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ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभाली, US सेना अन्य देशों के विवाद में नहीं जाएगी

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वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे, उन्होंने अमेरिकी संसद के कैपिटल बिल्डिंग के अंदर बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण किया। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने उन्हें शपथ दिलाई। साथ में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी शपथ ली। अत्यधिक ठंड के कारण यह समारोह कैपिटल बिल्डिंग के भीतर रोटुंडा हॉल में आयोजित किया गया।

शपथ लेने के बाद ट्रंप ने उत्साही भाषण में 20 जनवरी को “मुक्ति दिवस” घोषित करते हुए कहा, “अमेरिका का पतन अब समाप्त हो चुका है। बहुत जल्द बदलाव आएगा।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि उनका प्रशासन “अमेरिका फर्स्ट” नीति पर कार्य करेगा। ट्रंप ने कहा, “अब दुनिया अमेरिका का उपयोग नहीं कर सकेगी। हमारा देश दोबारा सबसे शक्तिशाली और सम्मानित राष्ट्र बनेगा।”

ट्रंप ने शपथ के तुरंत बाद कई कार्यकारी आदेश जारी करने और भ्रष्टाचार एवं महंगाई को समाप्त करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि “बदलाव की शुरुआत आज से होगी।”

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में दूसरे राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने पहले कार्यकाल के बाद चुनाव हारकर चार साल बाद दोबारा राष्ट्रपति बनने में सफलता प्राप्त की। इससे पहले ग्रोवर क्लीवलैंड ने यह उपलब्धि हासिल की थी। ट्रंप ने कमला हैरिस को हराकर चुनाव में जीत हासिल की। उनका पहला कार्यकाल 2017 से 2021 तक था।

ट्रंप ने अपनी योजनाओं में मेक्सिको की सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी अवैध घुसपैठ को तुरंत रोका जाएगा और अवैध प्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनाने और इसे मजबूत करने का भी वादा किया।

ट्रंप ने अपने भाषण में कई बड़े वादे किए, जिनमें शामिल हैं:

  • मेक्सिको की खाड़ी का नाम परिवर्तन कर ‘अमेरिका की खाड़ी’ रखना।
  • पनामा नहर को वापस लेने की योजना।
  • अमेरिका की संप्रभुता की रक्षा करना।
  • ड्रग तस्करों को आतंकवादी के रूप में वर्गीकृत करना।
  • घरेलू तेल उत्पादन को प्रोत्साहित करना और राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा करना।
  • सेंसरशिप को समाप्त कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बहाल करना।
  • टैरिफ वसूली के लिए सरकारी इकाई का गठन।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रचार की योजना को रद्द करना।
  • अमेरिकी सेना को अन्य देशों के युद्ध में शामिल नहीं करने का वादा।
  • रंगभेद समाप्त कर योग्यता आधारित नीतियों को प्राथमिकता देना।
  • थर्ड जेंडर की पहचान को समाप्त करने का निर्णय।

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पूरा भारत आपका आभारी रहेगाः पीएम मोदी

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अचानक एयरबेस पहुंचकर सेना के जवानों से मिले पीएम

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्र को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी आज सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे। वहां उन्होंने वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने जवानों से बातचीत की जिन्होंने उन्हें जानकारी दी। बहादुर जवानों से मिलकर पीएम मोदी खुश दिखे और उनका जोश बढ़ाया।
जवानों का बढ़ाया जोश इस बीच पीएम मोदी सेना के जवानों से बातचीत भी करते दिखे। जवानों ने उन्हें जानकारी दी और वो बहादुर जवानों से बातचीत करते हुए खुश दिखे। पीएम का यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था और इसकी किसी को पूर्व सूचना नहीं थी।

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हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मुर्शिदाबाद जाएंगी CM ममता

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी. एक सरकारी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अपने घरों से भाग गए.

बाद में यह विरोध प्रदर्शन मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली सहित कई अन्य जिलों में फैल गया. यहां आगजनी, पथराव और सड़क जाम की खबरें आईं. पिछले हफ्ते, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता के न जाने के अनुरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए मुर्शिदाबाद का दौरा किया था.

पीड़ित चाहते हैं सुरक्षा
आनंद बोस ने शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं और उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का वादा किया. आनंद बोस ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से कुछ अन्य मांगें और सुझाव भी हैं.

उन्होंने कहा कि इन सभी पर विचार किया जाएगा. हम उनके संपर्क में रहेंगे. निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर विपक्ष ने ममता पर निशाना साधा है. इस बीच, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है, विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं और सत्ता में आने पर कार्रवाई करने की कसम खाई है.

जनता को गुमराह कर रही हैं
बीजेपी ने ममता की है सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीछे लोगों के खिलाफ बुलडोजर से न्याय की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को खदेड़ा जा रहा है और उनसे एकजुट होने की अपील की गई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी की स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट उनके इस दावे का खंडन करती है कि बाहरी लोग जिम्मेदार थे.

माकपा ने न्यायिक जांच की मांग की है, जिसमें भाजपा और टीएमसी दोनों पर बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि दोनों पार्टियां 2026 के राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मिलीभगत कर रही हैं. शक्ति प्रदर्शन में वामपंथी दल ने ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली के साथ अपने अभियान की शुरुआत की.

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‘पांच दिन में हटाएं वीडियो…’, रामदेव के ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान को दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया अक्षम्य और अविश्वसनीय

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नई दिल्ली। हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।

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