गिरीश कुमार झा सहित ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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