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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के सफल संचालन के लिए निर्देश जारी

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गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा का आयोजन 24 फरवरी 2025 से 12 मार्च 2025 तक किया जाएगा। इसके सुचारू संचालन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ने एक समीक्षा बैठक आयोजित की। उन्होंने सभी 66 परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापकों, बाह्य केंद्र व्यवस्थापकों, स्थैतिक मजिस्ट्रेट, कक्ष निरीक्षकों और परीक्षा प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 2024 की जानकारी दी और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

अधिकारियों को बताया गया कि यदि परीक्षा संचालन में कोई अनियमितता या अनुचित साधनों का प्रयोग होता है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 2024 की धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जाएगी और उन्हें आहरित किया जाएगा।

अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी ने कर्तव्य में लापरवाही बरती और परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हुआ, तो अधिनियम की धारा 14 के तहत उन्हें कारावास और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए परीक्षा से संबंधित दायित्वों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

बोर्ड परीक्षा के दौरान यदि निरीक्षण दल के सदस्य या अधिकारी को किसी तरह से प्रभावित करने का प्रयास किया गया, तो यह अधिनियम 2024 की धारा 13 (4) के अंतर्गत दंडनीय होगा। इसके अलावा, परीक्षा के दौरान किसी भी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा प्रश्नपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सभी परीक्षा केंद्रों पर केवल निर्धारित स्थान पर ही परीक्षा का संचालन किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति परीक्षा केंद्र से भिन्न स्थान का उपयोग करता है, तो इसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

परीक्षा केंद्रों को यह निर्देश दिया गया है कि वे परीक्षार्थियों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करें और सुचारू पेयजल, स्वच्छ शौचालय तथा उचित रोशनी की व्यवस्था करें। परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को स्थैतिक मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की निगरानी में सुरक्षित वाहन द्वारा संकलन केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।

इस बार 06 सचल दलों की व्यवस्था की गई है, जो सभी केंद्रों का निरीक्षण करेंगे और परीक्षा को शासनादेशों और मानक संचालन प्रक्रिया के आधार पर संचालित किया जाएगा।

सभी केंद्र व्यवस्थापकों, बाह्य केंद्र व्यवस्थापकों और स्थैतिक मजिस्ट्रेट को प्रश्न पत्रों के रखरखाव, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा, और सीसीटीवी कैमरों की स्थिति के संबंध में शासन/परिषद से प्राप्त निर्देशों की जानकारी दी गई है।

पूर्व में, परीक्षा प्रक्रिया को लेकर सभी केंद्र व्यवस्थापकों और सचल दलों के साथ प्रशिक्षण बैठकें आयोजित की गई थीं, जिसमें प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों पर विस्तृत चर्चा की गई थी। कंट्रोल रूम द्वारा सभी केंद्रों की निगरानी 24×7 की जा रही है, और प्रश्न पत्रों को सुरक्षित तरीके से केंद्रों तक भेजा गया है।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में बाउंड्री वॉल के संबंध में जीडीए के दो पत्रों ने उत्पन्न किया विवाद, सोसाइटी के निवासी सुरक्षा को लेकर चिंतित

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गाजियाबाद। इंदिरापुरम क्षेत्र में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के दो पत्रों ने विवाद उत्पन्न कर दिया है। अब लोग जीडीए के अपने ही आदेशों के खिलाफ नए आदेश जारी करने पर अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।

दरअसल, इंदिरापुरम की साया सोसाइटी में जीडीए ने पहले बाउंड्री वॉल निर्माण की अनुमति दी थी। लेकिन जब सोसाइटी के निवासियों ने निर्माण कार्य आरंभ किया, तब बिल्डर के लोगों ने इसका विरोध किया। आरोप है कि इस दौरान बिल्डर के बाउंसर ने सोसाइटी के लोगों के साथ मारपीट की और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। यह घटना तब हुई जब बाउंसरों ने बाउंड्री वॉल का निर्माण रुकवाने की कोशिश की, और स्थानीय लोगों के विरोध पर उनका हिंसक व्यवहार सामने आया।

इस विवाद की जड़ जीडीए के दो पत्रों में है। पहले पत्र में जीडीए ने सोसाइटी को बाउंड्री वॉल निर्माण की अनुमति दी, लेकिन जब कार्य शुरू हुआ, तो बिल्डर के दबाव में जीडीए ने अगले ही दिन दूसरा पत्र जारी कर काम रोकने का आदेश दे दिया। यह स्थिति साफ दर्शाती है कि विकास प्राधिकरण बिल्डर के प्रभाव में काम कर रहा है।

सोसाइटी के निवासी अब बिल्डर के बाउंसरों से डरते हुए अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस सोसाइटी में अब तक बाउंड्री वॉल का निर्माण नहीं हुआ है और मुख्य मार्ग पर भारी ट्रैफिक गुजरता है, जो हादसों का कारण बन सकता है।

सोसाइटी के लोग जीडीए अधिकारियों से अपेक्षा रखते हैं कि वे सही निर्णय लेकर बाउंड्री वॉल निर्माण की अनुमति देंगे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद गिरी ने मोदी के खिलाफ बोले तीखे शब्द, कहा- मैं नरेंद्र मोदी के मुंह पर थूकना भी पसंद नहीं करता।

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Sure! Here’s a rewritten version of your content in Hindi:

गाजियाबाद। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के विवादास्पद बयान फिर से सामने आए हैं। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंह पर थूकना भी नहीं चाहता।” शनिवार को निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा भारती के नेतृत्व में एक समूह दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री के आवास की ओर पैदल यात्रा कर रहा था। यह यात्रा कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 पर्यटकों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन के लिए आयोजित की गई थी।

यात्रा के दौरान गाजियाबाद पुलिस ने यति नरसिंहानंद गिरी और उनके अनुयायियों को रास्ते में रोक दिया। इस पर यति नरसिंहानंद जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “हमें उत्तर प्रदेश सरकार से कोई शिकायत नहीं है। हम तो बस दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करने जा रहे थे। योगी जी, आप तो एसी कमरों में हैं, जबकि हमने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपनी मेहनत की है। मुझे मोदी से कुछ भी नहीं कहना है, मैं तो उनके मुंह पर थूकना भी नहीं चाहता।”

उन्होंने आगे कहा, “साध्वी अन्नपूर्णा भारती अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाना चाहती थीं। हम शांतिपूर्वक जा रहे थे, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने हमें रोक दिया। अब हम गर्मी में सड़क पर बैठे हैं। अगर पुलिस हमें इसी तरह रोकती रही, तो मजबूर होकर मुझे गाली देनी पड़ेगी, और फिर पुलिस हम पर लाठियां चलाएगी। पूरा जूना और निरंजनी अखाड़ा गाजियाबाद में खड़ा हो जाएगा।”

यति नरसिंहानंद ने पुलिस से मांग की कि साध्वी अन्नपूर्णा भारती को प्रधानमंत्री आवास तक जाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि वह अपनी बहन के साथ खड़े हैं और केवल शांतिपूर्वक विरोध दर्ज कराना चाहते हैं।

इस बीच, पुलिस प्रशासन स्थिति पर नज़र रख रहा है और उच्च अधिकारियों के निर्देश का इंतज़ार कर रहा है।

If you need further modifications, feel free to ask!

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उत्तर प्रदेश

पहलगांव हमले से खफा कुछ अति उत्साहित युवकों ने अपने गाँव और आस-पास के क्षेत्र मे…

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पहलगांव हमले से खफा कुछ अति उत्साहित युवकों ने अपने गाँव और आस-पास के क्षेत्र में मुस्लिमों के आने-जाने पर पाबंदी लगाई…

गाजियाबाद के लोनी के सिरौली गाँव के रहने वाले कुछ नव युवकों ने एक वीडियो बनाकर वायरल की है जिसमें वो मुस्लिमों के गांव में प्रवेश को प्रतिबंध करने की बात कह रहे है l एक वीडियो में वो सब्जी वाले फेरी वालों को गांव से भागते हुए सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे है l हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लेकर जांच शुरू की है l
इस तरह की किसी भी हरकत को किसी भी मायने में सही नहीं ठहराया जा सकता l नौजवानों को आवेश में आकर ऐसे किसी भी कदम उठाने से बचना चाहिये…….

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