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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद के निवाड़ी थाना क्षेत्र में प्रशासन की महत्वपूर्ण कार्रवाई, अवैध मदरसे को किया गया ध्वस्त

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गाजियाबाद। गाजियाबाद के मोदीनगर स्थित निवाड़ी के सारा गांव में सरकारी तालाब पर बने एक अवैध मदरसे को जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ ध्वस्त कर दिया। स्थानीय प्रशासन को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद, सारा गांव में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई की गई। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सभी अवैध निर्माण को नष्ट कर दिया, जहां बड़ी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। मोदीनगर की एसडीएम पूजा गुप्ता ने बताया कि सरकारी भूमि पर हुए अवैध निर्माण के खिलाफ यह सख्त कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि यह सरकारी भूमि है और यहां अवैध निर्माण किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नियमों के अनुसार इस मदरसे को हटाया गया है।

इसके अलावा, कोर्ट ने अवैध निर्माण के लिए 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी और किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। गाजियाबाद के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि मोदीनगर तहसील के सारा गांव में तालाब की 644 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध निर्माण किया गया था। तहसीलदार ने इस अतिक्रमण को हटाते हुए संबंधित प्रबंधक पर जुर्माना लगाया। प्रबंधक ने अपील खारिज होने के बाद खुद अतिक्रमण हटाने के लिए तीन महीने की मोहलत मांगी थी और हाईकोर्ट में भी गए थे, लेकिन कोई स्थगन आदेश नहीं मिला। इसके बाद प्रशासन ने आगे की कार्रवाई करते हुए 135 वर्ग मीटर अतिरिक्त अवैध अतिक्रमण को भी हटा दिया। सरकारी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिक्रमण से संबंधित मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे। छह महीने पहले इस मदरसे के खिलाफ पहली बार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी, लेकिन तब भी मदरसे का कुछ हिस्सा बना रहा। विभिन्न हिंदू संगठनों के आंदोलन के बाद प्रशासन ने सोमवार को इस अवैध निर्माण को पूरी तरह से समाप्त कर दिया।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में आंधी-तूफान और तेज़ बारिश से मिली गर्मी में राहत, लेकिन पेड़ गिरने और जलभराव से हुई कठिनाई

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गाजियाबाद। लगातार उमस भरी गर्मी से जूझ रहे लोगों को बुधवार रात लगभग आठ बजे तेज आंधी और झमाझम बारिश ने राहत प्रदान की। हालांकि, कई स्थानों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

शहर के अंडरपास में जलभराव के कारण अनेक वाहन फंस गए। जिले में तूफान के चलते 50 से अधिक पेड़ सड़क पर गिर गए। संजयनगर सेक्टर 23 के पास, मस्जिद के समीप, एक 46 फुट ऊंचा पुराना बरगद का पेड़ सड़क पर खड़ी चार पहिया गाड़ियों पर गिर पड़ा।幸运地, गाड़ियों के अंदर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आंबेडकर रोड पर भी उखड़े पेड़ ने दो कारों पर गिरावट की।

मौसम की खराबी के साथ बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आंधी की रफ्तार लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आंधी के दौरान कई होर्डिंग्स और टिन के शेड भी उड़कर सड़कों पर गिर गए।

रात करीब नौ बजे नगर प्रशासन की राहत और बचाव टीम मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने के प्रयास में जुट गई। नगर निगम के दावों के बावजूद, बारिश के महज एक घंटे में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। बारिश का पानी कई सड़कों से होकर सोसाइटी के बेसमेंट और दुकानों में जा भर गया, जिससे व्यापार और आवागमन पर असर पड़ा।

Feel free to ask for further changes!

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में 109 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, पश्चिम बंगाल से संचालित ठगों का नेटवर्क सक्रिय

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गाजियाबाद। जिले की साइबर क्राइम टीम ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक महत्त्वपूर्ण खोज की है। जांच से पता चला है कि जिले में 450 से अधिक साइबर ठगी की घटनाओं में कुल 109 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इनमें से 97 मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल से संचालित हैं।

गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में गाजियाबाद समेत विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) ने भाग लिया। इस कार्यशाला में साइबर ठगों के नए ठिकाने उजागर हुए।

पश्चिम बंगाल के 24 शहरों के अलावा झारखंड के देवघर, जामताड़ा, दुमका, धनबाद, गिरिडीह, रांची और हजारीबाग में भी साइबर ठगों का सक्रिय नेटवर्क पाया गया। इसके साथ ही एनसीआर से सटे हरियाणा के नूह और राजस्थान के डींग जिले में भी साइबर अपराधियों के गिरोह का पता चला है।

जिले की साइबर टीम की जांच में यह भी सामने आया कि अधिकतर ठगी फर्जी कॉल, ऑनलाइन स्कैम और फिशिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके की गई है। पश्चिम बंगाल से संचालित 97 मोबाइल सिम के माध्यम से ठगों ने गाजियाबाद के साथ-साथ देश-विदेश में लोगों को अपने निशाने पर रखा।

कार्यशाला में अधिकारियों ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए नए सुझाव और रणनीतियाँ साझा कीं, जिनमें संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग, डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच और अंतरराज्यीय समन्वय पर विशेष ध्यान दिया गया।

पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, संदिग्ध लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय पुलिस को दें। गाजियाबाद पुलिस इन ठिकानों पर छापेमारी और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का योजना बना रही है।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में महिला ने पति और ससुराल वालों पर 10 लाख रुपये दहेज न देने पर मारपीट और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया

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गाजियाबाद। वैशाली क्षेत्र की एक महिला ने अपने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाते हुए इंदिरापुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने अपनी तहरीर में कहा कि ससुराल वालों ने 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग की, जिसे न पूरा करने पर उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

महिला के अनुसार, उनकी शादी 25 नवंबर 2022 को दिल्ली के निवासी आशीष से हुई थी। विवाह के बाद उन्होंने जाना कि उनके पति पर लगभग 12 लाख रुपये का कर्ज है। इसी कारण, ससुराल वाले 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग करने लगे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो महिला को बार-बार प्रताड़ित किया गया।

महिला ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार घर के भीतर उनकी हत्या का प्रयास किया गया, लेकिन वह बच गईं। अक्टूबर 2024 में, उनके पति ने उन्हें अपने रिश्तेदार के घर ले जाकर दहेज की मांग पूरी न होने पर वहां रखने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने विरोध किया, तो दुपट्टे से उनका गला दबाने की कोशिश की गई और अंततः उन्हें घर से निकाल दिया गया।

महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसीपी इंदिरापुरम, अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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