बॉलीवुड
‘झूमेलो’ ‘गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषाओं को समर्पित : मोहित चौहान
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मुंबई, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। ‘साड्डा हक’, ‘तुम से ही’, ‘तुम हो’, ‘मटरगश्ती’ जैसे प्रतिष्ठित ट्रैक के लिए मशहूर पार्श्व गायक मोहित चौहान ने कहा है कि उनका नवीनतम ट्रैक ‘झूमेलो’ गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषाओं के लिए ट्रिब्यूट है।
‘झूमेलो’ के साथ लोक संगीत सीरीज ‘माटी’ का पहला सीजन समाप्त हुआ। पहाड़ी ट्रैक में पारंपरिक लोक संगीत के आकर्षण को एफ्रो-लैटिन साउंडस्केप के साथ मिलाया गया है, और यह एक आधुनिक, वैश्विक अपील प्रदान करता है।
ट्रैक के बारे में गायक ने कहा, ” ‘झूमेलो’ शानदार और आनंददायक है। राघव और अर्जुन ने इसमें शानदार काम किया है और माटी के लिए उनके साथ मिलकर काम करना खुशी की बात थी। लोक संगीत एक आधुनिक प्रस्तुति का हकदार है जो आज के साधनों का उपयोग करके अपनी आत्मा को जिंदा करता है। मुझे उम्मीद है कि श्रोता इसका आनंद लेंगे।”
इस ट्रैक को राघव और अर्जुन ने कंपोज किया है, जबकि दीपक रमोला ने इसके बोल लिखे हैं। मोहित इस गाने के म्यूजिक वीडियो में भी नजर आए हैं। उन्होंने दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ के बाद ऑन-स्क्रीन अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
म्यूजिक वीडियो में नजर आने के बारे में मोहित ने कहा, “मैं 1998 में डूबा-डूबा के बाद से ही कैमरे के सामने सहज महसूस करता रहा हूं। ‘झूमेलो’ के लिए मैं सिर्फ माइक पर गा रहा था, जैसे स्टेज पर परफॉर्म कर रहा हूं, जो मुझे वाकई पसंद है। लाइव परफॉर्म करना एक बेमिसाल एहसास है।”
संगीतकार और गायक राघव और अर्जुन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मोहित चौहान द्वारा इस गाने को जीवंत करने पर हमें गर्व है। झूमेलो गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषाओं को समर्पित है, जिसमें उनकी खूबसूरती को समकालीन एफ्रो-लैटिन ध्वनि के साथ मिलाया गया है।”
वार्नर म्यूजिक इंडिया के लेबल के तहत रिलीज हुई ‘झूमेलो’ सभी प्रमुख प्लेटफार्मों पर स्ट्रीम करने के लिए उपलब्ध है।
–आईएएनएस
एमकेएस/एकेजे
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संजय खान की पत्नी का क्यों किया गया हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार?
मुंबई। करंट क्राइम। मशहूर एक्टर और फिल्म निर्माता संजय खान की पत्नी जरीन खान का शुक्रवार को दिल का दौरा पडने से निधन हो गया। वे 81 साल की थी।
शुक्रवार को ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से किया गया। उनके अंतिम संस्कार के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें देखा जा सकता है कि जरीन खान का बेटा जायद खान शव के आगे घडा लेकर चल रहे हैं। सोशल मीडिया में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि आखिर मुस्लिम परिवार की जरीन खान का हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार क्यों किया गया? संजय खान डैशिंग एक्टर फिरोज खान के भाई है।
दरअसल, ज़रीन खान जन्म से ही हिंदू थीं और उनका असली नाम ज़रीन कटरक था। संजय खान से शादी के बाद भी उन्होंने कभी इस्लाम धर्म नहीं अपनाया, यही वजह है कि उनका अंतिम संस्कार उनके पति के मुस्लिम धर्म के बजाय हिंदू रीति-रिवाजों से किया गया। इसलिए परिवार ने यह सुनिश्चित किया कि उनका हिंदू परंपराओं के अनुसार ‘दह संस्कार’ हो।
ज़रीन की पहली मुलाक़ात संजय से उनकी मां बीबी फ़ातिमा बेगम ख़ान के ज़रिए हुई थी। उस वक्त ज़रीन महज 14 साल की थीं। दोनों ने 1966 में एक दूसरे को डेट करना शुरू की और आखिरकार शादी के बंधन में बंध गए। शादी से पहले, ज़रीन कटराक 1960 के दशक में एक लोकप्रिय मॉडल के रूप में अपनी पहचान बना चुकी थीं।
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विक्की कौशल और कटरीना के घर आया नन्हा राजकुमार, 42 साल की उम्र में कटरीना बनीं मां
मुंबई। करंट क्राइम। बॉलीवुड की हॉट जोडी विक्की कौशल और कटरीना कैफ के घर नन्हा राजकुमार आया है। जी हां, यह जोडी अब पैरेंट्स बन गई है। कटरीना ने शुक्रवार को नन्हे राजकुमार को जन्म दिया है। 42 साल की उम्र में कटरीना ने बच्चे को जन्म दिया।
विक्की कौशल और कटरीना ने फैंस को यह जानकारी दी। उन्होंने इंस्टा पर लिखा की कटरीना ने खुशखबरी देते हुए बताया है कि दोनों पेरेंट्स बन गए हैं। विक्की ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर लिखा है कि मैं ब्लेस्ड महसूस कर रहा हूं।
विक्की कौशल ने फैन्स को खुशखबरी देते हुए लिखा- हमारी खुशियों का खिलौना इस दुनिया में आ चुका है। हम दोनों ही खुशी से फूले नहीं समा पा रहे हैं, क्योंकि वो हमारी हैप्पीनेस है और हम भगवान का शुक्रिया अदा भी करते हैं कि उन्होंने जीवन में बेटे को दिया है। 7 नवंबर 2025, कटरीना और विक्की।
खबर आते ही सिर्फ फैन्स ही नहीं, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के दोस्त भी कपल को ढेर सारी बधाइयां दे रहे हैं।
अब सभी उम्मीद कर रहे हैं कि कपल जल्द ही बेबी की झलक उनके साथ शेयर करें।
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जिसको चाहती थी उसी की पुण्यतिथि पर दुनिया को रूखसत किया इस मशहूर अभिनेत्री ने
मुंबई। Current Crime : सातवें और आठवें दशक की मशहूर अभिनेत्री व गायिका सुलक्षणा पंडित अब इस दुनिया में नहीं रही। वह 71 साल की थीं। उनका पूरा परिवार संगीत से जुडा रहा। उनके भाई और संगीतकार ललित पंडित ने कहा कि दिल का दौरा पड जाने से सुलक्षणा पंडित का निधन हो गया है।
12 जुलाई, 1954 को जन्मी सुलक्षणा ने जितेंद्र, विनोद मेहरा के साथ कई हिट फिल्में दी है। सुलक्षणा ने मात्र नौ वर्ष की उम्र से संगीत सीखना आरंभ कर दिया था। उन्होंने चलते-चलते, उलझन, अपनापन समेत कई फिल्मों में गाना गाया था। साल 1975 में फिल्म ’संकल्प’ का गीत ’तू ही सागर है तू ही किनारा’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गायिका का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। वहीं उलझन, संकल्प, राजा, हेराफेरी, संकोच, अपनापन, खानदान और वक्त समेत अनेक फिल्मों में उन्होंने अभिनय भी किया था। उनका पहला गाना तकदीर (1967) फिल्म में लता मंगेशकर के साथ सात समुंदर पार से.. था।
उन्होंने किशोर कुमार और मोहम्मद रफी के साथ संगीत समारोहों में भी गाया। दूर का राही (1971) फिल्म के लिए उन्होंने किशोर कुमार के साथ बेकरार दिल तू गाए जा.. गाया, जिसे तनुजा पर फिल्माया गया था। सुलक्षणा आजीवन अविवाहित रहीं।
उन्होंने अपनी पहली फिल्म उलझन (1975) में अभिनेता संजीव कुमार के साथ स्क्रीन साझा किया था और अपना दिल हार गई थीं। वह उनसे शादी करना चाहती थीं।
हालांकि, संजीव ने उनके शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। यह महज संयोग है कि उनका निधन छह नवंबर को उसी दिन हुआ है, जिस दिन संजीव कुमार की पुण्यतिथि होती है।
