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एचएमपीवी खतरनाक नहीं, जागरूकता से किया जा सकता है नियंत्रण – विशेषज्ञ

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नई दिल्ली। भारत के कई राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आए हैं, जिसके चलते सरकार ने भी आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। सरकार ने सभी राज्यों से इसे लेकर सावधानी और सतर्कता बरतने को कहा है। इस वायरस की गंभीरता को लेकर आईएएनएस ने सीके बिड़ला अस्पताल के निदेशक और पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल से बातचीत की। डॉ. मित्तल ने बताया, “यह वायरस नया नहीं है, और यह मुख्यतः हल्के श्वसन रोगों से जुड़ा हुआ है। हाल ही में कर्नाटक में एक तीन महीने के बच्चे में इस वायरस का मामला पाया गया, लेकिन उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

यह मामला यह दर्शाता है कि इस वायरस से होने वाली बीमारियों के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं। हालांकि, एक साल से छोटे बच्चे, 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति, और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, या जिनमें पहले से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ये लोग उच्च जोखिम के श्रेणी में आते हैं।” उन्होंने बताया, “इस वायरस के लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने और ऑक्सीजन थेरेपी या वेंटिलेशन की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, आम जनता के लिए यह वायरस बहुत खतरनाक नहीं माना जाता। कोविड-19 वायरस की तुलना में यह अधिक गंभीर नहीं है, और इसके प्रति पहले के संपर्क से बनाई गई आंशिक इम्युनिटी इसके प्रभाव को कम कर सकती है।

इस वायरस के जल्दी पहचान और जागरूकता के जरिए नियंत्रण पाया जा सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान डेटा इंगित करता है कि एचएमपीवी खतरनाक वायरस नहीं है। इसलिए, इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। इससे बचाव के लिए मास्क पहनना और लक्षण दिखाने वाले व्यक्तियों से दूर रहना इसे फैलने से बचा सकता है।” वहीं, इस वायरस के संदर्भ में विभिन्न राज्यों ने अलर्ट जारी किया है। देश में अब तक कर्नाटक (2), गुजरात (1) और तमिलनाडु (2) में कुल मिलाकर एचएमपीवी के सात मामले सामने आए हैं, जिनमें सभी मामले 3 महीने से लेकर 13 साल की उम्र के बच्चों में पाए गए हैं।

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भाजपा के घटिया प्रोपेगेंडा का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है : अखिलेश, see VIDEO

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लखनऊ। करंट क्राइम। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज प्रेस वार्ता में भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के घटिया प्रोपेगेंडा का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है । भाजपा के पास इतना संसाधन है कि वह किसी को बदनाम कर सकती है। आप कल्पना नहीं कर सकते भाजपा किस कदर किसी को बदनाम कर सकती है। अखिलेश यादव ने कहा कि पहले हम लोग सुनते थे कि डीसीएम और ओसीएम में लड़ाई होती है। लेकिन अब डबल इंजन के डब्बे टकराने लगे हैं। अब तो गार्ड के डब्बे भी टकरा रहे हैं। उसी का परिणाम है कि कोई कुटा जा रहा है कोई पीटा जा रहा है। अखिलेश यादव ने दावा किया कि प्रदेश में बिजली महंगी हो रही है। सरकार महंगाई और बेरोजगारी बढ़ा रही है।

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VIDEO NEWS- योगी सरकार दिव्यांग जनों की मदद के लिए संकल्पित

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बरेली। करंट क्राइम। उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन कल्याण मंत्रालय की ओर से बरेली में सामाजिक अधिकारिता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा शामिल हुए । उन्होंने दिव्या जनों को 2 करोड़ 30 लख रुपए के उपकरण बांटे। राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत उपकरण बांटे गए इस मौके पर प्रदेश के दिव्यांगजन कल्याण राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार दिव्यांग जनों की कल्याण के लिए हर संभव मदद कर रही है इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है जिसके तहत दिव्यांग जनों को उपकरण बांटे गए

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जांच को निकले नोएडा सीईओ ने गंदगी पाए जाने पर दो अधिकारियों पर लिया एक्शन

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नोएडा। करंट क्राइम। काम के प्रति लापरवाही बरतने पर नोएडा प्राधिकरण के दो अधिकारी नप गए। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। कई जगहों पर गंदगी मिलने पर सीईओ ने जूनियर इंजीनियर और हेल्थ इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की है। सड़कों पर गंदगी मिलने पर सीईओ ने दोनों ही अधिकारियों का एक महीने का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। साथ ही काम में लापरवाही बरतने वाली कंपनी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
सीईओ लोकेश एम ने शहर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सीईओ सेक्टर-136 और सेक्टर-137 पहुंचे। यहां उन्हें सफाई कर्मचारी नहीं मिला। जिसके बाद सीईओ ने हेल्थ इंस्पेक्टर पर एक्शन लिया। सीईओ ने इस लापरवाही के चलते इंस्पेक्टर का एक माह का वेतन रोकने के निर्देश दिए हें। इसके बाद सीईओ जलभराव और विभिन्न सोसायटियों के ड्रेनेज सिस्टम का जायजा लिया। इस काम में कमी पाए जाने पर सीईओ ऐसी सभी सोसायटियों को नोटिस जारी कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
निरीक्षण के दौरान फ्लाईओवर पर टाइल्स उखड़ी मिली और निर्माण सामग्री फैली मिली, जिसे तत्काल हटाने के निर्देश दिए। साथ ही एक्सप्रेसवे के सेंट्रल वर्ज पर जारी पेंटिंग कार्य की धीमी गति और घटिया गुणवत्ता पर कांट्रेक्टर कंपनी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सीईओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक सप्ताह में कार्य में सुधार नहीं हुआ तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
सीईओ ने शहर के निर्माण में लगाई जा रही घिसी हुई पेवर ग्रास टाइल्स और अन्य घटिया निर्माण कार्यों पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे लेकर संबंधित जूनियर इंजीनियर का एक माह का वेतन काटने के आदेया दिए हैं। सीईओ ने एनजीटी और शासन के आदेशानुसार टाइल्स लगाने के निर्देश दिए हैं।

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