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किसानों का दिल्ली मार्च शुरू, विभिन्न स्थानों पर जाम और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

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किसान आंदोलन ने एक बार फिर उग्र रूप धारण किया है, और इस बार उनकी मांगों के पूरी न होने पर उन्होंने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के किसानों का काफिला दिल्ली की ओर बढ़ रहा है, जिसके कारण कई प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। प्रशासन ने इस स्थिति से निपटने के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय किए हैं और ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है, ताकि आम जनता को कम से कम परेशानियों का सामना करना पड़े।

किसानों के आंदोलन की प्रमुख मांगों में भूमि अधिग्रहण, उचित मुआवजा, और बेहतर कानूनी प्रावधानों की मांग शामिल है। पिछले कुछ महीनों से किसान विभिन्न सरकारी दफ्तरों और मंत्रालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे दिल्ली कूच करेंगे। इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली की ओर बढ़ते किसानों के काफिले ने यातायात की स्थिति बिगाड़ दी है। पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा तैनात की है, और किसानों के मार्गों को ट्रैफिक जाम से बचाने के लिए वैकल्पिक रास्तों की सलाह दी गई है। दिल्ली की सीमाओं पर अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं और ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से स्थिति की निगरानी की जा रही है।

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किसान आंदोलन के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा ने भी राजनीति को गरमा दिया है। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस पर संज्ञान लिया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस का एक डेलिगेशन 2 दिसंबर को मृतकों के परिवारों से मिलने के लिए योजना बना रहा है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने स्थिति को संभालने में लापरवाही बरती, जिससे हिंसा की स्थिति पैदा हुई। कांग्रेस का कहना है कि वे मृतकों के परिवारों से संवेदना व्यक्त करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके परिजनों को न्याय मिले।

संभल हिंसा के बाद प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। प्रशासन की पूरी कोशिश है कि भविष्य में ऐसी कोई हिंसा न हो और शांति बनाए रखी जाए। वहीं, किसान आंदोलन और संभल हिंसा दोनों ही घटनाएं सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या आंदोलन शांतिपूर्वक हल हो पाता है या फिर यह और बढ़ता है।

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क्वीन मैरी स्कूल पर गिरेगी CM रेखा गुप्ता की गाज? जब एक मां-बाप ने दिल्ली की मुखिया को बताया अपना दर्द

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राजधानी दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी और बच्चों को निकालने का मामला अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के जनसंवाद कार्यक्रम तक पहुंच गया है. मंगलवार (15 अप्रैल) को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के जनसंवाद कार्यक्रम में मॉडल टाउन स्थित क्वीन मैरी स्कूल से जुड़े कई अभिभावक और बच्चे पहुंचे.

इन्होंने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए कि स्कूल प्रशासन अभिभावकों से गलत तरीके से फीस वसूल रहा है और मना करने पर बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया जाता है.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सीएम ने लगाया फोन

शिकायत का फौरन कार्रवाई करते हुए रेखा गुप्ता ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया और निर्देश दिए कि इस मामले की तुरंत जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

ख़ुद मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा की. वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, समान अवसर और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है. किसी भी प्रकार का अन्याय, शोषण या अनियमितता को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है—इसमें कोई ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी.”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का संकल्प साफ है कि हर बच्चे को न्याय, सम्मान और अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले. उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा के रास्ते में किसी भी तरह की रुकावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फिलहाल इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी. सरकार का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी को गंभीरता से लिया जाएगा और सख्त कदम उठाए जाएंगे.

बता दें कि दिल्ली में फीस बढ़ोतरी को लेकर विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) रेखा गुप्ता सरकार को घेर रही है. पार्टी का कहना है कि फीस बढ़ोतरी की साजिश में बीजेपी खुद शामिल है.

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दिल्ली में यमुना से अतिक्रमण हटाने पहुंचा DDA, विरोध में उतरे लोग

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दिल्ली के यमुना खादर क्षेत्र में शुक्रवार को अवैध झुग्गियों को हटाने के लिए डीडीए अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंच गए। जिसके बाद वहां हंगामा हुआ। इसी बीच पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रविन्द्र सिंह नेगी कार्रवाई को रोकने के लिए वहां पहुंचे। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध झुग्गियों को हटाने के लिए अधिकारी बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंचे थे। हालांकि विधायक के हस्तक्षेप से ऐक्शन को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है।
पटपड़गंज विधानसभा से भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने कहा, ‘यह हाईकोर्ट का आदेश था और पिछले कई सालों से यह योजना चल रही थी। हम उच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन हमने कोर्ट से कहा है कि यमुना नदी के किनारे कई लोग कई सालों से रह रहे हैं और उनकी रोजी-रोटी और कमाई यहां की खेती पर ही निर्भर है। हमने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अनुरोध किया है कि हमें कुछ समय दिया जाए ताकि यहां के लोग अपनी फसल काट सकें। ये लोग बहुत परेशान हैं।’
भाजपा विधायक ने कहा, ‘हाईकोर्ट का आदेश है कि यमुना किनारे जो ग्रीन बेल्ट है उससे अतिक्रमण हटाया जाए। पिछले कई सालों से यह प्लानिंग चल रही है। हम हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। अभी यहां खेती उगी हुई है, अगर इसे हटा दिया जाएगा तो ये खाएंगे क्या। हमने एलजी सक्सेना और सीएम रेखा गुप्ता से अनुरोध किया है कि इन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी जाए ताकि ये फसल काट सकें। ये लोग बहुत परेशान हैं। हम न्यायालय का सम्मान करते हैं। ये लोग भी यहां फंसे हुए हैं, मैं विनती करूंगा की इन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी जाए।’

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दिल्ली: मंत्री प्रवेश वर्मा ने PWD एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को किया सस्पेंड

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को सस्पेंड किया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने निरीक्षण के दौरान खामियों के चलते यह कार्रवाई की है। इतना ही नहीं उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर कोई भी खामियां पाई गईं तो इसी तरह कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया कि वेस्ट विनोद नगर में नाले का निरीक्षण करते उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने यह कार्रवाई की है। नालों में गंदगी होने पर प्रवेश वर्मा ने पीडब्ल्यूडी के क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता रामाशीष को निलंबित करने का निर्देश दिया है।
वहीं, मंत्री प्रवेश वर्मा द्वारा की गई इस कार्रवाई से विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

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