वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। समाजवादी पार्टी सरकार को घेरने का काम कर रही है। सपा विपक्षी तेवरों के साथ मैदान में है। सपा ने एक बार फिर से अपने तेवर दिखाते हुए 21 सितम्बर को मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है। सपा के राष्टÑीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर 21 सितम्बर को समाजवादी पार्टी प्रदेश के सभी जनपदों में तहसील स्तर पर मोर्चा खोलेगी। 21 सितम्बर को समाजवादी पार्टी के ज्ञापन में कोरोना संकट काल में स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता, भ्रष्टाचार की शिकायतों और सरकारी उत्पीड़न में वृद्धि, बेहाल किसान और बेरोजगारी का मुद्दा रहेगा। सपा राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी और हर तहसील पर प्रदर्शन करेगी।
कोरोना पीड़ितों के ईलाज वाली नब्ज भांपी है सपा ने
सपा जब 21 सितम्बर पर प्रत्येक तहसील पर धरना देगी तब उसका विजन यहां दिखाई देगा। सपा ने कोरोना पीड़ितों के इलाज वाली नब्ज को भांपा है। सपा जानती है कि सरकारी अस्पतालों से लेकर प्राईवेट अस्पतालों तक क्या हाल रहा है। यह एकदम ताजा मुद्दा है और सपा के धरने का एक मुख्य बिन्दु होगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी कहा कि कोरोना का कहर विकराल रूप धारण करता जा रहा है। भाजपा की राज्य सरकार इसकी रोकथाम में असफल साबित हुई है। कोरोना संक्रमण के शिकार लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधायें तथा उपचार नही मिल रहा है। अस्पताल में कोरोना से मौते थम नही रही हैं।
मजदूरों के पलायन और रोजगार के अभाव पर फोकस
समाजवादी पार्टी इस समय जन मुद्दों पर फोकस कर रही है। वह किसी कैडर या कार्यकर्ता सम्मेलन से ज्यादा सीधे पब्लिक के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। जब 21 सितम्बर को धरना होगा तो यहां सपा ने मजदूरों के पलायन और रोजगार के अभाव पर फोकस किया है। कहा गया है कि अनियोजित लॉकडाउन के दौरान जो लाखों श्रमिक प्रदेश में अपने घर वापिस आये। रोजगार के अभाव, आर्थिक तंगी, नौकरी ना होने और कारोबार, व्यापार बंदी से मजबूर होकर आत्म हत्या कर रहे हैं। किसान, मजदूर, नौजवान, बुनकर, व्यापारी, छात्र, महिलायें, अल्पसंख्यक सभी बदहाल है।
महिला अपराध को लेकर सरकार पर सपा का निशाना
वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने जिस मुद्दे पर सपा को घेरा था अब सपा उसी मुद्दे पर भाजपा को घेरेगी। भाजपा ने नारा दिया था कि जिस गाड़ी पर सपा का झंडा, समझो बैठा उसमें गुंड़ा। हाई-वे गैंग रेप को मुद्दा बनाया था और एंटी रोमियो दस्ते की बात कही थी। अब सपा ने हाल ही में हुई महिला उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर पूरा माहौल बनाया है और सपा का ज्ञापन बतायेगा कि महिलाओं, बच्चियों से दुष्कर्म और विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के मामलों में सरकार संवेदन शून्य रवैया अपनाती है। समाजवादी सरकार के समय की 1090 और 181 महिला हेल्प लाईन जैसी सुविधायें भी भाजपा सरकार खत्म करने जा रही है।
फर्जी एनकांउटर से लेकर विफल पुलिस तंत्र मुद्दा
सपा जब हर तहसील पर प्रदर्शन करेगी तो उसके मुद्दे काफी सियासी बारूद लिए हुए हैं। सपा उत्तर प्रदेश में अराजगकता और जंगल राज पर सवाल उठायेगी। सपा बता रही है कि अपराधी बेखौफ हैं और जनता के जानमाल की सुरक्षा में पुलिस तंत्र विफल है। प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर और हिरासत में मौतों का सिलसिला चालू है। महंगाई चरम पर है। स्कूल, कॉलेज बंद हैं और छात्रों का भविष्य अंधकार में है। सरकार आरक्षण भी खत्म करने की साजिश कर रही है।
कागज से ज्यादा धरातल पर काम करना होगा सपा को
समाजवादी पार्टी ने फर्जी एनकाउंटर से लेकर महंगाई का मुद्दा उठाया है। महिला सुरक्षा को लेकर 1090 और 181 महिला हेल्पलाईन खत्म करने की बात कही है। उसने कोरोना पीड़ितों के उपचार का मुद्दा उठाकर लोअर मिडिल क्लॉस वर्ग की नब्ज को दबा दिया है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि ये सभी मुद्दे ज्ञापन से ज्यादा जनता के बीच जाकर ही जागृत होंगे। सपा को कागज से ज्यादा धरातल पर काम करना होगा। एक दिन सपाई टोपी लगाकर तहसील पर नारे लगाने से सियासी मामला सेट नही होगा, पब्लिक के बीच लगातार जाना होगा। हालांकि सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने निर्देशों में सभी सपा नेताओं से कहा है कि वह अपने ज्ञापन में अपनी क्षेत्रीय समस्यायें भी जोड़ सकते हैं। ऐसे में यह भी देखना होगा कि क्या सपा फीस माफी से लेकर कोरोना के महंगे ईलाज का मुद्दा जोड़ती है या नही।