ग़ाजियाबाद

गाज़ियाबाद: नमो भारत कॉरिडोर के अंतर्गत मोदीनगर में सड़कों का पुनर्निर्माण जारी

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गाज़ियाबाद। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत वायाडक्ट के नीचे एनसीआरटीसी द्वारा सड़क का विकास तेजी से जारी है। इसी क्रम में हाल ही में मेवला फ्लाईओवर पर सड़क निर्माण के बाद मोदीनगर क्षेत्र में भी सड़क का कायाकल्प किया जा रहा है। दुहाई से लेकर मेरठ तक सड़क की मरम्मत विभिन्न चरणों में की जाएगी, जिससे जल्द ही वाहन चालकों को बेहतर सड़क का अनुभव होगा।

मोदीनगर एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहाँ भारी वाहनों की आवाजाही के चलते सड़क की स्थिति अक्सर खराब हो जाती है। लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एनसीआरटीसी इस क्षेत्र में सड़क के नवीनीकरण में जुटी हुई है। यह कार्य कादराबाद से मोदीनगर नॉर्थ, मोदीनगर साउथ और मुरादनगर से होते हुए दुहाई स्थित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे तक किया जा रहा है। एनसीआरटीसी का उद्देश्य लोगों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करना है।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के निर्माण के दौरान वायाडक्ट के नीचे की सड़क का रखरखाव एनसीआरटीसी के जिम्मे है। एनसीआरटीसी समय-समय पर इस मार्ग का ध्यान रखता रहा है। इस कॉरिडोर पर अक्टूबर 2023 में ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था, और अगस्त 2024 में मेरठ साउथ तक ट्रेनें चलने लगीं, जिसके बाद सड़क मार्ग को पुनः हैंडओवर करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई। उच्चतम वाहन भार और उचित जल निकासी व्यवस्थाओं की कमी के कारण सड़क, विशेषकर मानसून के दौरान, खराब हो जाती थी। हाल ही में यह पाया गया कि यहां सड़क की मरम्मत की आवश्यकता है, इसलिए एनसीआरटीसी जनता की सुविधा के लिए सड़क का नया निर्माण कर रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही यह सड़क लोक निर्माण विभाग को सौंप दी जाएगी।

इस प्रक्रिया के तहत मौजूदा सड़क पर मिल्लिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसमें पुरानी सड़क पर छोटे-छोटे गड्ढे बना कर नई लेयर बिछाई जा रही है। यह सड़क निर्माण दो चरणों में किया जाता है; पहले चरण में डीबीएम (ड्राई बैलेंस मिक्स) की परत बिछाई जाती है, जो भारी वाणिज्यिक वाहनों वाली सड़कों के लिए होती है। दूसरे चरण में बीसी (बिटुमिनस कंक्रीट) की परत बिछाई जाती है, जिससे सड़क एक नए स्वरूप में तैयार होती है।

सड़क निर्माण के दौरान सड़क से गुजरने वाले लोगों और वाहन चालकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। एनसीआरटीसी सड़क पर प्रकाश व्यवस्था को सुनिश्चित करता है, जो रात में आवश्यक होती है। इसके अलावा, ट्रैफिक मार्शल भी तैनात किए जाते हैं। ये ट्रैफिक मार्शल लाल और हरे झंडे, सीटी, रिफ्लेक्टिव जैकेट, हेलमेट और लाइटिंग बैटन के साथ लैस होते हैं और स्थानीय ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से यातायात की व्यवस्था संभालते हैं। साथ ही, सड़क पर क्रैश बैरियर्स भी लगाए जाते हैं।

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