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ग्रेटर नोएडा

एस्टर पब्लिक स्कूल का वार्षिक उत्सव: छात्रों की प्रतिभा का अनोखा प्रदर्शन

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ग्रेटर नोएडा स्थित एस्टर पब्लिक स्कूल 11 दिसंबर को अपना वार्षिक उत्सव आयोजित करने जा रहा है। इस भव्य आयोजन में 1200 से अधिक छात्र-छात्राएं अपनी कलात्मक और सांस्कृतिक प्रतिभाओं का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक ऐसा मंच होगा, जहां वे अपनी क्षमता और रचनात्मकता को प्रस्तुत कर सकेंगे।

कार्यक्रम की विशेषताएं

इस वर्ष के उत्सव का मुख्य उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना है। आयोजन में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां और प्रस्तुतियां शामिल होंगी, जैसे:

  1. सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: नृत्य, संगीत और नाटकों के जरिए छात्रों की कलात्मकता को उजागर किया जाएगा।
  2. एकेडमिक उपलब्धियां: छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी।
  3. समूह गतिविधियां: टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी।

1200 छात्रों की भागीदारी

1200 छात्र-छात्राएं इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, जो स्कूल के हर वर्ग और आयु वर्ग से होंगे। ये छात्र अपने अभिभावकों और शिक्षकों के समक्ष अपनी विविध प्रतिभाओं का प्रदर्शन करेंगे। इस आयोजन के लिए विशेष रूप से तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए अनुभवी मार्गदर्शकों की सहायता ली गई है।

महत्वपूर्ण जानकारी

कार्यक्रम का आयोजन स्कूल के मुख्य परिसर में किया जाएगा, जहां सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इस अवसर पर अभिभावक, स्थानीय गणमान्य व्यक्ति, और अन्य अतिथि भी आमंत्रित हैं। आयोजन के जरिए स्कूल का उद्देश्य छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाना और उनके व्यक्तित्व विकास में मदद करना है।

स्कूल का उद्देश्य

एस्टर पब्लिक स्कूल ने हमेशा ही शिक्षा के साथ-साथ सह-शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। वार्षिक उत्सव जैसे कार्यक्रम छात्रों के लिए सीखने और बढ़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। स्कूल प्रशासन का मानना है कि ऐसे आयोजन बच्चों को अनुशासन, टीमवर्क और आत्म-अभिव्यक्ति का मूल्य सिखाते हैं।

ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर नई गति सीमा लागू: कोहरे के कारण हल्के और भारी वाहनों की स्पीड लिमिट घटाई गई, 177 कैमरों से होगी निगरानी।

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ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर नई गति सीमा लागू: कोहरे के कारण हल्के और भारी वाहनों की स्पीड लिमिट घटाई गई, 177 कैमरों से होगी निगरानी।

ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर नई गति सीमा लागू: कोहरे के चलते स्पीड लिमिट घटाई गई

ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर अब नई गति सीमा लागू कर दी गई है, जिसे कोहरे के कारण वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए घटाया गया है। प्रशासन ने हल्के और भारी वाहनों के लिए अलग-अलग गति सीमा निर्धारित की है, ताकि दुर्घटनाओं की संख्या को कम किया जा सके। इस कदम का उद्देश्य कोहरे के समय दृश्यता कम होने के कारण दुर्घटनाओं को रोकना है, क्योंकि घने कोहरे में गति की अधिकता से वाहन दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

नई गति सीमा के तहत हल्के वाहनों के लिए 60 किमी प्रति घंटे की सीमा तय की गई है, जबकि भारी वाहनों के लिए यह सीमा 50 किमी प्रति घंटे निर्धारित की गई है। इससे पहले, एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटे तक थी, लेकिन अब कोहरे के कारण इसे घटाकर यह सीमा लागू की गई है। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगा और चालक अधिक सतर्क रहेंगे।

इसके साथ ही, एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा की निगरानी के लिए 177 हाई-टेक कैमरे लगाए गए हैं, जो गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान करेंगे। इन कैमरों के जरिए अधिकारियों को तुरंत सूचना मिल जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने पर चालान जारी किया जाएगा। यह कदम यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने और लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

यात्री और वाहन चालक को इस नई गति सीमा के बारे में पूरी जानकारी दी गई है, ताकि वे अपनी यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से पूरा कर सकें। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे इन दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि सड़क पर दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

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ग्रेटर नोएडा

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अग्निशमन खामियों पर 54 अस्पतालों को नोटिस, निर्देश न मानने पर सख्त कार्रवाई होगी।

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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अग्निशमन खामियों पर 54 अस्पतालों को नोटिस, निर्देश न मानने पर सख्त कार्रवाई होगी।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अस्पतालों में अग्निशमन खामियां: 54 अस्पतालों को नोटिस, सख्त कार्रवाई की चेतावनी

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अग्निशमन सुरक्षा उपायों की कमी को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। दमकल विभाग ने निरीक्षण के दौरान पाया कि कई अस्पतालों में अग्निशमन से जुड़ी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया है। इस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने 54 अस्पतालों को नोटिस जारी किया है। साथ ही, यह चेतावनी दी है कि यदि तय समय सीमा के भीतर खामियों को दूर नहीं किया गया, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।

क्या हैं खामियां?

दमकल विभाग के अनुसार, इन अस्पतालों में अग्निशमन के बुनियादी प्रबंधों की कमी पाई गई है। इनमें फायर एग्जिट का न होना, आग बुझाने वाले यंत्रों का अनुपलब्ध या खराब होना, अलार्म सिस्टम का सही से काम न करना और आपातकालीन निकासी मार्ग का अवरुद्ध होना जैसी खामियां शामिल हैं। ये खामियां किसी भी आपात स्थिति में बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं।

नोटिस का उद्देश्य

दमकल विभाग ने इन 54 अस्पतालों को समयबद्ध तरीके से सुरक्षा उपायों को सुधारने का निर्देश दिया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि अग्निशमन मानकों का पालन नहीं किया गया, तो अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना और भारी जुर्माना लगाना भी शामिल है।

सरकार और प्रशासन की सख्ती

नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में अस्पतालों की बढ़ती संख्या और उनके संचालन में हो रही लापरवाहियों को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। प्रशासन का कहना है कि मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है, और इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

अस्पताल प्रबंधन पर दबाव

इस नोटिस के बाद अस्पताल प्रबंधन पर दबाव बढ़ गया है। कुछ अस्पतालों ने खामियों को सुधारने का काम शुरू कर दिया है, जबकि अन्य ने विभाग से अतिरिक्त समय की मांग की है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वे जल्द से जल्द अग्निशमन सुरक्षा के मानकों को पूरा करेंगे।

जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अस्पताल जैसी जगहों पर अग्निशमन सुरक्षा का होना अत्यंत जरूरी है, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में मरीजों और कर्मचारियों की जान खतरे में रहती है।

आगे की कार्रवाई

दमकल विभाग ने यह भी कहा है कि वह दोबारा निरीक्षण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी अस्पताल तय मानकों का पालन करें। अग्निशमन सुरक्षा में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई तय है।

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BIG BREAKING: ग्रेटर नोएडा में दुर्लभ जानवरों का शिकार जारी, फिशिंग कैट से लेकर सियार तक प्रभावित।

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**BIG BREAKING: ग्रेटर नोएडा में दुर्लभ जानवरों का शिकार जारी, फिशिंग कैट से लेकर सियार तक प्रभावित** ग्रेटर नोएडा के जंगलों और आस-पास के इलाकों में दुर्लभ और संरक्षित जानवरों के शिकार की घटनाएं सामने आ रही हैं। इनमें फिशिंग कैट, सियार और अन्य जंगली प्रजातियां शामिल हैं। ये जानवर न केवल क्षेत्र की जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। वन विभाग और स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में शिकार की घटनाओं में तेजी आई है। फिशिंग कैट, जिसे भारत में संरक्षित प्रजातियों में गिना जाता है, और सियार, जो जंगल के सफाईकर्मी माने जाते हैं, शिकारियों के निशाने पर हैं। इन जानवरों का शिकार मुख्यतः खाल, मांस और अवैध व्यापार के लिए किया जा रहा है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए वन विभाग ने जांच तेज कर दी है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही, स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें। पर्यावरणविदों का मानना है कि शिकार की इन घटनाओं से न केवल क्षेत्र की जैव विविधता को नुकसान हो रहा है, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन भी बिगड़ रहा है। यदि यह समस्या नहीं रुकी तो आने वाले समय में दुर्लभ प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। सरकार और वन विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि शिकारियों पर लगाम लगाई जा सके और इन दुर्लभ जानवरों को बचाया जा सके। ग्रेटर नोएडा के जंगलों में हो रही इन घटनाओं ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।

BIG BREAKING: ग्रेटर नोएडा में दुर्लभ जानवरों का शिकार जारी, फिशिंग कैट से लेकर सियार तक प्रभावित

ग्रेटर नोएडा के जंगलों और आस-पास के इलाकों में दुर्लभ और संरक्षित जानवरों के शिकार की घटनाएं सामने आ रही हैं। इनमें फिशिंग कैट, सियार और अन्य जंगली प्रजातियां शामिल हैं। ये जानवर न केवल क्षेत्र की जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

वन विभाग और स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में शिकार की घटनाओं में तेजी आई है। फिशिंग कैट, जिसे भारत में संरक्षित प्रजातियों में गिना जाता है, और सियार, जो जंगल के सफाईकर्मी माने जाते हैं, शिकारियों के निशाने पर हैं। इन जानवरों का शिकार मुख्यतः खाल, मांस और अवैध व्यापार के लिए किया जा रहा है।

इस बढ़ते खतरे को देखते हुए वन विभाग ने जांच तेज कर दी है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही, स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।

पर्यावरणविदों का मानना है कि शिकार की इन घटनाओं से न केवल क्षेत्र की जैव विविधता को नुकसान हो रहा है, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन भी बिगड़ रहा है। यदि यह समस्या नहीं रुकी तो आने वाले समय में दुर्लभ प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

सरकार और वन विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि शिकारियों पर लगाम लगाई जा सके और इन दुर्लभ जानवरों को बचाया जा सके। ग्रेटर नोएडा के जंगलों में हो रही इन घटनाओं ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।

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