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ग़ाजियाबाद

गाज़ियाबाद में रेस्टोरेंट व्यवसायी की नवीं मंजिल से गिरकर हुई मौत

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गाजियाबाद- कौशांबी थाना क्षेत्र के वैशाली सेक्टर 4 में स्थित नंदिनी मेट्रो स्वीट समिति की नवीं मंजिल से गिरकर एक व्यवसायी की जान चली गई। मृतक व्यवसायी एक रेस्टोरेंट के मालिक थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।

गाजियाबाद पुलिस ने सड़कों पर शराब पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, जिसमें 2 घंटे के भीतर 102 लोगों को पकड़ा गया।

एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि 50 वर्षीय अजय गुप्ता अपने परिवार के साथ सोसाइटी में एक फ्लैट में रहते थे। सोमवार की शाम को उनकी नवीं मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गई। घटना के समय उनका बेटा ओम गुप्ता भी वहां मौजूद था।

मुज़फ्फरनगर में जीएसटी ने सक्षम ट्रेडर्स पर छापेमारी की, राणा स्टील के पास कुछ दस्तावेज मिले, जिससे व्यापारियों में हड़कंप मच गया।

अजय गुप्ता अचानक अपने फ्लैट की बालकनी से गिर गए। उनकी गिरी हुई आवाज सुनकर गार्ड ने शोर मचाया और उन्हें अस्पताल भेजा। साथ ही पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल कर रही है। उन्होंने बताया कि अजय गुप्ता पिछले 15 साल से अवसाद (डिप्रेशन) से ग्रस्त थे और उनका उपचार चल रहा था। हालांकि, मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन प्रारंभिक पूछताछ के अनुसार यह मामला आत्महत्या सा प्रतीत होता है।

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गाजियाबाद: बहू ने क्रिकेट बैट से ससुर की हत्या की

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गाजियाबाद। गोविंदपुरम के डी ब्लॉक में शुक्रवार रात एक च shocking घटना घटी, जहां 68 वर्षीय रिटायर्ड स्वास्थ्यकर्मी पाती सिंह की उनके घर में हत्या कर दी गई। इस हत्या का आरोप उनकी पुत्रवधु आरती पर है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात लगभग 9 बजे एक किरायेदार अनुराधा ने पाती सिंह को नग्न और रक्तरंजित अवस्था में देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पाती सिंह की पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था और कोरोना काल में उनके बेटे जितेंद्र की भी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद आरती अपने दो बच्चों के साथ उसी घर में रहने लगी थी।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि हत्या का कारण प्रॉपर्टी विवाद हो सकता है। हालांकि, पड़ोसियों का कहना है कि घटना की रात आरती और उसकी चचेरी बहन का पाती सिंह से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उन्होंने बैट से पाती सिंह को पीटा और उनकी हत्या कर दी। इसी बीच कुछ अन्य जानकारी भी मिली है, जिसमें बताया गया है कि पाती सिंह के कई महिलाओं के साथ संबंध थे और उसने अपनी बहू पर भी गलत नीयत रखी थी। आरोप है कि घटना की रात पाती सिंह ने अपनी बहू को गलत तरीके से छूने का प्रयास किया, जिससे गुस्साई बहू ने टीवी की आवाज तेज कर दी और फिर क्रिकेट बैट से उन पर हमला कर दिया। कविनगर एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद की संभावना मौजूद है, लेकिन पुलिस सभी दृष्टिकोणों से जांच कर रही है। इस समय आरोपी बहू आरती पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ जारी है।

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गाजियाबाद को टीबी मुक्त करने के लिए विशेष अभियान शुरू, अब तक सात लाख से अधिक लोगों की जांच की गई

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गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए जिला टीबी विभाग ने लगातार जमीनी स्तर पर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसी सिलसिले में 31 दिसंबर 2024 को एक विशेष अभियान शुरू किया गया था, जिसके अंतर्गत अब तक सात लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इस स्क्रीनिंग में लगभग छह हजार मरीजों में टीबी संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह विशेष अभियान 24 मार्च 2025 तक जारी रहेगा, जिसके बाद जिला टीबी विभाग एक राउंडअप अभियान संचालित करेगा। इस अभियान के माध्यम से उन व्यक्तियों को भी पहचाना जाएगा जो अब तक स्क्रीनिंग से वंचित रह गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य जिले में टीबी संक्रमण को जड़ से समाप्त करना और हर संक्रमित मरीज को समय पर उचित चिकित्सा प्रदान करना है। जानकारी के अनुसार, जिन मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई है, उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। साथ ही, निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक मरीज को पोषण सहायता के रूप में एक हजार रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं, ताकि उनके पोषण स्तर में सुधार हो सके और वे शीघ्र स्वस्थ हो सकें।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के. यादव ने बताया कि गाजियाबाद को टीबी मुक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान संभावित मरीजों की बड़ी संख्या की पहचान की जा रही है और उन्हें त्वरित उपचार प्रदान किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य जिले में टीबी को पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने बताया कि अब तक 7,29,817 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक टीबी मुक्त होने का लक्ष्य रखा है, जबकि केंद्र सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है और इस दिशा में सक्रियता से कार्य कर रही है। हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों का सफल उपचार करना है।

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भाजपा विधायक को पुलिस से ही हत्या का खतरा, योगी पर अधिकारियों ने किया तंत्र-मंत्र!

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गाजियाबाद। लोनी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर को पुलिस से जान का खतरा है और उन्हें अपनी हत्या की आशंका है। उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तंत्र-मंत्र के जरिए अपने नियंत्रण में ले रखा है।

गुरुवार को लोनी क्षेत्र में कथावाचक अतुल कुमार की कथा का आयोजन हुआ, जिसके पूर्व कलश यात्रा निकाली गई थी। पुलिस का कहना है कि इस कलश यात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके बारे में विधायक और उनके पुत्र को फोन पर सूचित किया गया था। इसके बावजूद कलश यात्रा आयोजित की गई। जब पुलिस ने कलश यात्रा रोकने की कोशिश की, तो विधायक और उनके समर्थकों के साथ हाथापाई की स्थिति उत्पन्न हो गई। विधायक नंदकिशोर गुर्जर का आरोप है कि पुलिस ने एसडीएम की अनुमति के बावजूद कलश यात्रा को रोकने की कोशिश की और उनके साथ भी मारपीट की, जिससे उनका कुर्ता फट गया, जिसके बाद उन्होंने धरना दिया।

यह मामला कल से ही गरमाया हुआ है। आज विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पुलिस पर और भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद पुलिस और प्रदेश के उच्चाधिकारियों ने उनकी हत्या की साजिश रची है और कल के कलश यात्रा के दौरान दंगा कराकर अधिकारियों ने उनका कत्ल कराने की कोशिश की थी।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में रोजाना 50,000 गायों की हत्या की जा रही है और गायों के हत्यारों से अधिकारियों को रिश्वत मिलती है, जो कि प्रमुख सचिव तक पहुंचती है।

विधायक नंदकिशोर गुर्जर यह मानते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों के प्रभाव में हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों ने तांत्रिक क्रियाओं के जरिए मुख्यमंत्री को अपने नियंत्रण में कर रखा है।

विधायक ने यह भी बताया कि वह अपनी सुरक्षा के लिए विधानसभा अध्यक्ष और न्यायालय से मदद मांगेंगे और न्याय मिलने तक वह नंगे पैर रहेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि कमिश्नर सिस्टम शुरू होने के बाद भ्रष्टाचार में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

गाजियाबाद में भाजपा विधायक और पुलिस के बीच चल रहे इस विरोध पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर टिप्पणी की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को निशाना बनाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायकों के समायोजन के लिए एक “धमकी मंत्रालय” बनाया जाना चाहिए, जिसमें मंत्री बनने के लिए योग्य उम्मीदवार पहले से ही मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में उनसे अधिक योग्यता और अनुभव किसी और के पास नहीं है।

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