अरुणाचल प्रदेश
“सांसों को राहत: आठ साल बाद आए पाँच अच्छे दिन, गाजियाबाद और नोएडा में 2017 के बाद इस दिसंबर में सबसे अच्छी हवा दर्ज की गई।”

सांसों को राहत: आठ साल बाद गाजियाबाद और नोएडा में पांच अच्छे दिन
गाजियाबाद और नोएडा के निवासियों को लंबे समय बाद शुद्ध हवा में सांस लेने का मौका मिला है। दिसंबर 2023 में इन शहरों ने पिछले आठ वर्षों में पहली बार “पाँच अच्छे दिन” दर्ज किए हैं, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘अच्छा’ या ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रहा। 2017 के बाद यह पहला मौका है जब दिसंबर महीने में वायु गुणवत्ता इतनी बेहतर दर्ज की गई है।
गौरतलब है कि गाजियाबाद और नोएडा भारत के उन शहरों में शामिल हैं, जो अकसर खराब वायु गुणवत्ता के लिए बदनाम रहे हैं। इन क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान प्रदूषण का स्तर आमतौर पर गंभीर होता है, जिसका प्रमुख कारण वाहन प्रदूषण, औद्योगिक उत्सर्जन, पराली जलाने और ठंड के कारण हवा में स्थिरता है। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग रही।
क्या रहे मुख्य कारण?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव का श्रेय कई कारकों को जाता है।
- पर्यावरणीय उपायों का प्रभाव: क्षेत्रीय प्रशासन द्वारा कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपाय अपनाए गए, जैसे निर्माण कार्यों पर पाबंदी और सड़कों पर पानी का छिड़काव।
- मौसमी प्रभाव: इस वर्ष दिसंबर की शुरुआत में हवा की गति तेज रही, जिससे प्रदूषक कण बिखर गए और स्मॉग बनने से बचा।
- सामाजिक जागरूकता: सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा चलाए गए अभियानों ने लोगों को पर्यावरणीय उपायों के प्रति जागरूक किया, जैसे कचरा जलाने से बचना और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना।
लोगों ने जताई खुशी
स्थानीय निवासियों ने इस बदलाव का स्वागत किया है। उन्हें लंबे समय बाद खुली और शुद्ध हवा में सांस लेने का मौका मिला। खासकर बच्चों और बुजुर्गों ने इस दौरान राहत महसूस की।
अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है
हालांकि यह एक सकारात्मक संकेत है, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि स्थायी समाधान के लिए लंबे समय तक काम करने की आवश्यकता है। स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस नीतियां और जनभागीदारी जरूरी है।
गाजियाबाद और नोएडा के इन “पाँच अच्छे दिनों” ने यह जरूर साबित कर दिया है कि सही दिशा में उठाए गए छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। अगर इन्हीं प्रयासों को निरंतर जारी रखा जाए, तो भविष्य में वायु गुणवत्ता में और सुधार संभव है।
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भारी बारिश के चलते गंगाजल के स्तर में भारी बढ़ोत्तरी

हापुङ । करंट क्राइम। तेज बारिश के कारण हापुड़ में गंगाजल का स्टार लगातार बढ़ रहा है। गढ़ कोतवाली क्षेत्र में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन की ओर से लोगों को सचेत कर दिया गया है।
पुलिस एवं एनडीआरएफ के जवान लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इस बीच खाली नाव में पानी भर जाने के कारण नाव गंगा में डूब गई। भारी मशक्कत के बाद नाव को बाहर निकला गया।
Lucknow
VIDEO BEARKING – BJP वाले खंबा लगाकर बोलेंगे, यह सडक हमने बनाई हैः अखिलेश

कन्नौज। करंट क्राइम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को भाजपा, केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 11 साल, उत्तर प्रदेश के लगभग 9 साल को मिलाकर 20 साल की उपलब्धि को भाजपा को बताना चाहिए। सब समाजवादियों ने किया है। सड़के हमने बनाई पुल हमने बनाया। ये लोग तो सड़क के छोटे हिस्से पर खंबा लगा देंगे और कहेंगे कि हमने सड़क बनाया बनाई अखिलेश यादव ने शनिवार को कन्नौज में छोटे सिंह यादव की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया उन इस मौके पर उन्होंने कहा कि जो घटना अहमदाबाद में हुई है वह बहुत दुखद है हम लोग यही प्रार्थना कर सकते हैं कि इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हो उन्होंने कहा कि छोटे सिंह यादव का कन्नौज के विकास में बड़ा योगदान है उनकी कमी हमेशा रहेगी जो रास्ता उन्होंने देखा है उसी रास्ते पर चलकर समाजवादी विरासत को आगे बढ़ने का काम करेंगे
अरुणाचल प्रदेश
लकी नंबर बना विजय रुपाणी के लिए अनलकी, 1206 को काफी लकी मानते थे, उसी दिन हुई मौत


अहमदाबाद। करंट क्राइम। अहमदाबाद से लंदन जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की भी मौत हो गई है। इसे महज संयोग कहिए या कुछ भाजपा नेता विजय रुपाणी का 1206 से विशेष लगाव रहा है। वे इस नंबर को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। गौर फरमाइए, उनकी मौत भी इसी नंबर के दिन पर हुई है।
पुराने स्कूटर से लेकर पहली कार तक एक नंबर…1206 को लकी मानते थे विजय रुपाणी।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। वहीं अब विजय रुपाणी के निधन की तारीख को लेकर एक हैरान कर देने वाल संयोग सामने आया है।

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री के जीवन में एक नंबर था, जो सिर्फ एक अंक नहीं बल्कि उनके लिए भरोसे का प्रतीक था। यह नंबर था 1206, जिसे वो अपने लिए लकी समझते थे। इस नंबर को विजय रुपाणी इतना लकी मानते थे कि स्कूटर से लेकर कार तक उनकी सभी गाड़ियों का नंबर भी शुरुआत से इसी नंबर 1206 से ही होती रही। लेकिन यही संख्या उनके लिए ऐसी अशुभ हुई कि उनकी जान तक चली गई।
पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी के लिए 12 जून यानी 12-06 को उनका सबसे भरोसे वाला नंबर 1206 उनके लिए ही नहीं बल्कि उनके परिवार के लिए भी अनलकी साबित हो गया। विजय रुपाणी का स्कूटर से लेकर पहली कार का नंबर 1206 ही था। यह कार और स्कूटर आज भी उनके घर की पार्किंग में मौजूद हैं। लेकिन, संयोग ही है कि 12-06 ही उनके जीवन की अंतिम तारीख बन गई।
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