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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद पुलिस ने 10 दिन में सड़क पर शराब पीते हुए 1000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया

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गाजियाबाद। सड़क पर शराब पीने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने तीन जोनों में विशेष अभियान चलाकर 10 दिन में 1,402 लोगों को पकड़ा है। इन सभी के खिलाफ पुलिस एक्ट 34 के तहत चालान किया गया, और थानों से ही जमानत प्रदान की गई। इसके परिणामस्वरूप, शाम के समय बाजार में घूमने वाली युवतियों, महिलाओं और राहगीरों को काफी राहत मिली है।

डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि शाम होते ही सड़कों पर शराब पीने की घटनाओं की शिकायतें बढ़ गई थीं। ऐसे में पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र के निर्देशन में तीनों जोनों में यह अभियान चलाया गया। 11 जनवरी को अभियान के दौरान सिटी जोन पुलिस ने 102, देहात जोन में 114 और ट्रांस हिंडन जोन में 144 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, जिससे कुल मिलाकर 432 लोगों को हिरासत में लिया गया।
14 जनवरी को सिटी जोन पुलिस ने 154, देहात जोन में 144 और ट्रांस हिंडन में 158 लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की, जिससे कुल संख्या 456 हो गई।

इसके बाद, 15 जनवरी को सिटी जोन में 194, देहात जोन में 181 और ट्रांस हिंडन जोन में 140 लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की गई, जिससे कुल 515 लोगों को पकड़ा गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सड़क पर शराब पीने वालों के खिलाफ अभियान इसी तरह जारी रहेगा।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक 12 नवंबर को, उपाध्यक्ष का होगा चुनाव

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गाजियाबाद। करंट क्राइम। गाजियाबाद नगर निगम के कार्यकारिणी उपाध्यक्ष का चुनाव 12 नवंबर को किया जाएगा। महापौर सुनीता दयाल ने सदन के सचिव को पत्र लिखकर कार्यकारिणी की बैठक आहुत करने को कहा है। इस बार कार्यकारिणी उपाध्यक्ष के लिए भाजपा पार्षद अमित त्यागी, गौरव सोलंकी, प्रवीण चौधरी और राजीव शर्मा के बीच मुकाबला माना जा रहा है। राजीव शर्मा और प्रवीण चौधरी पहले भी कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
नगर निगम की ओर से बताया गया कि 12 नवंबर सुबह 11 बजे कार्यकारिणी की बैठक सदन के कक्ष में होगी। इस बैठक में कार्यकारिणी उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

अखिलेश से मुलाकात के बाद आजम बोले, मेरा उस घर से 50 सालों का रिश्ता है, इस रिश्ते को कमजोर होने के लिए वर्षों चाहिए और टूटने में सदियों चाहिए

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लखनऊ। करंट क्राइम। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खान शुक्रवार को अखिलेश यादव से मुलाकात करने लखनऊ पहुंचे। आजम खान की अखिलेश यादव से दूसरी बार मुलाकात है। दोनों नेताओं की पहली मुलाकात 8 अक्टूबर को आजम खान के आवास पर हुई थी।
शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने एक्स में एक पोस्ट भी किया और लिखा ‘न जाने कितनी यादें संग ले आए, जब वो आज हमारे घर पर आए!, ये जो मेलमिलाप है यही हमारी साझा विरासत है।
वहीं, अखिलेश से मुलाकात के बाद आजम खान ने मीडिया से कहा ‘मेरा उस घर से 50 सालों कर रिश्ता है। इस रिश्ते को कमजोर होने के लिए वर्षों चाहिए और टूटने में सदियों चाहिए।‘ उन्होंने अखिलेश यादव से हुई बातचीत का ब्यौरा देने से साफ मना करते हुए एक संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अखिलेश से क्या बात हुई, मैं नहीं बताऊंगा। इतना जुल्म सहने के बाद भी जिंदा हूं।“

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उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, स्कूलों-अस्पतालों के पास से हटाए जाएं आवारा कुत्ते, एक्सप्रेसवे-हाइवे से मवेशी, 8 हफ्तों का दिया समय

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को एक और फैसला दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश कर कहा कि सभी आवारा पशुओं को सड़कों, राज्य के हाईवे और राष्ट्रीय राजमार्गों से हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर राज्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और नगरपालिकाओं को भी निर्देश जारी किया है। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को करेगी।
देश के कई राज्यों में सड़कों और हाईवे पर खुले घूम रहे आवारा मवेशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि हाईवे और सड़कों से आवारा मवेशियों को तुरंत हटाया जाए। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आवारा पशुओं को हटाने के लिए हाईवे निगरानी टीमें बनाई जाएं जो उन्हें पकड़ कर सड़कों से हटाएगी और शेल्टर होम्स में रखेगी।
आवारा कुत्तों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंडों, खेल परिसरों और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों और अन्य ऐसे मवेशियों को तुरंत हटाए जाने और उन्हें आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 8 हफ्ते का समय दिया है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में आगे आवारा कुत्तों के मुद्दे पर भी आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, बस और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें शेल्टर होम में जगह दी जाए। साथ ही उन्हें टीकाकरण के बाद भी उसी इलाके में न छोड़े जाने के निर्देश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों- जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने सुनवाई के दौरान कुत्तों के काटने के मामलों में चौंकाने वाली बढ़ोतरी की बात कही और आदेश दिया कि अधिकारी आवारा कुत्तों को पकड़ने के बाद उन्हें शेल्टर में टीके दिए जाएं. इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर आवारा कुत्तों के दोबारा न घुसने देने के इंतजाम भी तय हों।

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