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छत्तीसगढ़ में बीएड सहायक शिक्षकों ने नौकरी से निकाले जाने पर अनोखा प्रदर्शन किया, सरकार से दंडवत होकर मांगी मदद
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नौकरी से निकाले गए बीएड सहायक शिक्षकों ने अपनी बहाली की मांग करते हुए राजधानी रायपुर में अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने साइंस कॉलेज के मैदान के बाहर दंडवत होकर सरकार से नौकरी पर वापस रखने की गुहार लगाई। यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव के दौरान हुआ, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। बीएड सहायक शिक्षकों के इस प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है।
क्या है मामला?
राज्य सरकार द्वारा बीएड सहायक शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त करने के बाद से ये शिक्षक अपनी नौकरी वापस पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने बिना किसी ठोस कारण के उन्हें नौकरी से निकाल दिया, जिससे उनके भविष्य के प्रति अनिश्चितता उत्पन्न हो गई है।
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने इस नौकरी को पाने के लिए कड़ी मेहनत की थी और अब अचानक नौकरी से हटाए जाने से उनके परिवारों के सामने आर्थिक संकट आ गया है। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के समय सरकार ने उन्हें नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब वह अपने वादे से मुकर गई है।
साइंस कॉलेज मैदान के बाहर बीएड सहायक शिक्षक दंडवत होकर अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था, “हमें हमारी नौकरी वापस चाहिए” और “हमारी मेहनत का सम्मान करो।” प्रदर्शन के दौरान शिक्षक लगातार अपनी बहाली की मांग करते रहे।
बीएड सहायक शिक्षकों के इस प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मुद्दा बनाते हुए राज्य सरकार पर हमला किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आई थी, लेकिन अब शिक्षकों को नौकरी से निकालकर बेरोजगारी बढ़ा रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “सरकार की यह नीति शिक्षकों और शिक्षा व्यवस्था के साथ धोखा है। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि राज्य सरकार शिक्षकों की बातों को नजरअंदाज कर रही है।”
इसके विपरीत, छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्तियों में प्रक्रिया संबंधी अनियमितताएं पाई गई थीं, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया। राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर विचार करेगी और शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से निवेदन किया है कि वे उनकी समस्याओं का समाधान करें और उन्हें नौकरी वापस दिलाएं।
इस प्रदर्शन ने न केवल शिक्षकों की परेशानियों को उजागर किया है, बल्कि सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक विवाद को भी बढ़ा दिया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।
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सिरकटी महिला की शिनाख्त नहीं कर पाई पुलिस, सात टीमें लगी है जांच में
नोएडा। करंट क्राइम। नोएडा की कमिश्नरेट पुलिस अभी तक सिर कटी लाश की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई है।
सेक्टर-82 स्थित पुलिस चौकी के पास नाले में एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी। लाश मिलने के 24 घंटे बाद भी पुलिस मृतक महिला की पहचान नहीं कर पाई है। पुलिस ने आसपास की झुग्गियों में रहने वालों से पूछताछ की लेकिन शनिवार दोपहर तक किसी ने मृतक महिला की शिनाख्त नहीं की।
पुलिस का कहना है कि महिला का सिर और दोनों हथेलियां कटी होने से शिनाख्त में परेशानी हो रही है। सेक्टर-39 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाकर 400 से अधिक सीटीवीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। घटनास्थल से 3 किमी एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। साथ ही 3 दिन में वहां से गुजरे 500 से अधिक वाहनों की जांच की लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया।
एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि महिला की पहचान के लिए टीमों का गठन किया गया है। करीब सात टीमें बनाई गई है। सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। महिला की पैरों की उंगलियों में बिछुआ पाया गया। ऐसे में पुलिस का मानना है कि महिला शादीशुदा है। शायद पति ने ही हत्या कर लाश फेंक दी हो। करीब 30 वर्षीय विवाहित महिला की गर्दन व हाथ काटकर निर्मम हत्या की गई। महिला का शव सेक्टर-82 कट चौकी के पास निर्वस्त्र हालत में सर्विस रोड के नाले में तैरता मिला। अभी तक कटे अंग नहीं मिले है।
शव की हालत देखकर पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए – महिला का सिर गायब था और दोनों हथेलियां काटी गई थीं। इससे स्पष्ट है कि हत्यारे ने पहचान छिपाने के लिए यह जघन्य अपराध किया है।
