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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद: वैवाहिक वेबसाइट के जरिए कारोबारी से संपर्क कर साइबर ठगों ने 12.19 लाख रुपये किए ठगे

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गाजियाबाद। गाजियाबाद में एक वैवाहिक वेबसाइट पर सक्रिय साइबर ठगों ने एक कारोबारी को क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निवेश करने के लिए कहा, जिसके परिणामस्वरूप उसे 12.19 लाख रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा। जब कारोबारी ने ठगी का विरोध किया, तो ठगों ने उसे मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित, कमलेश कुमार ने ठगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।

ट्रांस हिंडन के इंद्रापुरम क्षेत्र की ऐजिस ट्राई टॉवर सोसाइटी में रहने वाले 35 वर्षीय कमलेश कुमार शर्मा ने बताया कि 19 दिसंबर को उन्हें सौम्या गोड़ा नाम की एक युवती का फोन आया, जिसने उनसे शादी करने की इच्छा जताई। सौम्या ने कुछ दिनों तक विवाह संबंधी वार्तालाप की और एक जनवरी को उन्हें क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की वेबसाइट पर और फिर व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा। इस ग्रुप में खुद को वित्तीय विशेषज्ञ बताने वाले तीन व्यक्तियों ने बिटकॉइन मार्केट में निवेश करने का प्रशिक्षण दिया, जिसके बाद उन्हें अपने बैंक विवरण भेजने के लिए कहा गया।

कमलेश शर्मा ने ठगों के बताए अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए। ठगों ने अधिक मुनाफा का लालच देकर 30 लाख रुपये निवेश करने का झांसा दिया। जब उन्होंने विरोध किया, तो ठगों ने उनके खाते में 1500 यूएसडीटी (अमेरिकी डॉलर की मॉक करेंसी) भेजकर निवेश करने का दबाव बनाया।

पीड़ित को जब इस मामले में संदेह हुआ तो उसने जानकारी जुटाई और पाया कि ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर यूएसडीटी प्रतिबंधित है। जब कमलेश ने सौम्या गोड़ा से अपने 12.19 लाख रुपये वापस करने की मांग की, तो उसने बैंक खातों में विदेशी मुद्रा के लेन-देन को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर केस दर्ज कराने की धमकी दी। अंततः, कमलेश कुमार शर्मा ने साइबर थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है।

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ग़ाजियाबाद

डबल इंजन की सरकार हर नागरिक को समृद्ध, सशक्त और सम्पन्न बनाने के लिए प्रतिबद्ध: नरेन्द्र कश्यप, मंत्री स्वतंत्र प्रभार

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गाजियाबाद। जिला प्रशासन गाजियाबाद ने ‘सेवा, सुरक्षा व सुशासन नीति’ के अंतर्गत केंद्र सरकार के 10 और उत्तर प्रदेश सरकार के 8 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘उत्कर्ष के 8 वर्ष’ थीम पर कविनगर रामलीला मैदान में तीन दिवसीय मेला और प्रदर्शनी का आयोजन किया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि नरेंद्र कश्यप, स्वतंत्र प्रभार मंत्री, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार उपस्थित रहे। रामलीला मैदान में पहुँचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया, और जिला अधिकारी दीपक मीणा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।

इस अवसर पर डबल इंजन सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और योजनाओं पर आधारित एक टेलीफिल्म दिखाई गई, जिसमें लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। नरेंद्र कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में तेजी से विकास हुआ है। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को अपराध, दंगे और पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, लेकिन अब प्रदेश दूसरे राज्यों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे स्थान पर है और 2029 तक इसे 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

कश्यप ने बताया कि पहले उद्योगपति उत्तर प्रदेश छोड़कर जा रहे थे, लेकिन अब 41 देशों के साथ करोड़ों के एमओयू साइन हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 15 लाख करोड़ का निवेश हुआ और 60 लाख युवाओं को रोजगार मिला। एमएसएमई और अन्य योजनाओं के तहत युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं; अब तक 50 लाख से अधिक स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए गए हैं। योगी सरकार के कार्यकाल में 1.56 लाख पुलिस भर्तियाँ की गई हैं, जिससे अधिकारियों को ईमानदारी से काम करने का अवसर मिला है।

उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र और उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने का लक्ष्य है। महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया, जो सनातन धर्म और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने में सहायक रहा। कश्यप ने कहा कि गाजियाबाद भारत का पहला जिला है, जहाँ रेपिड रेल सेवा शुरू की गई है, और हिण्डन एयरपोर्ट से देश के कई शहरों के लिए हवाई यात्रा संभव हो गई है। शहर में एलिवेटेड रोड और अन्य सड़क निर्माण परियोजनाओं के माध्यम से जाम की समस्या काफी हद तक समाप्त हो गई है।

उन्होंने जनता से प्रदेश के विकास के लिए सरकार का समर्थन बनाए रखने की अपील की। इस अवसर पर पिछड़ा कल्याण विभाग के 15 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति पत्र भी वितरित किए गए।

कार्यक्रम में कबीर कैफे बैंड और अन्य कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए 80 से अधिक स्टॉलों पर आगंतुकों ने सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी प्राप्त की।

कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, जीडीए वीसी अतुल वत्स, नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल, चीफ वार्डन ललित जायसवाल सहित कई प्रशासनिक अधिकारी, भाजपा कार्यकर्ता, लाभार्थी, स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थी और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। मंच का संचालन पूनम शर्मा ने किया।

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ग़ाजियाबाद

नोएडा-गाज़ियाबाद के 15 लाख लोगों को जल संकट का सामना, गंगाजल प्लांट का बिजली कनेक्शन काटा गया

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गाजियाबाद। नोएडा और गाजियाबाद के लगभग 15 लाख नागरिकों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बुधवार को विद्युत विभाग ने सिद्धार्थ विहार और प्रताप विहार के गंगाजल प्लांट्स का बिजली कनेक्शन काट दिया। यह कार्रवाई लगभग 3.50 करोड़ रुपये के बकाए भुगतान न होने के कारण की गई है, जिसके चलते ट्रांस हिंडन, सिद्धार्थ विहार और नोएडा में गंगाजल की सप्लाई प्रभावित हुई है।

जानकारी के अनुसार, इन विभागों ने कई वर्षों से बिजली विभाग को भुगतान नहीं किया था, जिससे विद्युत विभाग को लगातार नोटिस भेजने पड़े। बुधवार दोपहर 1:02 बजे, विद्युत निगम ने जल उपचार संयंत्रों के बिजली कनेक्शन काट दिए। खबर लिखे जाने तक 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन जल निगम की बिजली सेवा अभी तक बहाल नहीं हुई है।

गंगाजल की आपूर्ति रुकने के कारण लोग पानी जमा करके काम चला रहे हैं। यदि जल्दी ही बिजली कनेक्शन को बहाल नहीं किया गया, तो नोएडा और गाजियाबाद के हजारों घरों में पानी की गंभीर कमी हो सकती है। विशेष रूप से अपार्टमेंट्स, सोसायटियां और बड़े क्षेत्रों में टैंकरों की मांग बढ़ने की संभावना है।

अशोक सुंदरम, चीफ इंजीनियर (जोन-1), ने कहा कि यदि बकाया भुगतान शीघ्र नहीं किया गया, तो पेयजल संकट और भी बढ़ सकता है। अधिकारियों ने बताया कि जब तक बकाया चुकाया नहीं जाता, गंगाजल की आपूर्ति बहाल करना संभव नहीं होगा। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय लोग और आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में लिफ्ट में फंसी बच्चियां, कोर्ट के आदेश पर RWA सचिव की गिरफ्तारी

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गाजियाबाद | 2022 में लिफ्ट में फंसी तीन बच्चियों के मामले में सही देखभाल और रखरखाव की कमी के चलते कोर्ट ने सख्त कदम उठाया है। अदालत ने सोसाइटी वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के सचिव और अध्यक्ष के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किए, जिसके बाद पुलिस ने सचिव को गिरफ्तार कर उसे अदालत में पेश किया।

क्या हुआ था?
गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र स्थित एसोटेक सोसाइटी में 2022 में लिफ्ट खराब होने के दौरान 8 वर्षीय बच्ची शिवम गहलोत की बेटी और 8-10 साल की दो अन्य बच्चियां 25 मिनट तक लिफ्ट में फंसी रहीं। शुरुआत में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि लिफ्ट किस फ्लोर पर अटकी थी, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई। अंततः काफी प्रयासों के बाद बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

इस घटना के बाद शिवम गहलोत ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सोसाइटी में हर साल 25 से 30 लाख रुपये लिफ्ट की मेंटेनेंस पर खर्च किए जाते हैं, फिर भी लिफ्ट में बार-बार खराबी आ रही है।

कोर्ट का सख्त फैसला
शिवम गहलोत ने दो साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसके बाद कोर्ट ने सोसाइटी के RWA अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए। पुलिस ने उचित कार्रवाई करते हुए सोसाइटी के सचिव को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया।

शिवम गहलोत ने कहा, “लोगों की सुरक्षा के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। कई बार लिफ्ट खराब हुई, जिससे सोसाइटी में रहने वाले लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हमने इसकी शिकायत पुलिस से की थी और अब न्याय की उम्मीद जागी है।”

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