उत्तर प्रदेश
चंद महीनों बाद चुनाव, बिहार में बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या से राजनीति गरमाई
पटना। करंट क्राइम। बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले पटना के नाम बिजनेसमैन व अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की हत्या ने राजनीति पारा को और तेज कर दिया। राजद नेता तेजस्वी यादव ने गोपाल खेमका की हत्या को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला किया है। उन्होंने कहा कि थाना से चंद कमद दूर पटना में बिहार के बडे व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हर महीने बिहार में सैंकडों व्यापारियों की हत्या हो रही है। लेकिन जंगलराज नहीं कह सकते है। क्योंकि इसे ही शास्त्रों में मीडिया प्रबंधन, परसेप्शन मैनेजमेंट और छवि प्रबंधन कहते है। वहीं, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। सत्ताधारी जदयू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने डीजीपी को जल्द से जल्द हत्यारों को पकडने के निर्देश दिए है।
पटना के जाने-माने कारोबारी और बीजेपी से से जुड़े नेता गोपाल खेमका की शुक्रवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, अपने अपार्टमेंट के गेट पर जैसे ही वो गाड़ी से उतरे, घात लगाए अपराधियों ने उन पर गोलियां दाग दीं। गौर करने वाली बात ये है कि 2018 में गोपाल खेमका के बड़े बेटे गुंजन खेमका की भी ठीक इसी तरह हत्या हुई थी, और कुछ महीने पहले उनके छोटे बेटे पर भी जानलेवा हमला हुआ था।
घटना के बाद डीजीपी विनय कुमार ने एसआईटी के गठन के आदेश दिए हैं। जांच की कमान सेंट्रल एसपी दीक्षा को दी गई है।
गोपाल खेमका ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर हेल्थ केयर सेक्टर में अपना करियर शुरू किया था। राजेंद्र नगर में मगध हॉस्पिटल खोला और फिर दवा की दुकानों से लेकर फैक्ट्रियों और पेट्रोल पंप तक अपने कारोबार का विस्तार किया। हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उनकी दो फैक्ट्रियां थीं, जिनकी देखरेख उनका बेटा गुंजन करता था। बेटे की मौत के बाद उन्होंने कारोबार सीमित कर दिया था।
2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की हत्या ने न सिर्फ उनके परिवार को तोड़ दिया, बल्कि खुद गोपाल खेमका को भी अंदर से हिला दिया। इस घटना के बाद उन्होंने कई व्यवसायिक इकाइयों को या तो बेच दिया या बंद कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी से उनका वैचारिक जुड़ाव पुराना था। वे पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय रहते थे, लेकिन गुंजन की मौत के बाद उन्होंने धीरे-धीरे राजनीति से दूरी बना ली। हालांकि, सामाजिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी बनी रही।