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घाना ने PM मोदी को दिया अपना सर्वोच्च सम्मान, कोरोना के दौरान छह लाख वैक्सीन भेजकर बचाई थी जान

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। अफ्रीकी देश घाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर वहां के राष्ट्रपति ने उनका जोरदार स्वागत किया।
गुरुवार को दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पीएम मोदी के सम्मान में रात्रिभोज हुआ और उन्हें घाना के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया। घाना उन गरीब मुल्कों में शामिल है, जिनकी भारत ने कोरोना काल के दौरान भरपूर मदद की थी। मोदी सरकार ने छह लाख कोविड-19 वैक्सीन घाना भेजी थीं, जिससे वहां महामारी से लड़ने में काफी मदद मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी को घाना का सर्वोच्च सम्मान ’द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ का सम्मान मिला है। भारत और घाना ने चार अलग-अलग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। पीएम मोदी ने घाना से मिले सम्मान को गर्व की बात बताया है.उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ साझा बयान भी जारी किया। मोदी ने कहा, भारत और घाना आतंकवाद को इंसानियत का दुश्मन मानते हैं और साथ मिलकर काम करेंगे।

हर साल 140-150 टन सोना निकालता है
मोदी को घाना में 21 तोपों की सलामी भी दी गई। घाना में किसी प्रधानमंत्री की 30 सालों में यह पहली यात्रा है। घाना को सोने की खान भी कहा जाता है। वो हर साल 140-150 टन सोना निकालता है। भारत अपनी जरूरत का 70 फीसदी सोना घाना से ही खरीदता है। यही वजह है कि इसका पहले नाम गोल्ड कोस्ट भी थी। घाना को 1957 में ब्रिटेन से आजादी मिली थी। ब्रिटेन के औपनिवेशिक शासन से मुक्ति पाने वाला वो पहला अफ्रीकी देश था। घाना कोको का भी दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

दोनों देशों में 4 एमओयू साइन हुए
भारत और घाना ने 4 महत्वपूर्ण समझौते पर दस्तखत किए हैं। इसमें विदेश मंत्रालय स्तर पर संयुक्त आयोग की स्थापना करना। दूसरा पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में दोनों देश ट्रेनिंग और अन्य सहयोग करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन में सहयोग बढ़ेगा।

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गडकरी की साफगोई, कहा- धीरे-धीरे देश में गरीबों की संख्या बढ रही है, कुछ अमीर के हाथों धन केंद्रित हो रहा है

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मुंबई। करंट क्राइम। अपनी साफगोई के लिए जाने जाने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर साफगोई वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में गरीबों की संख्या बढती जा रही है। धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित हो रहा है।


नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है और धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित होता जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।” अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित होना चाहिए कि रोजगार पैदा हो और ग्रामीण क्षेत्रों का उत्थान हो।


पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की प्रशंसा की
उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे आर्थिक विकल्प पर विचार कर रहे हैं जो रोजगार पैदा करेगा और अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बढ़ावा देगा। धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में कई बदलाव हुए हैं।”
वरिष्ठ भाजपा नेता ने उदार आर्थिक नीतियों को अपनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह को भी श्रेय दिया, लेकिन अनियंत्रित केंद्रीकरण के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हमें इसके बारे में चिंतित होना चाहिए।”


जीडीपी में क्षेत्रीय असंतुलन
भारत की आर्थिक संरचना का उल्लेख करते हुए उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में क्षेत्रीय योगदान में असंतुलन की ओर इशारा किया।
उन्होंने कहा, “विनिर्माण क्षेत्र 22-24 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र 52-54 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि कृषि, ग्रामीण आबादी के 65-70 प्रतिशत हिस्से को शामिल करने के बावजूद, केवल 12 प्रतिशत योगदान देती है।”
उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की उभरती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सीए अर्थव्यवस्था के वृद्धि इंजन हो सकते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है। यह केवल आयकर रिटर्न दाखिल करने और जीएसटी जमा करने तक ही सीमित नहीं है।”
बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बात करते हुए, गडकरी ने परिवहन क्षेत्र में अपनी पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दावा किया, “मैंने ही सड़क निर्माण के लिए ‘निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण’ तंत्र की शुरुआत की थी।”
गडकरी ने कहा कि सड़क विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, “कभी-कभी मैं कहता हूं कि मेरे पास धन की कमी नहीं है, बल्कि मेरे पास काम की कमी है।”


टोल बूथों से होगी 1.40 लाख करोड की कमाई
उन्होंने कहा, “अभी हम टोल बूथों से करीब 55,000 करोड़ रुपये कमाते हैं और अगले दो साल में हमारी आय 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। अगर हम इसे अगले 15 साल तक मौद्रिकृत करते हैं तो हमारे पास 12 लाख करोड़ रुपये होंगे। नए टोल से हमारे खजाने में और पैसा आएगा।”

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त्रिनिदाद एंड टुबैगो में PM मोदी का शानदार स्वागत, बिहार के चौताल पर झूमे PM, देखें VIDEO

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। अफ्रीकन देश घाना से त्रिनिदाद एंड टुबैगो पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शानदार स्वागत किया गया। उनका पारंपरिक भोजपुरी अंदाज में ग्रैंड वेलकम किया गया है। त्रिनिदाद और टोबैगो में ट्रेडिशनल कलाकारों ने भोजपुरी चौताल गाकर पीएम मोदी का स्‍वागत किया। पीएम मोदी ने एक्‍स पर पोस्‍ट कर लिखा, एक ऐसा सांस्कृतिक जुड़ाव जो किसी और से अलग है! पोर्ट ऑफ़ स्पेन में भोजपुरी चौताल का प्रदर्शन देखकर बहुत खुशी हुई। त्रिनिदाद और टोबैगो और भारत, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों के बीच का जुड़ाव उल्लेखनीय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोवा के नेशनल साइक्लिंग वेलोड्रोम में सामुदायिक कार्यक्रम को भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ’मैं जानता हूँ कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी है। आपके पूर्वजों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया, वे सबसे मजबूत आत्मा को भी तोड़ सकती थीं, लेकिन उन्होंने उम्मीद के साथ कठिनाइयों का सामना किया।
पीएम ने कहा कि जब मैं 25 साल पहले यहां आया था तो हम सभी ने लारा के कवर ड्राइव और शॉट्स की तारीफ की थी। आज सुनील नरेन और निकोलस ही हैं जो हमारे युवाओं के दिलों में वही उत्साह जगाते हैं। तब से लेकर अब तक हमारी दोस्ती और भी मजबूत हुई है।
पीएम ने कहा कि हमें याद है कि आपने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पवित्र जल और शिलाएं भेजी थीं। मैं भी इसी तरह की भक्ति भावना के साथ यहां कुछ लाया हूं। अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी से कुछ जल लाना मेरे लिए सम्मान की बात है। आप सभी जानते हैं कि इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ हुआ था।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर में रहा करते थे। कमला जी स्वयं वहां जाकर भी आई हैं। लोग इन्हें बिहार की बेटी मानते हैं। यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए हैं। बिहार की विरासत भारत के साथ ही दुनिया का भी गौरव है। लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा हो, बिहार ने सदियों पहले दुनिया को ऐसे अनेक विषयों में नई दिशा दिखाई थी।

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Politics

PM मोदी ने घाना की संसद में क्या कहा कि सारे सांसद एक दूसरे को देखने लगे

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घाना के संसद को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं। हमारी दोस्ती आपके अनानास से भी मीठी है।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है। घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में मैं अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर आया हूं। घाना से मिले सर्वोच्च सम्मान के लिए मैं 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम घाना की ओर देखते हैं, तो हमें एक ऐसा राष्ट्र दिखाई देता है जो साहस के साथ खड़ा रहता है, जो हर चुनौती का सामना गरिमा और सम्मान के साथ करता है। आपकी समावेशी प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता ने घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए एक प्रेरणा का प्रकाश स्तंभ बना दिया है। बीती शाम का अनुभव मेरे लिए अत्यंत भावुक करने वाला रहा। आपका राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करना मेरे लिए एक गहरा गौरव है, जिसे मैं सदा संजोकर रखूंगा।

जब पीएम मोदी ने भारत के लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे देश में 2500 राजनीतिक दल हैं, जिसमें से 17 से 18 शासन करते हैं तो घाना के सांसद भी हैरान रह गए। वह एक दूसरे को देखने लगे।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, यह हमारे मौलिक मूल्यों का हिस्सा है। भारत में 2,500 से ज़्यादा राजनीतिक दल हैं, 20 अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग राज्यों पर शासन करती हैं, 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, हज़ारों बोलियां हैं। यही वजह है कि भारत आने वाले लोगों का हमेशा खुले दिल से स्वागत किया गया है।

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