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आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में टेस्टेड और दुनिया में ट्रस्टेड हैः योगी

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गाजियाबाद। करंट क्राइम। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यानि गुरुवार को साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया स्थित सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड यानि सीईएल में डाटा सेंटर का विधिवत भूमि पूजन किया।
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के 51वें स्थापना दिवस के मौके पर गुरुवार को पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीईएल में बनने वाले ग्रीन डाटा सेंटर के लिए विधि-विधान से पूजा कर भूमि पूजन किया। मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद में डाटा सेंटर की आधारशिला रखी।
इसके बाद सीईएल के अध्यक्ष चेतन प्रकाश जैन ने डाटा सेंटर की मॉडल को दिखाते हुए उसकी विशेषताओं और बारीकियों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। कार्यक्रम स्थल से निकलने के बाद मुख्यमंत्री ने सीईएल परिसर में अशोक के पौधे का रोपण किया और फिर सीईएल में लगी उपकरण प्रदर्शनी का भी जायजा लिया। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा व भाजपा के अन्य नेता व पदाधिकारी
मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अत्याधुनिक डाटा स्टोरेज सेंटर (डाटा सेंटर) के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि भारत में बने आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में टेस्टेड और दुनिया के लिए ट्रस्टेड है। इस दौरान उन्होंने एक उद्योगपति की ओर से उत्तर प्रदेश में डाटा सेंटर खोलने के प्रस्ताव का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी भारतीयों को 2047 का लक्ष्य दिया कि जब भारत आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब हम कैसा भारत चाहते हैं, भारत कैसा होगा। भारत लाचार भारत न हो, भारत दुनिया के सामने अभावग्रस्त न हो, भारत आत्मनिर्भर हो, विकसित भारत हो और विकसित भारत का रास्ता इस प्रकार के संस्थानों से होकर जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 8 वर्ष पहले जहां लोग यूपी में निवेश नहीं करना चाहते थे वर्तमान में हर कोई यहां निवेश करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उद्यमियों ने यूपी में 50 लाख करोड़ का निवेश किया है।

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15 साल पहले महज 4 रुपए थी कीमत, आज एक बिटकॉइन 1 करोड रुपए का हो गया

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। करीब 15 साल पहले महज 4 रुपए में मिलने वाला एक बिटकॉइन अब 1 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। पिछले कुछ दिनों से इसके भाव में इतनी जोरदार तेजी की आंधी आई कि इसके भाव आज पहली बार $1.21 लाख के पार पहुंच गए।
बिटकॉइन की तेजी ने इसे मार्केट कैप के हिसाब से सिल्वर और गूगल से आगे कर दिया और अब यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा एसेट है। अमेरिकी ’क्रिप्टो वीक’ से पहले बिटकॉइन की चमक तेजी से बढ़ रही है। मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के भाव उछलकर $1.21 लाख के पार पहुंच गए। भारतीय करेंसी रुपये में बात करें तो पहली बार बिटकॉइन 1 करोड़ के पार पहुंचा है। कारोबार के दौराम आज यह $1,22,540.92 के रिकॉर्ड हाई तक पहुंचा था।

सात दिनों में इसमें 12 प्रतिशत से अधिक तेजी आई है। इस क्रिप्टो मार्केट को ट्रंप के सपोर्ट, क्रिप्टो ईटीएफ में मजबूत निवेश और कॉरपोरेट ट्रेजरी के बढ़ते आवंटन से सपोर्ट मिला है।
बिटकॉइन की तेजी ने इसे मार्केट कैप के हिसाब से सिल्वर और गूगल से आगे कर दिया और अब यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा एसेट है। बिटकॉइन का मार्केट कैप $2.4 ट्रिलियन यानी $2.4 लाख करोड़ है जबकि गूगल का मार्केट कैप $2.19 ट्रिलियन है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप एसेट गोल्ड है। आज से शुरू हो रहे ’क्रिप्टो वीक’ ने बिटकॉइन में तगड़ी चाबी भरी है जिसके चलते यह नई ऊंचाई पर पहुंचा है।

अमेरिका ने 3 जुलाई को ऐलान किया था कि 14 जुलाई से शुरू होने वाला सफ्ताह क्रिप्टो वीक होगा। अमेरिका को दुनिया की क्रिप्टो कैपिटल बनाने के लक्ष्य के तहत क्लेरिटी एक्ट, जीनियस एक्ट, और एंटी-सीबीडीसी सर्विलांस एक्ट जैसे अहम बिल पर चर्चा होगी। ये बिल क्रिप्टो से जुड़ी नियामकीय भूमिकाओं को स्पष्ट करने, स्टेबलकॉइन्स को ऑथराइज करने और अमेरिका के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को रोकने के उद्देश्य से लाए जा रहे हैं।

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भारतीय रेलवे का एक और कमाल, मिजोरम रेल नेटवर्क से जुडेगा, उदघाटन का इंतजार

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। जम्मू-कश्मीर के बाद अब पूर्वात्तर का एक राज्य रेल कनेक्टिविटी से जुड जाएगा। यह राज्य मिजोरम है। मिजोरम में 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन ट्रेनों के फर्राटे भरने के लिए तैयार है। अब इसके उद्घाटन का इंतजार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में इसकी आधारशिला रखी थी।
बैराबी-सैरांग रेल मार्ग असम के सिलचर के माध्यम से मिजोरम की राजधानी आइजोल को भारत के रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इसी के साथ भारत के सभी राज्य रेल नेटवर्क से जुड जाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार मिजोरम में लंबे अरसे प्रतीक्षित बैराबी-सैरांग रेल लाइन बनकर तैयार हो चुकी है। अब उद्घाटन का इंतजार है। इसके चालू होने से पर्यटन को जबर्दस्त बढ़ावा मिलेगा।
बैराबी-सैरांग परियोजना पूर्वोत्तर क्षेत्र में सभी राज्यों की राजधानियों को जोड़ने के लिए रेल मंत्रालय की एक बड़ी पहल का हिस्सा है। इसमें असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्यों में कई नई लाइनें और दोहरीकरण परियोजनाएं शामिल है। हालाँकि स्थानीय विरोध के कारण मेघालय में रेलवे विकास में देरी हुई।


क्या है खासियत
यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल है। किसी भी मौसम का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मानसून के मौसम में भी रेल मार्ग अप्रभावित रहेगा। एलईडी प्रकाश व्यवस्था और सौर ऊर्जा स्थापित की गई है। बैराबी-सैरांग परियोजना में 48 सुरंगें और 55 प्रमुख पुल शामिल हैं।
इस रूट पर सुरंगों की कुल लंबाई 12,853 मीटर है। बता दें कि इस रूट पर एक पुल है जो 104 मीटर की ऊंचाई पर है। ये कुतुब मीनार की ऊंचाई से 42 मीटर अधिक है। सुरंगों में एलईडी लाइटिंग लगाई है। ये सौर ऊर्जा का भी उपयोग कर रहे हैं।
यह नई रेलवे लाइन मिजोरम की राजधानी आइजोल के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाएगी। ये सैरांग से लगभग 20 किमी दूर स्थित है। इस लाइन के खुलने से मिजोरम राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क में एकीकृत हो जाएगा। इससे माल और यात्रियों की आवाजाही में सुविधा होगी।

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कारवालों को नितिन गडकरी ने दी बहुत बड़ी राहत, उन्हीं से सुनिए, VIDEO

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