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गणतंत्र दिवस 2025 पर महाकुंभ की झांकी और ‘प्रलय’ मिसाइल की प्रदर्शनी

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नई दिल्ली। 76वें गणतंत्र दिवस परेड में इस बार भारतीय सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और स्थानीय उपलब्धियों का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिलेगा। इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण ‘प्रलय’ मिसाइल और ‘पिनाका’ रॉकेट सिस्टम होगा, जो पहली बार इस समारोह का हिस्सा बन रहे हैं। इसमें आठ लाख से अधिक लोग भाग लेंगे, जिनमें 10,000 विशेष अतिथि शामिल होंगे।

‘प्रलय’ मिसाइल एक अत्याधुनिक सतह से सतह पर मार करने वाली प्रणाली है, जिसे भारत ने विकसित किया है। इसकी रेंज 500 किलोमीटर है और यह दुश्मन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए बनाई गई है। इस मिसाइल को चीनी सीमा पर तैनात किया गया है ताकि किसी भी आक्रमण की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। इसकी उच्च क्षमताएं भारत की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करती हैं और आने वाले युद्धों में यह एक गेमचेंजर साबित हो सकती है।

भारतीय सेना का स्वदेशी ‘पिनाका’ मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली भी महत्वपूर्ण है। यह प्रणाली त्वरित और सटीक हमलों के लिए विकसित की गई है और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो होंगे। इंडोनेशिया की 160 सदस्यीय सैन्य टुकड़ी और 190 सदस्यीय बैंड भी इस परेड में भाग लेंगे, जो दोनों देशों के मजबूत कूटनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।

परेड में 31 झांकियां शामिल होंगी, जो भारत की विविधता और संस्कृति को प्रदर्शित करेंगी। इसमें बिहार, गोवा, झारखंड, कर्नाटका, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों की झांकियां शामिल रहेंगी। अलग-अलग मंत्रालयों और सुरक्षा बलों की झांकियां भी भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करेंगी।

भारतीय वायुसेना के Su-30MKI और राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान फ्लाई पास्ट करेंगे। हालाँकि, हालिया दुर्घटना के कारण लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) इस बार के फ्लाई पास्ट का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। यह फ्लाई पास्ट भारतीय वायुसेना की आधुनिक क्षमताओं और रणनीतिक ताकत का प्रदर्शन करेगा।

परेड में 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे, जिसमें स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल शामिल हैं। सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए एनडीआरएफ की जल एम्बुलेंस और निगरानी टीमें भी मौजूद रहेंगी। आयोजन स्थल पर लगभग 77,000 लोग उपस्थित होंगे, जिनमें 10,000 विशेष निमंत्रित मेहमान शामिल होंगे।

गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान कई विशेष आयोजन होंगे, जैसे 29 जनवरी को मौनी अमावस्या (दूसरा शाही स्नान), 3 फरवरी को बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद ने कहा, “यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना सकता है।”

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