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विदेश

बांग्लादेश ने पाकिस्तानी सामान और नागरिकों के लिए ‘बाधाएं’ हटाईं, उपमहाद्वीप के लिए खतरे की घंटी

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के लिए वैश्विक स्तर पर आलोचना का सामना कर रही है। वहीं उसकी पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिशें भी व्यापक चिंता विषय बनी हुई हैं।

अंतरिम सरकार की तरफ से हाल में की गई दो घोषणा बताती है कि बांग्लादेश पाकिस्तान से रिश्ते गहरे करने के लिए कितना उतावला है।

यूनुस शासन ने अपने सीमा शुल्क विभाग को व्यापार संबंधों को बढ़ाने की उम्मीद में पाकिस्तानी शिपमेंट को ‘फिजिकल इंस्पेक्शन’ से बाहर रखने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा अंतरिम सरकार ने बांग्लादेशी वीजा चाहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अनिवार्य ‘सिक्योरिटी क्लीयरेंस’ की नीति में ढील दी है।

दोनों ही नीतियां जोखिम से भरी हैं और पाकिस्तानी आतंकवादियों, ड्रग सिंडिकेट और माफिया द्वारा इनका गलत इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।

बांग्लादेश के जाने-माने पत्रकार सलाह उद्दीन शोएब चौधरी ने यूनुस सरकार की ओर से पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधों में किए गए बदलाव और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए ‘नियमों में ढील’ पर गहरी चिंता और आशंका जताई है।

स्थानीय दैनिक ‘ब्लिट्ज़’ में वरिष्ठ पत्रकार ने लिखा, “पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अनिवार्य सुरक्षा मंजूरी को अचानक वापस लेकर और पाकिस्तानी माल को सीमा शुल्क निरीक्षण से छूट देकर, यूनुस शासन ने उपमहाद्वीप में खतरों की घुसपैठ के लिए एक खुला रास्ता बना दिया है।”

चौधरी ने लिखा, “सुरक्षा और सीमा शुल्क जांच को जानबूझकर हटाने से न केवल पाकिस्तानी नेटवर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत के क्षेत्रीय प्रभुत्व और वैश्विक प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचेगा।” उन्होंने अमेरिका-पाकिस्तान के ‘गठबंधन’ पर अपने फायदे के लिए बांग्लादेश को अराजकता में धकेलने के लिए सनसनीखेज लगाए।

संकटग्रस्त बांग्लादेश को पाकिस्तान की तरफ से 30,000 किलोग्राम चीनी भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके जरिए देश में ड्रग्स और आतंकवादी घुस आएंगे, जो पहले से ही ‘नाकाम’ हो रहे देश को एक और झटका देंगे।

वरिष्ठ पत्रकार ने विस्फोटक आरोप लगाते हुए कहा, “एक ऐसा देश जिसकी अपनी कोई साख नहीं है, बांग्लादेश को चीनी निर्यात कर रहा है। चीनी आपूर्ति की आड़ में, वह 30,000 किलोग्राम चीनी में 300 किलोग्राम कोकीन की खेप छिपाकर भेज रहा है।”

चौधरी ने योजनाबद्ध तरीके से बांग्लादेश को नष्ट करने की ‘साजिश’ रचने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके डीप स्टेट पर भी तीखा हमला किया।

पत्रकार ने रेखांकित किया, “बांग्लादेश में अराजकता और अव्यवस्था के पीछे जो बाइडेन के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन और उसकी डीप स्टेट जिम्मेदार है। बाइडेन सरकार, जॉर्ज सोरोस जैसे निवेशकों सहित प्रभावशाली डीप स्टेट ने बांग्लादेश को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलीभगत की है।”

चौधरी ने कहा, “हमारे देश में पाकिस्तानी नागरिकों और पाकिस्तानी उत्पादों को दी जा रही अहमियत को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। देश को लंबे समय तक संकट में रखने के लिए ड्रग्स की सप्लाई के जरिए बांग्लादेशी युवाओं को गुमराह करने और उन्हें पटरी से उतारने के लिए खास तरीका अपनाया जा रहा है।”

पत्रकार ने कहा कि एक बांग्लादेशी नागरिक के रूप में, वह देश के पतन को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद अपने देश पर लगने वाले प्रतिबंधों के बारे में भी आशंका व्यक्त की।

चौधरी ने कहा, ‘मैं ईमानदारी से मानता हूं कि नई अमेरिकी सरकार चरमपंथी शासनों पर कठोर कार्रवाई करेगी और बांग्लादेश उनमें से एक हो सकता है। मुझे दंडात्मक शुल्क, यात्रा पाबंदियों और कुछ व्यक्तियों पर प्रतिबंधों का डर है।”

विशेष रूप से, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच ‘व्यापार और मानव’ संबंधों में ढील ऐसे समय में आ रही है जब बांग्लादेश खुद बढ़ते चरमपंथ और कट्टरपंथ से जूझ रहा है। वहीं यूएई और कुवैत सहित कई मुस्लिम देशों ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सख्त वीजा प्रतिबंध जारी रखे हैं।

–आईएएनएस

एमके/

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वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला में 7.4 तीव्रता का भूकंप आने से भारी नुकसान

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सिडनी, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। दक्षिण प्रशांत महासागरीय देश वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला में मंगलवार को 7.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे राजनयिक मिशन सहित कुछ इमारतों को ‘काफी नुकसान’ हुआ।

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप वानुअतु की राजधानी पोर्ट विला से 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थानीय समयानुसार 12:47 बजे आया, जिसकी गहराई 43 किलोमीटर थी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम (एबीसी) के हवाले से बताया कि वानुअतु में आए भूकंप के बाद पोर्ट विला के एक अस्पताल में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और सामूहिक नुकसान की संख्या के लिए आपातकालीन व्यवस्था की गई।

गार्जियन ऑस्ट्रेलिया ने बताया, संचार व्यवस्था बाधित होने, फोन लाइन्स और सरकारी वेबसाइट्स के बंद होने के कारण नुकसान की सीमा के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई, लेकिन भूकंप के कुछ घंटों बाद ही सोशल मीडिया पर व्यापक विनाश की खबरें सामने आने लगी।

फिजी में रेड क्रॉस के प्रवक्ता ने बताया कि जमीन पर मौजूद कर्मचारी काफी नुकसान की रिपोर्ट कर रहे हैं। वानुअतु प्रसारण और टेलीविजन निगम के कई फुटेज में विला सेंट्रल अस्पताल के बाहर भीड़ दिखाई दे रही है, जो घायल लोगों को स्ट्रेचर पर उठा रही है।

गार्जियन ऑस्ट्रेलिया ने पोर्ट विला में रहने वाले पत्रकार डैन मैकगैरी के हवाले से कहा कि उन्होंने अस्पताल के बाहर तीन लोगों को “स्पष्ट रूप से संकट में” देखा। मैकगैरी ने कहा, “यह मेरे द्वारा वानुअतु और प्रशांत द्वीप समूह में रहने के दौरान 21 वर्षों में अनुभव किया गया सबसे भयंकर भूकंप था। मैंने बहुत सारे बड़े भूकंप देखे हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा।”

एबीसी ने बताया कि भूकंप में ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और न्यूजीलैंड के दूतावास भवन क्षतिग्रस्त हो गए। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि न्यूजीलैंड के उच्चायोग भवन, जो अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटिश मिशनों के साथ स्थित हैं, उसे काफी नुकसान पहुंचा है।

–आईएएनएस

एससीएच/एबीएम

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तीसरा चीन-हिंद महासागर नील आर्थिक विकास और सहयोग मंच आयोजित

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बीजिंग, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। तीसरा चीन-हिंद महासागर नील आर्थिक विकास और सहयोग मंच 16 दिसंबर को दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में उद्घाटित हुआ। चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के उपाध्यक्ष वांग योंग ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और मुख्य भाषण दिया।

उन्होंने भाषण देते हुए कहा कि चीन और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों सहित सभी संबंधित पक्षों के संयुक्त प्रयासों से, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित “साझा भविष्य वाला समुद्री समुदाय” एक चीनी पहल से एक अंतरराष्ट्रीय सहमति तक और एक नीली अवधारणा से व्यावहारिक कार्यों तक विकसित हो रहा है।

वांग योंग ने आगे कहा कि चीन अन्य देशों के साथ व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने, सतत महासागर विकास पर आम सहमति को मजबूत करने, समुद्री वार्ता और परामर्श को मजबूत करने, समुद्री संस्कृति की आपसी सीख को बढ़ावा देने, नीले आर्थिक विकास सहयोग को बढ़ावा देने, मनुष्य और महासागर के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को साकार करने के लिए नए और बड़े योगदान देने के लिए इच्छुक है।

बता दें कि तीसरा चीन-हिंद महासागर नील आर्थिक विकास और सहयोग मंच का विषय “नीले हिंद महासागर का भविष्य : ग्लोबल साउथ में विकास प्रथाएं” है। इसमें 50 से ज्यादा देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 300 से अधिक मेहमानों ने भाग लिया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एबीएम/

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चीन-अमेरिका वित्तीय कार्य ग्रुप की 7वीं बैठक आयोजित हुई

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बीजिंग, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। चीन अमेरिका वित्तीय कार्य ग्रुप की 7वीं बैठक 15 से 16 दिसंबर को पूर्वी चीन के नानचिंग शहर में आयोजित हुई। इसमें चीनी राजकीय वित्तीय निगरानी और प्रबंधन प्राधिकरण, चीनी सिक्योरिटीज़ नियमावली आयोग, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व, अमेरिकी सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज आयोग आदि विभागों ने भाग लिया।

दोनों पक्षों ने चीन और अमेरिका की आर्थिक व वित्तीय स्थिति और मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता व निगरानी, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय शासन, सिक्योरिटीज़ व पूंजी बाजार, मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकवादी वित्त पोषण के विरोध और समान चिंता वाले वित्तीय मुद्दों पर पेशेवर, व्यावहारिक, ईमानदार और रचनात्मक संवाद किया।

बैठक में तकनीकी विशेषज्ञ ग्रुप की रिपोर्ट भी सुनी गई। दोनों पक्षों ने स्थानीय सरकार और निगरानी संस्था के साथ भी बैठक की। चीनी पक्ष ने संबंधित सवालों पर अपनी चिंता व्यक्त की। इस बैठक की उपलब्धि के रूप में चीनी राजकीय वित्तीय निगरानी और प्रबंधन प्राधिकरण ने अमेरिकी संघीय बीमा कार्यालय के साथ बीमा उद्योग के आदान-प्रदान व सहयोग के संशोधित मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एबीएम/

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