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नोएडा

न्यू नोएडा के अधिसूचित ग्रामों में अवैध निर्माण रोकने हेतु चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, सीईओ ने जारी किए निर्देश

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नोएडा। नोएडा, दादरी और गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) में न्यू नोएडा के विकास के पहले चरण में 80 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। न्यू नोएडा के लिए भूमि बैंक विकसित करने की प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए आज नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, डा. लोकेश एम की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया।

गुरुवार को नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर-6 स्थित मुख्य प्रशासनिक कार्यालय के बोर्ड रूम में हुई बैठक में बुलन्दशहर के जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह, एसीईओ संजय कुमार खत्री, एसीईओ वन्दना त्रिपाठी, एसीईओ सतीश पाल, विशेष कार्याधिकारी महेन्द्र प्रसाद, मुख्य विधि सलाहकार रविन्द्र प्रसाद गुप्ता, वित्त नियंत्रक स्वतंत्र कुमार, विशेष कार्याधिकारी क्रान्ति शेखर सिंह, अरविन्द कुमार सिंह, महाप्रबन्धक मीना भार्गव, इश्तयाक अहमद सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में न्यू नोएडा के विकास के पहले चरण में अधिसूचित गांवों के चयन, नोएडा में अधिसूचित गांवों में बिना अनुमति के हो रहे अवैध और अनधिकृत निर्माण पर रोकथाम और सामान्य जनता को जागरूक करने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, न्यू नोएडा के लिए भूमि अधिग्रहण और आपसी समझौते के आधार पर क्रय के लिए प्रतिकर दरों के निर्धारण तथा विकास कार्यों पर भी चर्चा की गई।

जानकारी के अनुसार, डीएनजीआईआर दादरी, नोएडा और गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन का एक प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य न्यू नोएडा का निर्माण करना है। डीएनजीआईआर क्षेत्र को 29 अगस्त 2017 को अधिसूचित किया गया था, और इसका मास्टर प्लान 2041 को 18 अक्टूबर 2024 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत किया गया है। अधिसूचित क्षेत्र में गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर के कुल 80 गांव शामिल हैं। इस क्षेत्र का विकास 2041 तक चार चरणों में पूरा किया जाना प्रस्तावित है, जिसका पहले चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2027 तक पूरा होना है।

अतिरिक्त रूप से, द्वितीय चरण में 3798 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2032 तक, तृतीय चरण में 5908 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2037 तक, और चौथे चरण में 8230 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2041 तक किया जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को जोड़ा गया है। इस शहर का विकास लगभग 209 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया जाएगा। डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान 2041 के अनुसार, यहां 40 फीसदी भूमि औद्योगिक, 13 फीसदी आवासीय, और 18 फीसदी भूमि हरे क्षेत्र और मनोरंजन के लिए निर्धारित की गई है।

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उत्तर प्रदेश

अखिलेश से मुलाकात के बाद आजम बोले, मेरा उस घर से 50 सालों का रिश्ता है, इस रिश्ते को कमजोर होने के लिए वर्षों चाहिए और टूटने में सदियों चाहिए

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लखनऊ। करंट क्राइम। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खान शुक्रवार को अखिलेश यादव से मुलाकात करने लखनऊ पहुंचे। आजम खान की अखिलेश यादव से दूसरी बार मुलाकात है। दोनों नेताओं की पहली मुलाकात 8 अक्टूबर को आजम खान के आवास पर हुई थी।
शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने एक्स में एक पोस्ट भी किया और लिखा ‘न जाने कितनी यादें संग ले आए, जब वो आज हमारे घर पर आए!, ये जो मेलमिलाप है यही हमारी साझा विरासत है।
वहीं, अखिलेश से मुलाकात के बाद आजम खान ने मीडिया से कहा ‘मेरा उस घर से 50 सालों कर रिश्ता है। इस रिश्ते को कमजोर होने के लिए वर्षों चाहिए और टूटने में सदियों चाहिए।‘ उन्होंने अखिलेश यादव से हुई बातचीत का ब्यौरा देने से साफ मना करते हुए एक संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अखिलेश से क्या बात हुई, मैं नहीं बताऊंगा। इतना जुल्म सहने के बाद भी जिंदा हूं।“

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उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, स्कूलों-अस्पतालों के पास से हटाए जाएं आवारा कुत्ते, एक्सप्रेसवे-हाइवे से मवेशी, 8 हफ्तों का दिया समय

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को एक और फैसला दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश कर कहा कि सभी आवारा पशुओं को सड़कों, राज्य के हाईवे और राष्ट्रीय राजमार्गों से हटाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर राज्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और नगरपालिकाओं को भी निर्देश जारी किया है। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को करेगी।
देश के कई राज्यों में सड़कों और हाईवे पर खुले घूम रहे आवारा मवेशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि हाईवे और सड़कों से आवारा मवेशियों को तुरंत हटाया जाए। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आवारा पशुओं को हटाने के लिए हाईवे निगरानी टीमें बनाई जाएं जो उन्हें पकड़ कर सड़कों से हटाएगी और शेल्टर होम्स में रखेगी।
आवारा कुत्तों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंडों, खेल परिसरों और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों और अन्य ऐसे मवेशियों को तुरंत हटाए जाने और उन्हें आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 8 हफ्ते का समय दिया है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में आगे आवारा कुत्तों के मुद्दे पर भी आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, बस और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें शेल्टर होम में जगह दी जाए। साथ ही उन्हें टीकाकरण के बाद भी उसी इलाके में न छोड़े जाने के निर्देश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों- जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने सुनवाई के दौरान कुत्तों के काटने के मामलों में चौंकाने वाली बढ़ोतरी की बात कही और आदेश दिया कि अधिकारी आवारा कुत्तों को पकड़ने के बाद उन्हें शेल्टर में टीके दिए जाएं. इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर आवारा कुत्तों के दोबारा न घुसने देने के इंतजाम भी तय हों।

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उत्तर प्रदेश

सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने दी लौह पुरुष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि, देखें VIDEO

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इटावा। करंट क्राइम। उत्तर प्रदेश विचार मंच की ओर से शुक्रवार को इटावा में लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। उन्होंने भारत के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
इटावा के के के डिग्री कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में सपा कार्यकर्ताओं ने लौह पुरुष की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि सरदार पटेल ने सैंकडों रियासतों को भारत में शामिल कर एक मजबूत देश का निर्माण किया। आज उनके विचारों को जन-जन के बीच ले जाना होगा। तभी विभाजनकारी ताकतों का मुकाबला किया जा सकता है।

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