विदेश
भारत की सहायता से म्यांमार में बदल रही लोगों की जिंदगी
नाय पी ताव (म्यांमार), 6 दिसंबर (आईएएनएस)। म्यांमार के नाय पी ताव में शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया जिनसे नागरिक बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और म्यांमार के लोगों की जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी। इन परियोजनाओं का काम भारत की 50 लाख डॉलर की वार्षिक अनुदान सहायता से पूरा किया गया है।
म्यांमार में भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने देश के केंद्रीय सामाजिक कल्याण, राहत और पुनर्वास मंत्री डॉ. सो विन और सीमा मामलों के मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल तुन तुन नौंग के साथ मिलकर सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) और राखीन प्रांत विकास कार्यक्रम (आरएसडीपी) परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
म्यांमार में भारतीय दूतावास के अनुसार, उद्घाटन की गई परियोजनाएं चिन प्रांत और नागा स्व-प्रशासित क्षेत्र में स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण नई सामाजिक और आर्थिक सुविधाएं प्रदान करेंगी, जो उनकी भलाई के लिए फायदेमंद होंगी।
चिन प्रांत में 16 सड़कों और पुलों के साथ एक शिक्षा केंद्र का निर्माण पूरा होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसी तरह, नागा स्व-प्रशासित क्षेत्र में 19 सड़कों और पुलों और दो शिक्षा केंद्रों का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।
कुल मिलाकर, इन पहलों में 45 लाख अमेरिकी डॉलर की लागत से 38 गतिविधियां शामिल हैं, जो क्षेत्रीय विकास के लिए व्यापक प्रयास और प्रतिबद्धता को दिखाती हैं। इसके अलावा, महत्वपूर्ण परियोजनाओं में ग्वा टाउनशिप में जल आपूर्ति प्रणाली का निर्माण और मराउक यू टाउनशिप में भस्मक का काम पूरा होना शामिल है। भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ये परियोजनाएं आवश्यक सेवाओं और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
बीएडीपी और आरएसडीपी ढांचे के तहत, भारत सरकार प्रति वर्ष 50 लाख डॉलर की अनुदान सहायता प्रदान करती है, जैसा कि समझौता ज्ञापन (एमओयू) में तय किया गया है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल आपूर्ति, स्वास्थ्य देखभाल, बिजली, सड़क निर्माण, स्कूल निर्माण और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुधारना और लोगों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।
सरकार ने पिछले साल यांगून क्षेत्र, नाय पी ताव, तनिनथारी क्षेत्र, सागांग क्षेत्र, मैगवे क्षेत्र और मांडले क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा, ई-लर्निंग और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में इसी तरह की पहल का समर्थन किया है।
भारतीय दूतावास ने बताया, “यह साझेदारी सागांग क्षेत्र, चिन प्रांत और राखीन प्रांत जैसे सीमावर्ती इलाकों में समुदायों के विकास और सशक्तिकरण के लिए है। यह म्यांमार के लोगों के लिए सतत विकास और बेहतर जीवन स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए दोनों सरकारों की प्रतिबद्धता को दिखाता है।”
शुक्रवार का कार्यक्रम अक्टूबर में भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त पांच त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (क्यूआईपी) के हस्ताक्षर समारोह के बाद हुआ। ये परियोजनाएं म्यांमार के विभिन्न क्षेत्रों में कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, हथकरघा और आपदा जोखिम न्यूनीकरण क्षेत्रों में नागरिक बुनियादी ढांचे को सुधारने का काम करेंगी।
–आईएएनएस
एसएचके/एकेजे
विदेश
वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला में 7.4 तीव्रता का भूकंप आने से भारी नुकसान
सिडनी, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दक्षिण प्रशांत महासागरीय देश वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला में मंगलवार को 7.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे राजनयिक मिशन सहित कुछ इमारतों को ‘काफी नुकसान’ हुआ।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला से 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थानीय समयानुसार 12:47 बजे आया, जिसकी गहराई 43 किलोमीटर थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम (एबीसी) के हवाले से बताया कि वानुअतु में आए भूकंप के बाद पोर्ट विला के एक अस्पताल में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और सामूहिक नुकसान की संख्या के लिए आपातकालीन व्यवस्था की गई।
गार्जियन ऑस्ट्रेलिया ने बताया, संचार व्यवस्था बाधित होने, फोन लाइन्स और सरकारी वेबसाइट्स के बंद होने के कारण नुकसान की सीमा के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई, लेकिन भूकंप के कुछ घंटों बाद ही सोशल मीडिया पर व्यापक विनाश की खबरें सामने आने लगी।
फिजी में रेड क्रॉस के प्रवक्ता ने बताया कि जमीन पर मौजूद कर्मचारी काफी नुकसान की रिपोर्ट कर रहे हैं। वानुअतु प्रसारण और टेलीविजन निगम के कई फुटेज में विला सेंट्रल अस्पताल के बाहर भीड़ दिखाई दे रही है, जो घायल लोगों को स्ट्रेचर पर उठा रही है।
गार्जियन ऑस्ट्रेलिया ने पोर्ट विला में रहने वाले पत्रकार डैन मैकगैरी के हवाले से कहा कि उन्होंने अस्पताल के बाहर तीन लोगों को “स्पष्ट रूप से संकट में” देखा। मैकगैरी ने कहा, “यह मेरे द्वारा वानुअतु और प्रशांत द्वीप समूह में रहने के दौरान 21 वर्षों में अनुभव किया गया सबसे भयंकर भूकंप था। मैंने बहुत सारे बड़े भूकंप देखे हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा।”
एबीसी ने बताया कि भूकंप में ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और न्यूजीलैंड के दूतावास भवन क्षतिग्रस्त हो गए। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि न्यूजीलैंड के उच्चायोग भवन, जो अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटिश मिशनों के साथ स्थित हैं, उसे काफी नुकसान पहुंचा है।
–आईएएनएस
एससीएच/एबीएम
विदेश
तीसरा चीन-हिंद महासागर नील आर्थिक विकास और सहयोग मंच आयोजित
बीजिंग, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। तीसरा चीन-हिंद महासागर नील आर्थिक विकास और सहयोग मंच 16 दिसंबर को दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में उद्घाटित हुआ। चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के उपाध्यक्ष वांग योंग ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और मुख्य भाषण दिया।
उन्होंने भाषण देते हुए कहा कि चीन और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों सहित सभी संबंधित पक्षों के संयुक्त प्रयासों से, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित “साझा भविष्य वाला समुद्री समुदाय” एक चीनी पहल से एक अंतरराष्ट्रीय सहमति तक और एक नीली अवधारणा से व्यावहारिक कार्यों तक विकसित हो रहा है।
वांग योंग ने आगे कहा कि चीन अन्य देशों के साथ व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने, सतत महासागर विकास पर आम सहमति को मजबूत करने, समुद्री वार्ता और परामर्श को मजबूत करने, समुद्री संस्कृति की आपसी सीख को बढ़ावा देने, नीले आर्थिक विकास सहयोग को बढ़ावा देने, मनुष्य और महासागर के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को साकार करने के लिए नए और बड़े योगदान देने के लिए इच्छुक है।
बता दें कि तीसरा चीन-हिंद महासागर नील आर्थिक विकास और सहयोग मंच का विषय “नीले हिंद महासागर का भविष्य : ग्लोबल साउथ में विकास प्रथाएं” है। इसमें 50 से ज्यादा देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 300 से अधिक मेहमानों ने भाग लिया।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
एबीएम/
विदेश
चीन-अमेरिका वित्तीय कार्य ग्रुप की 7वीं बैठक आयोजित हुई
बीजिंग, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। चीन अमेरिका वित्तीय कार्य ग्रुप की 7वीं बैठक 15 से 16 दिसंबर को पूर्वी चीन के नानचिंग शहर में आयोजित हुई। इसमें चीनी राजकीय वित्तीय निगरानी और प्रबंधन प्राधिकरण, चीनी सिक्योरिटीज़ नियमावली आयोग, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व, अमेरिकी सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज आयोग आदि विभागों ने भाग लिया।
दोनों पक्षों ने चीन और अमेरिका की आर्थिक व वित्तीय स्थिति और मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता व निगरानी, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय शासन, सिक्योरिटीज़ व पूंजी बाजार, मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकवादी वित्त पोषण के विरोध और समान चिंता वाले वित्तीय मुद्दों पर पेशेवर, व्यावहारिक, ईमानदार और रचनात्मक संवाद किया।
बैठक में तकनीकी विशेषज्ञ ग्रुप की रिपोर्ट भी सुनी गई। दोनों पक्षों ने स्थानीय सरकार और निगरानी संस्था के साथ भी बैठक की। चीनी पक्ष ने संबंधित सवालों पर अपनी चिंता व्यक्त की। इस बैठक की उपलब्धि के रूप में चीनी राजकीय वित्तीय निगरानी और प्रबंधन प्राधिकरण ने अमेरिकी संघीय बीमा कार्यालय के साथ बीमा उद्योग के आदान-प्रदान व सहयोग के संशोधित मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
एबीएम/
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