गाजियाबाद (करंट क्राइम)। किसान आंदोलन को लेकर जहां टिकैत यूपी गेट पर टिके हुए हैं वहीं भाजपा इस आंदोलन को लेकर अपने जाट नेताओं को देहात इलाके में भेज रही है। जिस तरह से मुजफ्फरनगर में भाजपा के जाट नेता का विरोध हुआ, उसके बाद ये आवाज सुनाई देने लगी कि भाजपा के जाट नेता यदि भाजपा का पक्ष लेकर जाट बाहुल्य गांव में जायेंगे तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ेगा। पहले से सवाल उठ रहे थे कि भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया जाट बाहुल्य गांवों में नहीं जा रहे। बृजपाल तेवतिया जाट राजनीति का बड़ा नाम हैं। विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उनके भाई मुरादनगर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष हैं। बृजपाल तेवतिया का अपना एक कद है। जब चर्चा ये चली कि बृजपाल तेवतिया जाट बाहुल्य गांवों में जा रहे हैं या नहीं तो इस डाउट को करंट क्राइम ने सीधे बृजपाल तेवतिया से बात कर स्पष्ट किया। करंट क्राइम ने जब बृजपाल तेवतिया से बात की तो उन्होंने कहा कि वह पांच जाट बाहुल्य गांव में होकर आये हैं। लोगों से मिले हैं। उन्होंने कहा कि वह सदरपुर, काजीपुरा, रईसपुर, महरौली और शमशेर गांव में किसानों से मिले हैं। पांच गांव जाने का आदेश हुआ था और पार्टी के आदेश का पालन किया है। जब बृजपाल तेवतिया से पूछा गया कि मुजफ्फरनगर शामली में जिस तरह से भाजपा के जाट नेताओं का विरोध हो रहा है तो क्या आपको भी जाट बाहुल्य गांव में विरोध का सामना करना पड़ा। इस सवाल के जवाब में बृजपाल तेवतिया ने कहा कि हम इस क्षेत्र के पुराने लोग हैं। यहां सब हमारे मित्र और रिश्तेदार हैं। सभी से व्यक्तिगत सम्बंध हैं। सभी के सुख-दुख में सब शामिल होते हैं। लिहाजा विरोध जैसा तो कोई सीन ही नही है। उन्होंने बताया कि गांव में चौपाल में बैैठकर किसानों के साथ बात की है। उन्हें किसान बिल के बारे में समझाया है। यहां सवाल हुआ कि क्या आपने उनकी भी सुनी या केवल सरकार वाली बात सुनाकर आ गये। इस सवाल के जवाब में बृजपाल तेवतिया ने कहा कि सबसे पहले तो उनकी सुनी है। उनकी नहीं सुनते तो पता कैसे चलता कि वो क्या कहना चाहते हैं। उनकी पूरी बात सुनने के बाद हमने इस पर अपनी बात रखी। उनकी भी सुनी और अपनी भी कही। बहरहाल बृजपाल तेवतिया के पंच गांव दौरे के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि वह गांवों में जा रहे हैं। बिरादरी से लेकर किसानों तक भाजपा की बात को समझा रहे हैं।