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कैट को महाकुंभ 2025 से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार की आशा

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नई दिल्ली। विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन ‘महाकुंभ 2025’ सोमवार को प्रयागराज में आरंभ हो गया है, जो फरवरी तक चलेगा। इस दौरान 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, इस महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस महाकुंभ से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है। यह आयोजन भारत और विश्व में धार्मिक अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है, जिससे प्रयागराज और आस-पास के शहरों में व्यापार को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। रेलवे, वायु सेवाओं और सड़क परिवहन को भी महत्वपूर्ण आय मिलने की संभावना है।

खंडेलवाल ने कहा कि चूंकि दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र है, इसलिए दिल्ली से प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 40,000 करोड़ रुपये मूल्य के सामान और सेवाओं की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ के दौरान आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियाँ बड़े पैमाने पर होंगी। यदि धार्मिक यात्रा के दौरान प्रत्येक व्यक्ति 5,000 रुपये खर्च करता है, तो कुल आंकड़ा 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा, जिसमें होटलों, धर्मशालाओं, अस्थायी ठहराव, भोजन, पूजा सामग्री, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य वस्त्र एवं सेवाओं पर खर्च शामिल है।

महाकुंभ 2025 के प्रमुख व्यापारिक आंकड़े:

**आवास और पर्यटन:**
स्थानीय होटलों, धर्मशालाओं और अस्थायी ठहराव से 40,000 करोड़ रुपये का व्यापार हो सकता है।

**भोजन और पेय पदार्थ:**
पैक खाद्य सामग्री, पानी, बिस्किट, जूस और अन्य भोजन पर 20,000 करोड़ रुपये तक का व्यापार होने की संभावना है।

**पूजा सामग्री और प्रसाद:**
तेल, दीपक, गंगाजल, मूर्तियाँ, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकें आदि की बिक्री से 20,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है।

**परिवहन और लॉजिस्टिक्स:**
स्थानीय और अंतरराज्यीय परिवहन, माल ढुलाई और टैक्सी सेवाओं से 10,000 करोड़ रुपये का व्यापार होगा।

**पर्यटन सेवाएं:**
टूर गाइड, ट्रैवल पैकेज और अन्य पर्यटन सेवाओं से 10,000 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यापार।

**हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह:**
स्थानीय उत्पादों, कपड़ों, गहनों और स्मृति चिन्हों से 5,000 करोड़ रुपये की आमदनी होने की संभावना।

**स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं:**
अस्थायी मेडिकल कैंप, आयुर्वेदिक उत्पाद और दवाओं से 3,000 करोड़ रुपये का व्यापार।

**आईटी और डिजिटल सेवाएं:**
डिजिटल भुगतान, वाई-फाई सेवाएं और ई-टिकटिंग से 1,000 करोड़ रुपये का व्यापार।

**मनोरंजन और मीडिया:**
विज्ञापन और प्रचार गतिविधियों से 10,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावनाएँ हैं।

सांसद खंडेलवाल के अनुसार, महाकुंभ उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बढ़ावा देगा। ऐसे आयोजन स्थानीय व्यापार, रोजगार और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं। महाकुंभ 2025 न केवल आस्था और अध्यात्म का केंद्र है बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति का प्रतीक भी है। यह आयोजन भारत की धार्मिक अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा और उत्तर प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बना देगा।

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दिल्ली

पूरा भारत आपका आभारी रहेगाः पीएम मोदी

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अचानक एयरबेस पहुंचकर सेना के जवानों से मिले पीएम

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्र को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी आज सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे। वहां उन्होंने वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने जवानों से बातचीत की जिन्होंने उन्हें जानकारी दी। बहादुर जवानों से मिलकर पीएम मोदी खुश दिखे और उनका जोश बढ़ाया।
जवानों का बढ़ाया जोश इस बीच पीएम मोदी सेना के जवानों से बातचीत भी करते दिखे। जवानों ने उन्हें जानकारी दी और वो बहादुर जवानों से बातचीत करते हुए खुश दिखे। पीएम का यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था और इसकी किसी को पूर्व सूचना नहीं थी।

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देश

हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मुर्शिदाबाद जाएंगी CM ममता

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी. एक सरकारी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अपने घरों से भाग गए.

बाद में यह विरोध प्रदर्शन मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली सहित कई अन्य जिलों में फैल गया. यहां आगजनी, पथराव और सड़क जाम की खबरें आईं. पिछले हफ्ते, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता के न जाने के अनुरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए मुर्शिदाबाद का दौरा किया था.

पीड़ित चाहते हैं सुरक्षा
आनंद बोस ने शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं और उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का वादा किया. आनंद बोस ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से कुछ अन्य मांगें और सुझाव भी हैं.

उन्होंने कहा कि इन सभी पर विचार किया जाएगा. हम उनके संपर्क में रहेंगे. निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर विपक्ष ने ममता पर निशाना साधा है. इस बीच, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है, विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं और सत्ता में आने पर कार्रवाई करने की कसम खाई है.

जनता को गुमराह कर रही हैं
बीजेपी ने ममता की है सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीछे लोगों के खिलाफ बुलडोजर से न्याय की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को खदेड़ा जा रहा है और उनसे एकजुट होने की अपील की गई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी की स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट उनके इस दावे का खंडन करती है कि बाहरी लोग जिम्मेदार थे.

माकपा ने न्यायिक जांच की मांग की है, जिसमें भाजपा और टीएमसी दोनों पर बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि दोनों पार्टियां 2026 के राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मिलीभगत कर रही हैं. शक्ति प्रदर्शन में वामपंथी दल ने ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली के साथ अपने अभियान की शुरुआत की.

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‘पांच दिन में हटाएं वीडियो…’, रामदेव के ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान को दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया अक्षम्य और अविश्वसनीय

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नई दिल्ली। हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।

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