मौसमी चटर्जी ने अमिताभ बच्चन के बदलाव के बारे में क्या कहा?
मौसमी ने कहा, ‘अमिताभ बच्चन ने बहुत संघर्ष किया और कड़ी मेहनत के बाद बड़े बने। लेकिन मैं यह नहीं कहूंगी कि वह बेहतर तरीके से बड़े बने। जब आपको इतना कुछ मिलता है, तो आपका व्यवहार बदल जाता है। आप दूसरों की मदद करने के बारे में सोच भी नहीं पाते। उनके भाई अजिताभ एक कार का इंतजाम करते थे जो बिग बी को सेट से ले जाती थी। वह एक शांत व्यक्ति थे और अपने एकाकी समय में हेयरड्रेसर के साथ लंच करते थे।’
अमिताभ बच्चन के बारे में मौसमी चटर्जी
मौसमी और अमिताभ को आखिरी बार 2015 में आई फिल्म ‘पीकू’ में एक साथ देखा गया था। उस समय मौसमी ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से कहा था, ’72 साल की उम्र में भी (2015 में), अमिताभ एक नए कलाकार की तरह हैं। यदि आप उनसे सुबह 6 बजे तैयार होने के लिए कहेंगे, तो वह तैयार हो जाएंगे। वह समय के प्रति बहुत पाबंद और अनुशासित हैं।’
मौसमी चटर्जी बनी थीं अमिताभ बच्चन की भाभी
मौसमी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1967 में बंगाली फिल्म ‘बालिका वधू’ से की थी। उन्होंने ‘परिणीता’ (1969), ‘अनुराग’ (1972), ‘कच्चे धागे’ (1973), ‘जहरीला इंसान’ (1974), ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974), ‘बेनाम’ (1974), ‘मंजिल’ (1979), ‘स्वयंवर’ (1980), ‘प्यासा सावन’ (1981), ‘अंगूर’ (1982) और ‘घायल’ (1990) जैसी कई चर्चित फिल्मों में काम किया है। उन्हें आखिरी बार हिंदी में ‘पीकू’ और बंगाली में ‘शेष संगबाद’ में देखा गया था, जिसमें उन्होंने अमिताभ की भाभी का किरदार निभाया था।
