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नोएडा

नोएडा प्राधिकरण की महत्वपूर्ण कार्रवाई: अवैध निर्माण पर सील, थाना प्रभारी को सौंपा गया कार्यभार

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नोएडा: नोएडा प्राधिकरण ने ग्राम वाजिदपुर में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए आज एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। पुलिस बल के सहयोग से इस अवैध निर्माण को सील कर दिया गया। यह भूमि नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित और अर्जित भूमि है, जहां बिना अनुमति बहुमंजिला इमारत का निर्माण जारी था।

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ कार्यालय द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक, ग्राम वाजिदपुर में स्थित खसरा संख्या-168, 198 और 199 की भूमि प्राधिकरण की अर्जित/अधिसूचित भूमि है। यहाँ अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा प्राधिकरण की अनुमति के बिना फ्लैट जैसी बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जा रहा था। प्राधिकरण ने इस अवैध निर्माण के खिलाफ कई बार नोटिस जारी किए, लेकिन अतिक्रमणकर्ता निर्माण कार्य जारी रखते रहे।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने याचिका संख्या 27072/2024 में 20 अगस्त 2024 को स्थिति को यथावत बनाए रखने के आदेश दिए थे, लेकिन अतिक्रमणकर्ताओं ने इसके आदेशों का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण जारी रखा।

नोएडा प्राधिकरण ने न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत आवेदन को 4 नवंबर 2024 को अस्वीकृत कर दिया। विशेष कार्याधिकारी (भूलेख) ने 26 दिसंबर 2024 को थाना-एक्सप्रेस वे के थानाध्यक्ष को निर्माण कार्य रोकने का निर्देश दिया, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा।

आज (मंगलवार) प्राधिकरण ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद चल रहे निर्माण पर रोक लगाने के लिए कठोर कार्रवाई की। पुलिस बल और नोएडा प्राधिकरण की टीम ने अवैध निर्माण को सील कर दिया। सीलिंग के बाद इस कार्य की देखरेख का जिम्मा थाना-एक्सप्रेस वे, सेक्टर-135 के थानाध्यक्ष को सौंपा गया है।

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Lucknow

क्या वजह थी प्लेन क्रैश होने की?

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नई दिल्ली। करंट क्राइम। एयर इंडिया का प्लेन क्यों हुआ ? क्या पायलट के पास बचने का कोई मौका नहीं बचा था? पायलट को करीब 80000 घंटे उडान का अनुभव था तो फिर इस हादसे को क्यों नहीं रोका जा सका? क्या बोइंग विमान में खराबी थी? क्या विमान 11 साल को होने के कारण उडान में सक्षम नहीं था? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है, जिसका जवाब  मिलना जरूरी है। विमान का ब्लैक बॉक्स से यह जानकारी मिल सकती है कि आखिर क्रैश होने के क्या कारण है?


अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह भारत में अब तक की सबसे खराब विमान हादसे में से एक है। लंदन जा रहे इस विमान में 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट थे. 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति – सीट नंबर 11ए का यात्री – दुर्घटना में बचा है।


अब सबकी जुबान पर एक ही सवाल है कि आखिर यह हादसा हुआ क्या। एविएशन फिल्ड के एक्सपर्ट और पायलट हादसे को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं, जैसे- क्या विमान के दोनों इंजन में एक साथ खराबी आ गई? क्या जेट फ्यूल में खराबी या किसी ब्लॉकेज के कारण इंजन खराब हो गए? क्या उड़ान भरने के लिए पंखों पर लगे फ्लैप को नीचे उतारा गया था?…


एक्सपर्ट्स के अनुसार, दोनों इंजनों के फेल होना या टेक-ऑफ के तुरंत बाद एक पक्षी का टकराना, वो संभावित कारणों में से एक हो सकते हैं, जिसके कारण एयर इंडिया के विमान की घातक दुर्घटना हुई।


एक्सपर्ट मानते हैं कि वीडियो को देखकर ऐसा लगता है कि दोनों इंजन टेक-ऑफ के लिए आवश्यक जोर हासिल नहीं कर सके, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद आवासीय क्षेत्र में एक घातक दुर्घटना हुई।
एक्सपर्ट मानते है कि कि ऐसा नहीं लगता कि यह एक इंजन फेल होने का मामला है क्योंकि ऐसी स्थिति में विमान झूल रहा होगा लेकिन यहां विमान स्थिर था। उक अन्य एक्सपर्ट ने कहा, दोनों इंजनों के फेल होने की संभावना है… दोनों इंजनों में थ्रस्ट खत्म हो सकती है। लेकिन ये केवल संभावनाएं है। वीडियो से ऐसा लगता है कि उड़ान भरने के समय या तो फ्लैप ऊपर थे या लैंडिंग गियर नीचे था।


एक्सपर्ट की माने तो जिस तरह से विमान नीचे गिरा, उससे संकेत मिलता है कि दोनों इंजनों में थ्रस्ट की कमी थी। ऐसा तब हो सकता है जब किसी पक्षी के टकराने के कारण दोनों इंजनों में आग लग गई हो।
विमान के दोनों इंजनों की शक्ति खत्म हो गई होगी। हो सकता है कि एक इंजन फेल हो गया हो और संभवतः उड़ान भरने के बाद लैंडिंग गियर को वापस न खींचे जाने के कारण, दूसरे इंजन में पर्याप्त शक्ति न हो।
ऐसे भी सुझाव हैं कि विमान का वजन परमिशन वाली सीमा से अधिक हो सकता है, लेकिन इसपर एक्सपर्ट का कहना है अगर ऐसा होता, तो टेक-ऑफ ही संभव नहीं होता। विमान का वजन टेक-ऑफ गति निर्धारित करता है। यदि कैल्कुलेट की गई गति आवश्यकता से कम है, तो इंजन विमान को हवा में ले जाने के लिए संघर्ष करेंगे।

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अरुणाचल प्रदेश

लकी नंबर बना विजय रुपाणी के लिए अनलकी, 1206 को काफी लकी मानते थे, उसी दिन हुई मौत

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अहमदाबाद। करंट क्राइम। अहमदाबाद से लंदन जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की भी मौत हो गई है। इसे महज संयोग कहिए या कुछ भाजपा नेता विजय रुपाणी का 1206 से विशेष लगाव रहा है। वे इस नंबर को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। गौर फरमाइए, उनकी मौत भी इसी नंबर के दिन पर हुई है।
पुराने स्कूटर से लेकर पहली कार तक एक नंबर…1206 को लकी मानते थे विजय रुपाणी।


गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। वहीं अब विजय रुपाणी के निधन की तारीख को लेकर एक हैरान कर देने वाल संयोग सामने आया है।


दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री के जीवन में एक नंबर था, जो सिर्फ एक अंक नहीं बल्कि उनके लिए भरोसे का प्रतीक था। यह नंबर था 1206, जिसे वो अपने लिए लकी समझते थे। इस नंबर को विजय रुपाणी इतना लकी मानते थे कि स्कूटर से लेकर कार तक उनकी सभी गाड़ियों का नंबर भी शुरुआत से इसी नंबर 1206 से ही होती रही। लेकिन यही संख्या उनके लिए ऐसी अशुभ हुई कि उनकी जान तक चली गई।


पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी के लिए 12 जून यानी 12-06 को उनका सबसे भरोसे वाला नंबर 1206 उनके लिए ही नहीं बल्कि उनके परिवार के लिए भी अनलकी साबित हो गया। विजय रुपाणी का स्कूटर से लेकर पहली कार का नंबर 1206 ही था। यह कार और स्कूटर आज भी उनके घर की पार्किंग में मौजूद हैं। लेकिन, संयोग ही है कि 12-06 ही उनके जीवन की अंतिम तारीख बन गई।

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Lucknow

वीडियो में देखिए प्लेन के क्रैश होने के बाद डीजे मेडिकल कॉलेज में तबाही का मंजर

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अहमदाबाद। करंट क्राइम। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे ने डीजे मेडिकल कॉलेज को भी काफी जख्म दिए हैं। विमान जमीन पर टकराने के बाद सीधे मेडिकल कॉलेज से जा टकराया। इससे कॉलेज की बिल्डिंग को काफी नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में तीन डॉक्टरों की मौत हो गई और करीब 60 से ज्यादा घायल है। जिनका इलाज सिविल अस्पताल में किया जा रहा है ।अहमदाबाद के डीजे मेडिकल कॉलेज को भारी नुकसान हुआ है जिस वक्त विमान मेडिकल कॉलेज में टकराया उस समय ज्यादातर डॉक्टर हॉस्पिटल में थे। जिस कारण नुकसान कम हुआ। डॉक्टर का कहना है कि यह हादसा शाम को होता तो और ज्यादा नुकसान पहुंचता।

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