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बाज़ार

अंतर्देशीय जलमार्गों के पुनरुद्धार के लिए 10 वर्षों में सरकार ने निवेश किए 6,000 करोड़ रुपये: केंद्रीय मंत्री

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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि माल ढुलाई का एक वास्तविक विकल्प बनाने के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के पुनरुद्धार में पिछले एक दशक में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।

केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने संसद सत्र के दौरान कहा कि 1986 में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) की स्थापना के बाद से पिछले 28 वर्षों में इस क्षेत्र में मात्र 1,620 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से जलमार्गों का कायाकल्प किया जा रहा है। तब तक, हमारे देश में केवल 5 राष्ट्रीय जलमार्ग थे। अब राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या बढ़कर 111 हो गई है। पिछले एक दशक में देश के अंतर्देशीय जलमार्गों के कायाकल्प के लिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।”

इन जलमार्गों के माध्यम से ट्रांसपोर्ट किए गए माल की कुल मात्रा 2013-14 के आंकड़े 18.07 मिलियन मीट्रिक टन (एमटी) से बढ़कर 2023-24 में 132.89 मिलियन मीट्रिक टन हो गई। इसमें 22.1 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से वृद्धि हुई है।

सोनोवाल ने कहा, “हमने 2030 तक जलमार्गों के माध्यम से 200 मिलियन मीट्रिक टन माल की आवाजाही का लक्ष्य रखा है। 2047 के लिए कार्गो आवाजाही के लिए एक वास्तविक विकल्प के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास में विश्वास रखते हुए हमने 500 मिलियन मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है और यह पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में सार्थक योगदान देगा।”

भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों का एक बड़ा नेटवर्क है जिसमें नदियां, नहरें, बैकवाटर और खाड़ियां शामिल हैं। 20,236 किलोमीटर की कुल लंबाई के जलमार्गों में से 17,980 किलोमीटर नदियां हैं और 2,256 किलोमीटर नहरें हैं।

भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), चीन और यूरोपीय संघ जैसे देशों की तुलना में जलमार्गों के माध्यम से माल परिवहन काफी कम किया जाता है।

–आईएएनएस

एबीएस/

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LIVE : Defence Minister Rajnath Singh from Public Meeting in Banka Assembly Constituency, Bihar.

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उत्तर प्रदेश बीजेपी की आज महत्वपूर्ण बैठक, एमएलसी और पंचायत चुनावों पर होगी चर्चा

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लखनउ। करंट क्राइम। उत्तर प्रदेश बीजेपी ने आज एमएलसी और पंचायत चुनावों को लेकर जिलाध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी और संगठन प्रभारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में एमएलसी और पंचायत चुनावों को देखते हुए पार्टी चुनावी रणनीति, बूथ प्रबंधन और प्रचार अभियान पर चर्चा की जाएगी।
यह बैठक आज भाजपा मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। बीजेपी की यह बैठक दो सत्रों में आयोजित की जाएगी। पहला सत्र सुबह 11 बजे से 12ः30 बजे तक चलेगा, जिसमें संगठन की वर्तमान स्थिति, बूथ प्रबंधन और सदस्यता विस्तार अभियान पर समीक्षा होगी। वहीं, दूसरा सत्र दोपहर 1 बजे से 2ः30 बजे तक निर्धारित किया गया है, जिसमें आगामी एमएलसी और पंचायत चुनावों की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह समेत सभी जिलों के जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष शामिल होंगे।

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी चाहती है कि हर बूथ पर सक्रिय कार्यकर्ता न केवल जनता से जुड़े रहें, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाएं। बैठक में बूथ समितियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाएगी, साथ ही उन जिलों की रिपोर्ट भी ली जाएगी जहां बूथ सत्यापन या पुनर्गठन की प्रक्रिया अभी अधूरी है। संगठन विस्तार को लेकर विशेष निर्देश भी दिए जाएंगे कि नवंबर-दिसंबर तक हर जिले में “मेरा बूथ, सबसे मजबूत” अभियान का पुनरावलोकन किया जाए।
बैठक में आगामी महीनों में पार्टी के प्रमुख अभियानों जैसे “लोक कल्याण संकल्प यात्रा“, “नया भारत, आत्मनिर्भर भारत“ और “विकास की गाथा- हर घर भाजपा“ पर भी चर्चा होगी।

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योगी सरकार ने दिया किसानों को उपहार, सभी प्रकार के गन्नों के मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की बढोत्तरी

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लखनउ। करंट क्राइम। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को प्रदेश के गन्ना किसानों को बड़ा उपहार दिया है। प्रदेश सरकार ने अगैती गन्ने का मूल्य 400 रुपए और सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 390 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। सरकार ने गन्ने के मूल्य में 30 रुपए प्रति क्विंटल की इस बढ़ोतरी की है। इससे किसानों को लगभग 3000 करोड रुपए का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
प्रदेश सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक, योगी सरकार ने 2017 से अब तक चार बार गन्ना मूल्य बढ़ाया है, जिसके फलस्वरूप पिछले साढ़े आठ वर्षों में गन्ना किसानों को 2,90,225 करोड रुपए़ का रिकॉर्ड भुगतान हुआ है। यह पिछली सरकारों के 10 वर्षों के भुगतान से 1,42,879 करोड़ रुपए से अधिक है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि योगी सरकार के प्रबंधन से 4 नई चीनी मिलें स्थापित हुई हैं और 6 बंद मिलें पुनः शुरू हुई हैं, जिससे चीनी उद्योग में 12,000 करोड़ रुपए का निवेश आया है। ’स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली से गन्ना पर्ची ऑनलाइन होने के कारण बिचौलियों का राज खत्म हो गया है और भुगतान सीधे डीबीटी से हो रहा है। एथेनॉल उत्पादन और गन्ना क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान लगातार मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे थे। हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा गन्ने के दाम बढ़ाने के बाद यूपी में भी यह मांग तेज हो गई थी। इससे पहले पेराई सत्र 2021-22 में विधानसभा चुनाव से पहले 25 प्रति रुपए क्विंटल की बढ़ोतरी हुई थी।

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