ग़ाजियाबाद
मोनाड यूनिवर्सिटी में नया संकट: फर्जी डिग्री मामले में जेल में बंद चेयरमैन बिजेंद्र सिंह, अब छात्रों के宿舍 गिराने की योजना

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हापुड़। फर्जी डिग्री बेचने के आरोप में जेल में बंद मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और बिजनौर सीट से पूर्व बसपा प्रत्याशी बिजेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
अब उनके विश्वविद्यालय पर अवैध निर्माण के तहत प्राधिकरण की कार्यवाही तेज हो गई है। हापुड़-पिलखुआ विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) ने मोनाड यूनिवर्सिटी के छात्रावास पर 6.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और 15 दिन का अंतिम नोटिस जारी किया है। यदि जवाब नहीं मिलता है, तो छात्रावास को पहले सील किया जाएगा और फिर ध्वस्त कर दिया जाएगा।
प्राधिकरण के अनुसार, मोनाड यूनिवर्सिटी का निर्माण जनवरी 2008 में बिना मान्य नक्शा अनुमति के शुरू हुआ था। जब यह जानकारी प्राधिकरण को मिली, तब 5 मार्च 2008 को प्रबंधन को नोटिस भेजा गया। यूनिवर्सिटी ने 28 मई 2009 को नक्शा स्वीकृत कराया, लेकिन तब तक कई अवैध निर्माण हो चुके थे।
प्राधिकरण ने 3.19 करोड़ रुपये की शर्तों के साथ निर्माण को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन मोनाड प्रबंधन ने केवल पहली किस्त जमा की और बाद में हाईकोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त किया। प्रबंधन का दावा था कि यूनिवर्सिटी एक उद्योग के तहत आती है, इसलिए उसे नक्शा शुल्क से मुक्त किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने किया दावे को खारिज
हाईकोर्ट ने मोनाड प्रबंधन की दलीलों को अस्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी को उद्योग की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। अदालत ने प्राधिकरण के वीसी को मामले में निर्णय लेने के निर्देश दिए।
प्राधिकरण ने जारी किया अंतिम नोटिस
एचपीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. नितिन गौड़ ने मोनाड यूनिवर्सिटी को कई अवसर दिए, लेकिन प्रबंधन की ओर से न तो संतोषजनक जवाब मिला और न ही जुर्माने की राशि का भुगतान किया गया। अब जारी अंतिम नोटिस में 15 दिन का समय दिया गया है। यदि इस अवधि में कोई जवाब नहीं आया, तो छात्रावास को बंद कर दिया जाएगा।
आरोप
- अवैध निर्माण: छात्रावास और आसपास के भवन बिना स्वीकृती के बनाए गए हैं।
- हाईकोर्ट को गुमराह करना: कोर्ट में गलत तथ्य पेश कर कार्रवाई से बचने का प्रयास किया गया।
- जुर्माना न चुकाना: 6.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लेकिन भुगतान नहीं किया गया।
- उत्तर न देना: 8 नोटिसों में कोई भी जवाब संतोषजनक नहीं रहा।
प्राधिकरण की सख्त चेतावनी
एचपीडीए ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय में उत्तर नहीं दिया गया, तो छात्रावास को बुलडोज़र से गिराया जाएगा। यह कार्रवाई कानून के अनुसार की जाएगी, और भविष्य में मोनाड के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की संभावना भी बनी रहेगी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में भी जांच
बिजेंद्र सिंह ने पिछले लोकसभा चुनाव में हापुड़-बिजनौर सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन रालोद के चंदन चौहान के हाथों हार गए थे। मोनाड यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों को भी तेज किया, लेकिन अब फर्जी डिग्री और अवैध निर्माण जैसे गंभीर आरोपों ने उनके और विश्वविद्यालय की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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उत्तर प्रदेश
बारिश ने खोली नोएडा प्राधिकरण की पोल, पॉश सेक्टर-100 में बना 15 फुट का गड्ढा

नोएडा। करंट क्राइम। बारिश होते ही नोएडा की सड़कें जवाब देने लगी है। एक ओर जहां ज्यादातर सडकों पर जलभराव हो रहा है, वहीं, पॉश सेक्टर 100 में बारिश से 15 फुट का गड्ढा बन गया है।
नोएडा में सोमवार सुबह हुई हल्की बारिश ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण के दावों की पोल खोल दी। बारिश के बाद नोएडा के पॉश सेक्टरों में से एक सेक्टर-100 के पास सड़क धंस गई।
बारिश के बाद नोएडा के पॉश सेक्टरों में से एक सेक्टर-100 के पास सड़क धंस गई। जिस वजह से बीच सड़क पर बड़ा गड्ढा हो गया, सड़क धंसने के बाद नोएडा प्राधिकरण की मानसून को लेकर की गई तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
दरअसल, आज सोमवार सुबह हुई बारिश बारिश के बाद जहां एक ओर उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर जलभराव और जाम ने आमजन की परेशानी बढ़ा दी। सबसे चौंकाने वाली तस्वीर सेक्टर-100 के पाथवे स्कूल के नजदीक से सामने आई, जहां सर्विस रोड अचानक धंस गई और सड़क पर पर करीब 12 फुट चौड़ी और 15 फुट गहरी गढ्ढा हो गया।
बीच सड़क पर गड्ढा बनने के कारण स्कूली बच्चों को ले जाने वाले पेरेंट्स और आम राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग इसे नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही बता रहे हैं। इतना बड़ा गड्ढा होने के बाद से आसपास के लोगों में लगातार जान-माल के नुकसान का डर बना हुआ है।
हर साल मॉनसून से पहले नोएडा प्राधिकरण जलभराव और सड़कों की मरम्मत को लेकर दावे करता है, लेकिन हल्की बारिश के बाद इस तरह सड़क का धंसना दर्शाता है कि सारी तैयारियां सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। एक मामूली बारिश में भी दावों की पोल खुल जाती है और असलियत सामने आ जाती है।
Lucknow
जो अखिलेश भैया से टकराएगा उसे रेल दिया जाएगा, युवा कार्यकर्ता की बात सुन हंसी नहीं रोक पाए सपा अध्यक्ष, देखें VIDEO

लखनउ। करंट क्राइम। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेसवार्ता की। इस दौरान पार्टी का एक युवा कार्यकर्ता उनके पास आता हैं और शिकायत करता है कि पुलिस और भाजपा के कार्यकर्ता उसे परेशान कर रहे है। इस पर अखिलेश यादव ने इस युवा कार्यकर्ता से पूछा कि तुमने क्या किया कि पुलिस और बीजेपी वाले तुम्हें परेशान कर रहे हैं। इस पर युवा कार्यकर्ता ने कहा कि उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि जो अखिलेश भैया से टकराएगा उसे रेल दिया जाएगा। अब पुलिस परेशान कर रही है। थाने बुला रही है। इतना कहते ही पूरे हॉल में हंसी गूंज उठी।
यह सुनते ही पहले अखिलेश यादव हंसने लगते हैं। फिर मंच पर मौजूद अन्य नेता और पूरा पंडाल ठहाकों से गूंज उठता है। माहौल हल्का हो जाता है। इसके बाद अखिलेश यादव युवक से हाथ मिलाते है। मंच से मुस्कराते हुए कहते हैं बाद में बात करते है। कप्तान साहब से बात कर लेते हैं। डर मत। युवक भी कहता है मेरे 20 हजार भी दिलवा दो वापस। इस पर भी अखिलेश मुस्कराते हुए जवाब देते हैं “वो भी दिलवा देते हैं. अभी बात करते हैं कप्तान साहब से।” यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
5000 स्कूलों को मर्ज करने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने याचिका को किया रद्द

लखनउ। Current Crime । 5000 स्कूलों को मर्ज करने के फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हाईकोर्ट से बडी राहत मिली है। कोर्ट ने 5,000 स्कूलों के मर्ज करने के फैसले को हरी झंडी दिखा दी है। इस विषय पर 51 बच्चों की याचिका को खारिज कर दिया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में स्कूलों के मर्जर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सीतापुर के 51 बच्चों की याचिका को खारिज करते हुए मर्जर को हरी झंडी दे दी है।
सीतापुर के 51 बच्चों ने सरकार की स्कूल मर्ज नीति के खिलाफ याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सरकार के पक्ष को सही मानते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया है। बता दें यूपी के 50,00 स्कूलों का मर्जर होना है। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए याचिका को सुनवाई से इनकार कर दिया।
सरकार द्वारा इस आदेश को 16 जून 2025 को जारी किया गया था। इसके तहत कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को आसपास के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाना है।
सीतापुर के अलावा पीलीभीत के ब्लॉक बिलसंडा के ग्राम चांदपुर निवासी सुभाष, यशपाल यादव और अत्येंद्र कुमार ने प्राइमरी स्कूलों के विलय को चुनौती दी है। सोमवार को ही लोगों ने सरकार की स्कूल पेयरिंग नीति के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिका में राज्य सरकार, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, शिक्षा निदेशक (बेसिक), बेसिक शिक्षा बोर्ड, प्रयागराज, क्षेत्रीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) पीलीभीत के जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी, बिलसंडा को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिकाकर्ताओं ने याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें बच्चों की संख्या के आधार पर प्राथमिक स्कूलों को उच्च प्राथमिक या कंपोजिट विद्यालयों में विलय करने की बात कही है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह आदेश न केवल बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को भी प्रभावित करता है।
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