ग़ाजियाबाद
गाज़ियाबाद में सरकारी फार्मासिस्ट पर अवैध अस्पताल चलाने और अशालीन व्यवहार के गंभीर आरोप

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गाजियाबाद। थाना मसूरी क्षेत्र के ग्राम नाहल से एक गंभीर मामला उजागर हुआ है, जिसमें सरकारी फार्मासिस्ट डॉ. योगेंद्र नाथ सचान, जिन्हें यु. एन. सचान के नाम से भी जाना जाता है, पर आरोप लगाया गया है कि वे बिना अनुमति के निजी अस्पताल चला रहे हैं, सरकारी दवाओं का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, और मरीजों के साथ अमानवीय बर्ताव कर रहे हैं।
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डॉ. सचान, जो फिलहाल हापुड़ के सीएमओ कार्यालय में कार्यरत हैं, ने पिछले 35 वर्षों से ग्राम नाहल में स्थित “पटेल केयर एंड क्योर हॉस्पिटल” नामक निजी अस्पताल का संचालन किया है। यह अस्पताल कथित तौर पर गांव के सचिवालय के सामने तीन करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है।
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हेल्प एशियन फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष यूसुफ खान ने जिलाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अधिकारियों को इस मामले में शिकायत दी है। उनका आरोप है कि डॉ. सचान अपने अस्पताल में मरीजों को सरकारी अस्पताल की दवाएं देते हैं और भारी फीस वसूलते हैं, जिससे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है।
मामला तब और संगीन हो गया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें डॉ. सचान एक मुस्लिम महिला मरीज के साथ अभद्र बर्ताव करते हुए दिखाई दिए। वीडियो में वह महिला को गालियाँ देते और जूते मारने की धमकी भी देते दिखे।
यूसुफ खान ने बताया कि उनके पास सरकारी दवाओं की तस्वीरें, वीडियो फुटेज और चश्मदीद गवाहों की गवाही है। उन्होंने कहा कि डॉ. सचान अब तक अपने राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के कारण बचते रहे हैं। उनकी संस्था जल्द ही पूरे नेटवर्क और उनके संरक्षकों की पोल खोलने की योजना बना रही है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि डॉ. सचान ने नाहल क्षेत्र में एक और अस्पताल और डासना के सद्भावना एन्क्लेव में अपनी पत्नी के नाम पर नया अस्पताल निर्माणाधीन है, जिसे वे रिटायरमेंट के बाद शुरू करने का इरादा रखते हैं।
सर्वाधिक गंभीर आरोप यह है कि डॉ. सचान, जो सरकारी फार्मासिस्ट हैं, खुद को “डॉक्टर” बताकर अस्पताल का बोर्ड लगाते हैं और इलाज करते हैं, जो कि मेडिकल काउंसिल के दिशा-निर्देशों और सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन है।
यूसुफ खान ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय एवं निष्पक्ष जांच की जाए और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो डॉ. सचान को तुरंत निलंबित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस मामले की जानकारी जिलाधिकारी गाजियाबाद, हापुड़, मुख्य चिकित्साधिकारियों और मसूरी थाना प्रभारी को भेजी जा चुकी है।
अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस गंभीर जनहित मामले में क्या ठोस कदम उठाता है, या यह मामला भी केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।
उत्तर प्रदेश
बारिश ने खोली नोएडा प्राधिकरण की पोल, पॉश सेक्टर-100 में बना 15 फुट का गड्ढा

नोएडा। करंट क्राइम। बारिश होते ही नोएडा की सड़कें जवाब देने लगी है। एक ओर जहां ज्यादातर सडकों पर जलभराव हो रहा है, वहीं, पॉश सेक्टर 100 में बारिश से 15 फुट का गड्ढा बन गया है।
नोएडा में सोमवार सुबह हुई हल्की बारिश ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण के दावों की पोल खोल दी। बारिश के बाद नोएडा के पॉश सेक्टरों में से एक सेक्टर-100 के पास सड़क धंस गई।
बारिश के बाद नोएडा के पॉश सेक्टरों में से एक सेक्टर-100 के पास सड़क धंस गई। जिस वजह से बीच सड़क पर बड़ा गड्ढा हो गया, सड़क धंसने के बाद नोएडा प्राधिकरण की मानसून को लेकर की गई तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
दरअसल, आज सोमवार सुबह हुई बारिश बारिश के बाद जहां एक ओर उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर जलभराव और जाम ने आमजन की परेशानी बढ़ा दी। सबसे चौंकाने वाली तस्वीर सेक्टर-100 के पाथवे स्कूल के नजदीक से सामने आई, जहां सर्विस रोड अचानक धंस गई और सड़क पर पर करीब 12 फुट चौड़ी और 15 फुट गहरी गढ्ढा हो गया।
बीच सड़क पर गड्ढा बनने के कारण स्कूली बच्चों को ले जाने वाले पेरेंट्स और आम राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग इसे नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही बता रहे हैं। इतना बड़ा गड्ढा होने के बाद से आसपास के लोगों में लगातार जान-माल के नुकसान का डर बना हुआ है।
हर साल मॉनसून से पहले नोएडा प्राधिकरण जलभराव और सड़कों की मरम्मत को लेकर दावे करता है, लेकिन हल्की बारिश के बाद इस तरह सड़क का धंसना दर्शाता है कि सारी तैयारियां सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। एक मामूली बारिश में भी दावों की पोल खुल जाती है और असलियत सामने आ जाती है।
Lucknow
जो अखिलेश भैया से टकराएगा उसे रेल दिया जाएगा, युवा कार्यकर्ता की बात सुन हंसी नहीं रोक पाए सपा अध्यक्ष, देखें VIDEO

लखनउ। करंट क्राइम। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेसवार्ता की। इस दौरान पार्टी का एक युवा कार्यकर्ता उनके पास आता हैं और शिकायत करता है कि पुलिस और भाजपा के कार्यकर्ता उसे परेशान कर रहे है। इस पर अखिलेश यादव ने इस युवा कार्यकर्ता से पूछा कि तुमने क्या किया कि पुलिस और बीजेपी वाले तुम्हें परेशान कर रहे हैं। इस पर युवा कार्यकर्ता ने कहा कि उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि जो अखिलेश भैया से टकराएगा उसे रेल दिया जाएगा। अब पुलिस परेशान कर रही है। थाने बुला रही है। इतना कहते ही पूरे हॉल में हंसी गूंज उठी।
यह सुनते ही पहले अखिलेश यादव हंसने लगते हैं। फिर मंच पर मौजूद अन्य नेता और पूरा पंडाल ठहाकों से गूंज उठता है। माहौल हल्का हो जाता है। इसके बाद अखिलेश यादव युवक से हाथ मिलाते है। मंच से मुस्कराते हुए कहते हैं बाद में बात करते है। कप्तान साहब से बात कर लेते हैं। डर मत। युवक भी कहता है मेरे 20 हजार भी दिलवा दो वापस। इस पर भी अखिलेश मुस्कराते हुए जवाब देते हैं “वो भी दिलवा देते हैं. अभी बात करते हैं कप्तान साहब से।” यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
5000 स्कूलों को मर्ज करने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने याचिका को किया रद्द

लखनउ। Current Crime । 5000 स्कूलों को मर्ज करने के फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हाईकोर्ट से बडी राहत मिली है। कोर्ट ने 5,000 स्कूलों के मर्ज करने के फैसले को हरी झंडी दिखा दी है। इस विषय पर 51 बच्चों की याचिका को खारिज कर दिया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में स्कूलों के मर्जर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सीतापुर के 51 बच्चों की याचिका को खारिज करते हुए मर्जर को हरी झंडी दे दी है।
सीतापुर के 51 बच्चों ने सरकार की स्कूल मर्ज नीति के खिलाफ याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष को सही मानते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया है। बता दें यूपी के 50,00 स्कूलों का मर्जर होना है। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए याचिका को सुनवाई से इनकार कर दिया।
सरकार द्वारा इस आदेश को 16 जून 2025 को जारी किया गया था। इसके तहत कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को आसपास के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाना है।
सीतापुर के अलावा पीलीभीत के ब्लॉक बिलसंडा के ग्राम चांदपुर निवासी सुभाष, यशपाल यादव और अत्येंद्र कुमार ने प्राइमरी स्कूलों के विलय को चुनौती दी है। सोमवार को ही लोगों ने सरकार की स्कूल पेयरिंग नीति के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिका में राज्य सरकार, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, शिक्षा निदेशक (बेसिक), बेसिक शिक्षा बोर्ड, प्रयागराज, क्षेत्रीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) पीलीभीत के जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी, बिलसंडा को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिकाकर्ताओं ने याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें बच्चों की संख्या के आधार पर प्राथमिक स्कूलों को उच्च प्राथमिक या कंपोजिट विद्यालयों में विलय करने की बात कही है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह आदेश न केवल बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को भी प्रभावित करता है।
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