विदेश
मकाओ में उचित और विविध आर्थिक विकास का महत्व
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बीजिंग, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। 25 साल पहले मकाओ के चीन में वापस आने के बाद से, “एक देश, दो प्रणाली” नीति को व्यापक रूप से लागू किया गया है, जिससे मकाओ के इतिहास में सबसे समृद्ध अवधि आई है।
हाल ही में एक साक्षात्कार में मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के छठे गवर्नर सैम होफेई ने इस बात पर जोर दिया कि मकाओ के लिए उचित और विविध आर्थिक विकास आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि “एक देश, दो प्रणाली” नीति मकाओ में 25 वर्षों से और हांगकांग में 27 वर्षों से लागू की गई है। इस नीति की सफलता दर्शाती है कि यह मुख्य भूमि और मकाओ दोनों की सामाजिक प्रणालियों के साथ संरेखित है, जो राष्ट्रीय पुनर्मिलन और सुरक्षा में सकारात्मक योगदान देती है।
मकाओ के चीन में वापस आने के बाद से, इस क्षेत्र ने राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति का अनुभव किया है। मकाओ के अधिकांश निवासियों को विभिन्न अधिकारों और विशेषाधिकारों से लाभ हुआ है।
सैम होफेई ने आशा व्यक्त की कि पांच वर्षों के समर्पित प्रयासों के बाद, मकाओ में सभी गतिविधियां सफलता के एक नए स्तर को प्राप्त करेंगी। उनका मानना है कि मकाओ अपनी अनूठी ताकत का लाभ उठाते हुए क्वांगतोंग-हांगकांग-मकाओ ग्रेटर बे एरिया के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। यह मकाओ के विकास के लिए एक मूल्यवान अवसर प्रस्तुत करता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
एबीएम/
उत्तर प्रदेश
LIVE: PM Modi attends a public rally in Araria, Bihar
उत्तर प्रदेश
UP समेत 12 राज्यों में आज से SIR अभियान शुरू, घर-घर आकर BLO फार्म भरवाएंगे
गाजियाबाद। करंट क्राइम। 12 राज्यों में आज से विशेष गहन पुनरीक्षण यानि एसआईआर अभियान शुरू हो रहा है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल है। चुनाव आयोग ने 2026 और 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए देश के 12 राज्यों में एसआईआर अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।
वहीं, पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज तृणमूल कांग्रेस ने इस अभियान का विरोध किया है। राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने आज दोपहर को एसआईआर के विरोध में एक मार्च निकालने का फैसला किया है।
इस अभियान के तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से गणना फॉर्म भरवाएंगे। यह प्रक्रिया 7 फरवरी 2026 को समाप्त होगी। उत्तर प्रदेश में अभियान में 51 करोड़ मतदाताओं को कवर किया जाएगा। फॉर्म में व्यक्तिगत जानकारी, पता, फोटो आदि भरनी होगी।
बिहार के बाद यह एसआईआर का दूसरा बड़ा चरण है, जहां सुप्रीम कोर्ट में भी इसकी वैधता पर सुनवाई चल रही है। चुनाव आयोग के अनुसार, यह अभियान लगभग 51 करोड़ मतदाताओं को कवर करेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के करीब 15 करोड़ मतदाता शामिल हैं। इसके तहत बीएलओ हर घर में कम से कम तीन बार जाएंगे, ताकि कोई मतदाता छूट न जाए।
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा ने बताया कि 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारी ने मौजूदा मतदाताओं के लिए पूर्व-भरे हुए गणना फॉर्म छापे हैं, जो बीएलओ आज से वितरित करेंगे।
एसआईआर का यह चरण चार मुख्य स्टेज में होगा. जिसके तहत बीएलओ हर मतदान केंद्र के लगभग 1,000 मतदाताओं के घर जाएंगे। वे पूर्व-भरा हुआ फॉर्म देंगे, जिसमें नाम, फोन नंबर, पता, विधानसभा क्षेत्र, पार्ट नंबर, सीरियल नंबर और मौजूदा फोटो पहले से अंकित होगा। यदि बीएलओ न आएं, तो मतदाता 1950 हेल्पलाइन पर संपर्क कर अपना फॉर्म मंगवा सकते हैं। सभी फॉर्म जमा होने के बाद ईआरओ और सहायक ईआरओ सत्यापन करेंगे। ड्राफ्ट सूची में केवल वे नाम शामिल होंगे, जिन्होंने फॉर्म भरा। जिनका नाम न हो, उनके लिए पंचायत भवन या स्थानीय निकाय कार्यालय पर सूची चस्पा की जाएगी, जिसमें नाम न आने का कारण भी बताया जाएगा। मतदाता फॉर्म 7 (नाम हटाने), फॉर्म 8 (सुधार) या फॉर्म 6 (नया पंजीकरण) भरकर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। शहरी और प्रवासी मतदाता ऑनलाइन पोर्टल के जरिए भी आवेदन कर सकेंगे. राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट प्रतिदिन 50 फॉर्म तक को जमा कर सकेंगे। सभी दावों-आपत्तियों के निपटारे के बाद फाइनल सूची जारी होगी, जो 2027 के यूपी विधानसभा चुनावों का आधार बनेगी।
उत्तर प्रदेश
जूना अखाडे के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद फिर गरजे, कहा- हिम्मत है तो इस्लाम पर चर्चा करके देखे
गाजियाबाद। करंट क्राइम। जूना अखाडे के महामंडलेश्वर और डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर से मौलानाओं को उनके साथ इस्लाम पर चर्चा करने की चुनौती दी है। यति ने कहा कि वे फरवरी में देवबंद में धर्म संसद का आयोजन करने जा रहे हैं, अगर मौलाना और मौलवी उनसे इस्लाम पर शास्त्रार्थ करना चाहते हैं तो वहां आ जाए।
उन्होंने कहा कि इस्लामिक जिहाद और तालिबान को लेकर फरवरी में देवबंद में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। 6 और 7 सितंबर 2013 को देवबंद में ही पहली धर्म संसद हुई थी। तब भी मौलाना और मौलवियों को आमंत्रित किया गया था लेकिन उनके साथ चर्चा के लिए कोई नहीं आया।
यति नरसिंहानंद देवबंद में महाकालेश्वर ज्ञान मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती महाराज की समाधि पर धर्म संसद का संकल्प लिया।
यति ने कहा कि ब्रह्मानंद सरस्वती महाराज के आदेश पर कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाने और इस्लामिक जिहाद पर सरकार से श्वेत पत्र मांगा था। जिसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा था। उनके समर्थन में पूरे सहारनपुर का नौजवान उमड़ पड़ा था। आज ये मुद्दे तो कहीं खो गए है।
उन्होंने कहा कि उन्हें बार बार प्रताड़ित और अपमानित किया जा रहा है परंतु वो अपने गुरु के द्वारा दी गई लड़ाई से बाल बराबर भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
यति ने कहा कि यह धर्म संसद दारुल उलूम देवबंद और तालिबान के बढ़ते हुए प्रभाव का संपूर्ण मानवता और हिंदू समाज पर होने वाले प्रभाव पर चिंतन करेगी। यह धर्म संसद इस विषय में भी चिंतन करेगी कि इस्लामिक गुलामी आने पर हमारा भविष्य कैसा होगा और इस्लामिक भारत का संपूर्ण विश्व और मानवता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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