मुंबई। बालीवुड फिल्म निर्माता अनुभव अब कोविड-19 पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। यह फिलवि वे चार और फिल्ममेकर्स के साथ मिलकर बनाएंगे। अनुभव सिन्हा ने हाल ही में अपनी अगली परियोजना की घोषणा कर दी है। यह कोरोनोवायरस महामारी की कहानी और अनुभवों पर आधारित एक एंथोलॉजी फिल्म होगी जिसका निर्माण बनारस मीडिया वर्क्स के तहत किया जाएगा। अनुभव सिन्हा द्वारा अपने बैनर बनारस मीडियावर्क्स के तहत निर्मित, अनटाइटल एंथोलॉजी 2021 में रिलीज की जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि कोविड-19 महामारी के बीच हालिया स्थिति के विषय पर केंद्रित एक एंथोलॉजी फिल्म बनाने के लिए अनुभव सिन्हा ने हंसल मेहता, सुधीर मिश्रा, केतन मेहता और सुभाष कपूर जैसे फिल्ममेकर्स से साथ हाथ मिलाया है।
एन्थोलॉजी के विचार और इसके पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करते हुए, अनुभव सिन्हा ने बताया, “यह हमारे जीवन में एक दिलचस्प समय की कहानियों को बताने के लिए नामों का एक दिलचस्प ग्रुप होगा। हम सभी फरवरी/मार्च 2020 से इस समय की व्याख्या करेंगे और हम सभी इससे एक कहानी बताएंगे।”अनुभव सिन्हा बताते हैं- “यह इतना दिलचस्प समय है, कि भले ही मुझे यह एहसास है कि इस स्थिति के लिए दिलचस्प अच्छा शब्द नहीं है। सुधीर भाई के ड्राइवर कोविड की चपेट में आ गए थे और उन्हें बिस्तर नहीं मिल रहा था और हम उन्हें अस्पताल में बिस्तर दिलाने के लिए सभी को फोन कर रहे थे। उस रात मेरे दिमाग में आया की हमें इसे डॉक्यूमेंट करना चाहिए। और अलग-अलग चीजों को देखने वाले विभिन्न फिल्म ओं के साथ इसे करने की तुलना में बेहतर तरीका क्या हो सकता है भला? सुधीर जी के पीताजी की मौत कोविड के समय में हुई थी। हमने इरफान को भी खो दिया – और हम इरफान के जनाजे पे भी नहीं जा पाए। निकलूं कि नहीं निकलूं। तिग्मांशु (धूलिया) को पुलिस से झगड़ा करना पड़ा- उन्होंने कहा कि मैं तो जाऊंगा, भाई है मेरा।” वह आगे कहते हैं, “ये सारी चीजें परेशान करने वाली थी। मुझे लगा इनको रिकॉर्ड करना चाहिए।
मैंने फिर सभी दोस्तों से बात की और उन सभी ने कहा- हां यार करते हैं और इस तरह इसके पीछे का विचार औपचारिक होना शुरू हो गया।’ यह हम सभी के लिए एक अच्छे सहयोग की तरह लग रहा था। इसमें सुभाष की एक कहानी, हंसल की एक, सुधीर भाई की एक, केतन की एक कहानी है। ये ऐसे फिल्मकार हैं जिनके बारे में मेरा मानना है कि ‘बॉलीवुड’ ने इन्हें काफी हद तक अनदेखा किया है।” प्रत्येक फिल्म निर्माता की कहानी पर अधिक रोशनी डालते हुए, अनुभव बताते हैं, “हंसल की कहानी काफी हास्यपूर्ण और काफी दुखद है। सुधीर भाई काफी राजनीतिक हैं। सुभाष भी राजनीतिक है, लेकिन एक अलग तरीके से। मैं अभी भी अपनी कहानी के बारे में सोच रहा हूं।’ अपनी कहानी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा- ‘मैं एक वायुमंडलीय कहानी बताना चाहता हूं, जो डर के बारे में है। मैं 20वीं मंजिल पर रहता हूं और मैं अपनी खिड़की से मुंबई का एक बहुत बड़ा विस्तार देख सकता हूं। यह अचानक एक निर्जन, मृत शहर की तरह दिखने लगा है और केतन कह रहे है कि ‘मैं देख कर बताता हूं।’