ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद में आग लगने से 2 बच्चों की मौत: लोनी क्षेत्र के प्रशांत विहार में मच्छरों के लिए जलायी गई थी अगरबत्ती – गाजियाबाद समाचार

इस कमरे में दोनों बच्चों की जान गई है।
गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र के प्रशांत विहार में एकtragic घटना में आग से दो बच्चों की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब परिवार ने मच्छरों से बचने के लिए अगरबत्ती जलाई थी, और देर रात अचानक आग लग गई। परिवार के सदस्यों ने जब तक आग पर काबू पाया, तब तक दोनों बच्चे बुरी तरह जल चुके थे।
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रात में परिवार सोया हुआ
नीरज अपने परिवार के साथ लोनी के प्रशांत विहार में रहते हैं। उन्होंने बताया कि रात में वह और उनकी पत्नी बाहर के कमरे में सो रहे थे, जबकि बच्चे अंदर के कमरे में थे। बिजली नहीं आ रही थी, इसलिए उन्होंने पास की दुकान से मच्छरों को भगाने के लिए अगरबत्ती लाई और उसे अंदर वाले कमरे में जला दिया।

हादसे के बाद घर के बाहर जमा हुई भीड़।
लगभग 2:30 बजे रात को मकान में आग लग गई। इस हादसे में बेटे अंश और उसके भाई अरुण की जान चली गई। पिता नीरज ने बताया कि जब आग लगी, तो घर में धुआं भर गया था। मैं और मेरी पत्नी बाहर निकल आए, लेकिन जब आसपास के लोग इकट्ठा हुए, तब हमने देखा कि बच्चे कमरे के अंदर रह गए थे। आग बुझाने के बाद जब हमने कमरे में झांककर देखा, तो दोनों बच्चे जल चुके थे।
ग़ाजियाबाद
कृष्णा नगर बागू, गाजियाबाद में पानी की कमी, जल निगम की टंकी के सामने प्रदर्शन

गाजियाबाद। नगर निगम के वार्ड नंबर 1 में स्थित कृष्णा नगर बागू के निवासियों ने पानी की कमी के खिलाफ सुदामापुरी में जल निगम की टंकी के बाहर प्रदर्शन किया। गुस्साए व्यक्तियों ने नगर निगम के खिलाफ ‘हाय-हाय’ के नारे लगाए और जल आपूर्ति को शीघ्र बहाल करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे उन्हें नहाने, खाना पकाने और पीने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की कमी के चलते लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने कई बार नगर निगम अधिकारियों को शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं आया है। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पानी की समस्या का तुरंत समाधान नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज कर देंगे।
ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद में आंधी-तूफान और तेज़ बारिश से मिली गर्मी में राहत, लेकिन पेड़ गिरने और जलभराव से हुई कठिनाई

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गाजियाबाद। लगातार उमस भरी गर्मी से जूझ रहे लोगों को बुधवार रात लगभग आठ बजे तेज आंधी और झमाझम बारिश ने राहत प्रदान की। हालांकि, कई स्थानों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
शहर के अंडरपास में जलभराव के कारण अनेक वाहन फंस गए। जिले में तूफान के चलते 50 से अधिक पेड़ सड़क पर गिर गए। संजयनगर सेक्टर 23 के पास, मस्जिद के समीप, एक 46 फुट ऊंचा पुराना बरगद का पेड़ सड़क पर खड़ी चार पहिया गाड़ियों पर गिर पड़ा।幸运地, गाड़ियों के अंदर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आंबेडकर रोड पर भी उखड़े पेड़ ने दो कारों पर गिरावट की।
मौसम की खराबी के साथ बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आंधी की रफ्तार लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आंधी के दौरान कई होर्डिंग्स और टिन के शेड भी उड़कर सड़कों पर गिर गए।
रात करीब नौ बजे नगर प्रशासन की राहत और बचाव टीम मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने के प्रयास में जुट गई। नगर निगम के दावों के बावजूद, बारिश के महज एक घंटे में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। बारिश का पानी कई सड़कों से होकर सोसाइटी के बेसमेंट और दुकानों में जा भर गया, जिससे व्यापार और आवागमन पर असर पड़ा।
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ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद में 109 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, पश्चिम बंगाल से संचालित ठगों का नेटवर्क सक्रिय

गाजियाबाद। जिले की साइबर क्राइम टीम ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक महत्त्वपूर्ण खोज की है। जांच से पता चला है कि जिले में 450 से अधिक साइबर ठगी की घटनाओं में कुल 109 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इनमें से 97 मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल से संचालित हैं।
गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में गाजियाबाद समेत विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) ने भाग लिया। इस कार्यशाला में साइबर ठगों के नए ठिकाने उजागर हुए।
पश्चिम बंगाल के 24 शहरों के अलावा झारखंड के देवघर, जामताड़ा, दुमका, धनबाद, गिरिडीह, रांची और हजारीबाग में भी साइबर ठगों का सक्रिय नेटवर्क पाया गया। इसके साथ ही एनसीआर से सटे हरियाणा के नूह और राजस्थान के डींग जिले में भी साइबर अपराधियों के गिरोह का पता चला है।
जिले की साइबर टीम की जांच में यह भी सामने आया कि अधिकतर ठगी फर्जी कॉल, ऑनलाइन स्कैम और फिशिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके की गई है। पश्चिम बंगाल से संचालित 97 मोबाइल सिम के माध्यम से ठगों ने गाजियाबाद के साथ-साथ देश-विदेश में लोगों को अपने निशाने पर रखा।
कार्यशाला में अधिकारियों ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए नए सुझाव और रणनीतियाँ साझा कीं, जिनमें संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग, डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच और अंतरराज्यीय समन्वय पर विशेष ध्यान दिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, संदिग्ध लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय पुलिस को दें। गाजियाबाद पुलिस इन ठिकानों पर छापेमारी और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का योजना बना रही है।
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