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सुप्रीम कोर्ट ने कैदी को दूसरी जेल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी, कहा – झारखंड सरकार नया जेल मैनुअल लागू करे
रांची/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के निर्णय को अस्वीकृत करते हुए हजारीबाग स्थित जयप्रकाश नारायण सेंट्रल जेल में बंद गैंगवार के आरोपी विकास तिवारी को दुमका सेंट्रल जेल में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी है। यह आदेश झारखंड सरकार की अपील के संबंध में सुनवाई करते हुए जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने शुक्रवार को जारी किया।
साथ ही, कोर्ट ने झारखंड सरकार को निर्देश दिया कि वह 2016 के मॉडल जेल मैनुअल के अनुसार एक नया जेल मैनुअल तैयार करे और जेल प्रशासन में इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि स्थानांतरित किए जाने वाले कैदी के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जाए। झारखंड सरकार ने अपनी याचिका में उल्लेख किया कि हजारीबाग स्थित जयप्रकाश नारायण सेंट्रल जेल में बंद विकास तिवारी के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
विकास तिवारी पूर्व में गैंगवार में शामिल रहा है और उसके इस जेल में रहने से गैंगवार और उसके जीवन पर खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए आईजी प्रिजन ने उसे दुमका सेंट्रल जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। इस आदेश को विकास तिवारी ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 21 अगस्त, 2023 को जेल प्रशासन के इस आदेश को रद्द कर दिया।
झारखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार के दावों के विपरीत, हजारीबाग के जेल अधीक्षक ने अपने पत्रों में विकास तिवारी के आचरण को संतोषजनक बताया है, जो पिछले साढ़े सात वर्षों से बंद है। झारखंड सरकार ने इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे शुक्रवार को मंजूरी दी गई।