देश
जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और तेलंगाना सहित देशभर में रेल कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं – मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें आज कई महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का शुभारंभ करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “हम जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों में रेल कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी कड़ी में, सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे, मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई रेल परियोजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास करूंगा।”
पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन की जाने वाली विभिन्न रेलवे परियोजनाएं कनेक्टिविटी में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इस संदर्भ में, वे नए जम्मू रेलवे मंडल का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही, पीएम तेलंगाना के चेरलापल्ली में नए टर्मिनल स्टेशन का उद्धाटन करेंगे और ईस्ट कोस्ट रेलवे के रायगढ़ रेलवे मंडल भवन का शिलान्यास भी करेंगे। जम्मू रेलवे मंडल के निर्माण से 742.1 किलोमीटर लंबे पठानकोट-जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला, भोगपुर सिरवाल-पठानकोट, बटाला-पठानकोट और पठानकोट से जोगिंदर नगर खंड सहित कई क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों को काफी लाभ होगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बुनियादी ढांचे का विकास होगा और पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जो समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को संभव बनाएगा।
तेलंगाना के मेडचल-मलकाजगिरी जिले के चेरलापल्ली में स्थित नए टर्मिनल स्टेशन को लगभग 413 करोड़ रुपये की लागत से एक नए कोचिंग टर्मिनल के रूप में विकसित किया गया है। यह टर्मिनल उत्कृष्ट यात्री सुविधाओं से लैस है और पर्यावरण के अनुकूल है। यह सिकंदराबाद, हैदराबाद और काचीगुडा में मौजूदा कोचिंग टर्मिनलों पर भीड़ को कम करने में मदद करेगा। इसके अलावा, पीएम नरेंद्र मोदी ईस्ट कोस्ट रेलवे के रायगढ़ रेलवे मंडल भवन का शिलान्यास करेंगे, जो ओडिशा, आंध्र प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में सहायक होगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में योगदान देगा।
Lucknow
क्या वजह थी प्लेन क्रैश होने की?

नई दिल्ली। करंट क्राइम। एयर इंडिया का प्लेन क्यों हुआ ? क्या पायलट के पास बचने का कोई मौका नहीं बचा था? पायलट को करीब 80000 घंटे उडान का अनुभव था तो फिर इस हादसे को क्यों नहीं रोका जा सका? क्या बोइंग विमान में खराबी थी? क्या विमान 11 साल को होने के कारण उडान में सक्षम नहीं था? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है, जिसका जवाब मिलना जरूरी है। विमान का ब्लैक बॉक्स से यह जानकारी मिल सकती है कि आखिर क्रैश होने के क्या कारण है?
अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह भारत में अब तक की सबसे खराब विमान हादसे में से एक है। लंदन जा रहे इस विमान में 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट थे. 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति – सीट नंबर 11ए का यात्री – दुर्घटना में बचा है।
अब सबकी जुबान पर एक ही सवाल है कि आखिर यह हादसा हुआ क्या। एविएशन फिल्ड के एक्सपर्ट और पायलट हादसे को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं, जैसे- क्या विमान के दोनों इंजन में एक साथ खराबी आ गई? क्या जेट फ्यूल में खराबी या किसी ब्लॉकेज के कारण इंजन खराब हो गए? क्या उड़ान भरने के लिए पंखों पर लगे फ्लैप को नीचे उतारा गया था?…
एक्सपर्ट्स के अनुसार, दोनों इंजनों के फेल होना या टेक-ऑफ के तुरंत बाद एक पक्षी का टकराना, वो संभावित कारणों में से एक हो सकते हैं, जिसके कारण एयर इंडिया के विमान की घातक दुर्घटना हुई।
एक्सपर्ट मानते हैं कि वीडियो को देखकर ऐसा लगता है कि दोनों इंजन टेक-ऑफ के लिए आवश्यक जोर हासिल नहीं कर सके, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद आवासीय क्षेत्र में एक घातक दुर्घटना हुई।
एक्सपर्ट मानते है कि कि ऐसा नहीं लगता कि यह एक इंजन फेल होने का मामला है क्योंकि ऐसी स्थिति में विमान झूल रहा होगा लेकिन यहां विमान स्थिर था। उक अन्य एक्सपर्ट ने कहा, दोनों इंजनों के फेल होने की संभावना है… दोनों इंजनों में थ्रस्ट खत्म हो सकती है। लेकिन ये केवल संभावनाएं है। वीडियो से ऐसा लगता है कि उड़ान भरने के समय या तो फ्लैप ऊपर थे या लैंडिंग गियर नीचे था।
एक्सपर्ट की माने तो जिस तरह से विमान नीचे गिरा, उससे संकेत मिलता है कि दोनों इंजनों में थ्रस्ट की कमी थी। ऐसा तब हो सकता है जब किसी पक्षी के टकराने के कारण दोनों इंजनों में आग लग गई हो।
विमान के दोनों इंजनों की शक्ति खत्म हो गई होगी। हो सकता है कि एक इंजन फेल हो गया हो और संभवतः उड़ान भरने के बाद लैंडिंग गियर को वापस न खींचे जाने के कारण, दूसरे इंजन में पर्याप्त शक्ति न हो।
ऐसे भी सुझाव हैं कि विमान का वजन परमिशन वाली सीमा से अधिक हो सकता है, लेकिन इसपर एक्सपर्ट का कहना है अगर ऐसा होता, तो टेक-ऑफ ही संभव नहीं होता। विमान का वजन टेक-ऑफ गति निर्धारित करता है। यदि कैल्कुलेट की गई गति आवश्यकता से कम है, तो इंजन विमान को हवा में ले जाने के लिए संघर्ष करेंगे।
Lucknow
VIDEO NEWS -विधायक ने पैर मारा तो उखड़ गई सड़क

कन्नौज। करंट क्राइम। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही सड़क की गुणवत्ता की जांच करने पहुंचे भाजपा विधायक कैलाश राजपूत का होश उस समय उड़ गया जब उन्होंने सड़क पर पैर मारा तो सड़क की गिट्टी उखड़ गई
उन्होंने तुरंत फोन पर इसकी शिकायत समाज कल्याण मंत्री और असीम अरुण से की । विधायक कैलाश राजपूत ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।मजे की बात है कि विधायक ने जब पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से इसकी शिकायत की तो उन्होंने कहा कि नई तकनीक से सड़क बन रही है। विधायक कैलाश राजपूत ने कहा कि लात मारने से ही गिट्टी निकल रही है तो सड़क की गुणवत्ता क्या होगी, इसे समझा जा सकता है। उन्होंने प्रदेश के मंत्री असीम अरुण से पूरे मामले की जांच करने की मांग की।
अरुणाचल प्रदेश
लकी नंबर बना विजय रुपाणी के लिए अनलकी, 1206 को काफी लकी मानते थे, उसी दिन हुई मौत


अहमदाबाद। करंट क्राइम। अहमदाबाद से लंदन जा रहे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की भी मौत हो गई है। इसे महज संयोग कहिए या कुछ भाजपा नेता विजय रुपाणी का 1206 से विशेष लगाव रहा है। वे इस नंबर को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। गौर फरमाइए, उनकी मौत भी इसी नंबर के दिन पर हुई है।
पुराने स्कूटर से लेकर पहली कार तक एक नंबर…1206 को लकी मानते थे विजय रुपाणी।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। वहीं अब विजय रुपाणी के निधन की तारीख को लेकर एक हैरान कर देने वाल संयोग सामने आया है।

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री के जीवन में एक नंबर था, जो सिर्फ एक अंक नहीं बल्कि उनके लिए भरोसे का प्रतीक था। यह नंबर था 1206, जिसे वो अपने लिए लकी समझते थे। इस नंबर को विजय रुपाणी इतना लकी मानते थे कि स्कूटर से लेकर कार तक उनकी सभी गाड़ियों का नंबर भी शुरुआत से इसी नंबर 1206 से ही होती रही। लेकिन यही संख्या उनके लिए ऐसी अशुभ हुई कि उनकी जान तक चली गई।
पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी के लिए 12 जून यानी 12-06 को उनका सबसे भरोसे वाला नंबर 1206 उनके लिए ही नहीं बल्कि उनके परिवार के लिए भी अनलकी साबित हो गया। विजय रुपाणी का स्कूटर से लेकर पहली कार का नंबर 1206 ही था। यह कार और स्कूटर आज भी उनके घर की पार्किंग में मौजूद हैं। लेकिन, संयोग ही है कि 12-06 ही उनके जीवन की अंतिम तारीख बन गई।
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