18 अक्टूबर तक दाखिल करना है एनजीटी में जबाव दाखिल
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। हज हाउस को लेकर नगर निगम व जीडीए अधिकारियों की इन दिनों नींद उड़ी हुई हैं। नेशनल ग्रीन ट्रयूब्नल एनजीटी में 18 अक्टूबर को हज हाउस के संबंध में दोनों विभागों को जबाव दाखिल करना है। अभी तक जीडीए व नगर निगम की ओर से हज हाउस के संबंध में कोई जबाव दाखिल नहीं किया गया है। जबाव ुदाखिल नहीं होने के पीछे संभावना जताई जा रही है कि नगर निगम व जीडीए की ओर से अभी तक हज हाउस उद्घाटन के संबंध में कोई जबाव तैयार नहीं किया गया है। फिलहाल जबाव नगर निगम व जीडीए के अधिकारियों के लिए गले की फांस बना हुआ है।
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रयूब्नल एनजीटी ने अगस्त माह में हुए हज हाउस उद्घाटन पर रोक लगा दी थी। एनजीटी की रोक के बाद भी 6 अगस्त को हज हाउस का सीएम अखिलेश यादव व कैबिनेट मंत्री आजम खां द्वारा विधिवत रूप से उदघाटन भी किया गया था। हज हाउस के संबंध में सीएम अखिलेश यादव ने भी मंच से कहा था कि एनजीटी में शासन की ओर से जबाव दाखिल कर दिया जायेगा। डेढ़ माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक हज हाउस के संबंध में कोई जबाव दाखिल नहीं किया गया है। नगर निगम व जीडीए की ओर से अभी तक कोई जबाव इस ओर दाखिल नहीं किया गया है।
एनजीटी में याचिका दायर करने वाले हिमांशु मित्तल का कहना है कि नगर निगम व जीडीए की ओर से जबाव दाखिल होने के बाद वह भी अपना जबाव दाखिल करेंगे, लेकिन अभी तक इस ओर नगर निगम व जीडीए की ओर से कोई जबाव दाखिल एनजीटी में नहीं किया गया है। 18 अक्टूबर तक जबाव दाखिल किया जाना है। बता दें कि याचिका में हज हाउस को नियमों को तांक पर रखकर निर्माण किया जाना बताया गया है। 4 अगस्त को एनजीटी ने हज हाउस के उद्घाटन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी, लेकिन रोक के बावजूद भी हज हाउस का उद्घाटन किया गया था। अब नगर निगम व जीडीए की ओर से अपना जबाव दाखिल किया जाना है और उद्घाटन के संबंध में स्पष्टीकरण देना है।