भोपाल| मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने बुंदेलखंड के विकास के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासनकाल में दिए गए विशेष पैकेज पर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों से श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है। सूखा, पीने के पानी के संकट और पलायन की मार झेल रहे इस इलाके की स्थितियों को चिंता जनक बताते हुए यादव ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान कहा कि यह वक्त वोट की राजनीति का नहीं है, आज जरूरत इस बात की है कि बुंदेलखंड के लोगों के जीवन को सुखमय कैसे बनाया जाए। उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश के छह और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड बनता है। यहां के कमोबेश हर जिले का हाल एक जैसा ही है। हर तरफ जल संरचनाओं में पानी नहीं है, रोजगार के अवसर नहीं है, हजारों परिवार पलायन कर गए हैं, मगर मध्य प्रदेश हो या केंद्र की सरकार, दोनों को सिर्फ राजनीति सूझ रही हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि तब बुंदेलखंड के लिए 7200 करोड़ का विशेष पैकेज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पहल पर जारी हुआ था। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार नहीं थी, वास्तव में इस राशि का कितना और किस तरह से इस्तेमाल हुआ है, यह सरकारों को बताना चाहिए और इसके लिए ‘श्वेतपत्र’ जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने बुंदेलखंड पैकेज की राशि को खर्च किए जाने के सवाल पर कहा कि दोनों ही राज्यों में सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ है, बांध, स्टॉपडैम और चेकडैम के नाम पर सिर्फ ढांचे खड़े किए गए, जो पहली ही बारिश में धराशायी हो गए। यही कारण है कि बारिश का पानी कहीं भी ठहरा नहीं है। बुंदेलखंड पैकेज का सही इस्तेमाल हुआ होता तो आज इस क्षेत्र में पानी का जो सकट है, वह काफी हद तक कम होता। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड को लेकर वहां की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए जा रहे कार्य और केंद्र सरकार द्वारा पानी ट्रेन भेजे जाने के सवाल पर यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार चाहे जिस लाभ के लिए यह कदम उठा रही हो, मगर इससे लाभ तो वहां के गरीब को ही मिल रहा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मगर केंद्र सरकार सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए पानी ट्रेन भेजने का नाटक कर रही है। केंद्र को अगर वास्तव में बुंदेलखंड के सूखे की चिंता है तो उसे मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड से परहेज क्यों है। यादव का कहना है कि भाजपा सिर्फ नौटंकी में भरोसा करती है, उसे जनता के दर्द और तकलीफ की चिंता नहीं हैं। मध्यप्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार है, अगर वे चाहें तो बुंदेलखंड के लिए बहुत कुछ कर सकती है। मनरेगा के लिए राशि देना, कुंओं तालाब आदि की स्थिति सुधारने के लिए तो राशि दी ही जा सकती है, मगर उनकी नीयत ही नहीं है, बुंदेलखंड के लिए काम करने की। यादव ने कहा कि उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान से कहा है कि बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त किसानों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलें, कांग्रेस भी उनके साथ चलने को तैयार है, मगर चौहान तो मोदी से डरते हैं। यही कारण है कि वे आत्महत्या करते किसानों, रोजगार के लिए घर छोड़कर जाते किसानों की आवाज भी उठाने से कतराते हैं। उन्होंने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी, तब तो चौहान धरना तक दे देते थे, मगर अब ऐसा नहीं कर रहे। यह उनकी मजबूरी है। मध्यप्रदेश को चार बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने पर कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि अगर वास्तव में राज्य का किसान खुशहाल है, पैदावार अच्छी हो रही है तो किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? अरुण यादव ने कहा, “शिवराज सरकार सिर्फ विज्ञापनों की सरकार है।”