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क्या है ओसीसीआरपी, अमेरिकी सरकार के एजेंडे के हिसाब से तय करता है टारगेट?

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नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) अपनी नकारात्मक रिपोर्ट्स को लेकर पिछले कुछ महीनों से चर्चा में बना हुआ है। इस संगठन ने कुछ महीने पहले भारत के बड़े कारोबारी समूह को भी टारगेट किया था।

ओसीसीआरपी को 2007 में स्थापित किया गया था। इसका दावा है यह विश्व के छह महाद्वीपों में पत्रकारों का एक नेटवर्क है, जो अपराध और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर रिपोर्टिंग करने में विशेषज्ञ हैं। वह पूरी तरह से स्वतंत्र तरीके से काम करता है।

हाल ही में फ्रांसीसी अखबार ‘मीडियापार्ट’ की ओसीसीआरपी पर जारी हुई खोजी रिपोर्ट में बताया गया कि यह एक अमेरिकी सरकार के प्रभाव वाला संगठन है।

‘द हिडेन लिंक्स बिटवीन जायंट ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म एंड यूएस गवर्मेंट’ नामक शीर्षक से प्रकाशित हुई रिपोर्ट में कहा गया कि जो बाइडेन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार से इस संगठन को काफी वित्तीय मदद मिली है।

अमेरिकी सरकार से फंड मिलने के कारण ओसीसीआरपी का फोकस रूस और वेनेजुएला के मुद्दों पर होता है, जिन्हें अमेरिका अपना विरोधी मानता है। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वेनेजुएला के भ्रष्टाचार को सामने लाने के लिए ओसीसीआरपी के बैंक खाते में 1,73,324 डॉलर पहुंचाए गए थे।

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि अमेरिकी सरकार से फंड मिलने के कारण, वहां की सरकार के पास संगठन में अहम पदों पर नियुक्तियां करने का अधिकार है। इसमें संगठन के सह-संस्थापक ड्रयू सुलिवन की नियुक्ति भी शामिल है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी गृह मंत्रालय से फंड मिलने के बाद भी ओसीसीआरपी अपनी फंडिंग की जानकारी को सार्वजनिक नहीं करता है। ओसीसीआरपी के बनने के बाद से लेकर अभी तक इसे अमेरिकी सरकार से कम से कम 47 मिलियन डॉलर, यूरोपीय देशों (ब्रिटेन, स्वीडन, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, स्लोवाकिया और फ्रांस) से 14 मिलियन डॉलर और यूरोपीय संघ से 1.1 मिलियन डॉलर की राशि मिली है, लेकिन ओसीसीआरपी की वेबसाइट पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।

इस साल अगस्त में ओसीसीआरपी ने भारत के एक बड़े कारोबारी ग्रुप को निशाना बनाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बिना आधार के कई आरोप लगाए गए थे। समूह द्वारा इन आरोपों का खंडन किया था। साथ ही कहा गया था कि सभी व्यापारिक गतिविधियां कानूनों के मुताबिक हैं।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम

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PM मोदी से मुलाकात के बाद एलन मस्क की टेस्ला ने भारत में शुरू की हायरिंग

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अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने भारत में हायरिंग शुरू कर दी है। कंपनी ने अपने Linkedin अकाउंट से मुंबई और दिल्ली के लिए 13 लोगों की भर्ती का ऐलान किया है। कंपनी ने सेवा सलाहकार, पार्ट्स सलाहकार, सेवा तकनीशियन, सेवा प्रबंधक, बिक्री एवं ग्राहक सहायता, स्टोर प्रबंधक, बिक्री एवं ग्राहक सहायता, व्यवसाय संचालन विश्लेषक, ग्राहक सहायता पर्यवेक्षक, ग्राहक सहायता विशेषज्ञ, वितरण संचालन विशेषज्ञ, ऑर्डर संचालन विशेषज्ञ, आंतरिक बिक्री सलाहकार और उपभोक्ता सहभागिता प्रबंधक के लिए वैकेंसी निकाली है।

काफी समय से बिजनेस सेटअप प्लान कर रही थी टेस्ला
बता दें कि टेस्ला कंपनी बीते कई सालों से भारत में बिजनेस सेटअप करने का प्लान कर रही थी, लेकिन टैक्स और ड्यूटीज उनके आड़े आ रही थी। अब जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं और टैरिफ को लेकर उनका रवैया दिख रहा है। उसमें भारत ने अपने कदम को थोड़ा पीछे खींचा है। बजट में जिस से इंपोर्ट ड्यूटी कम किया गया है। उससे साफ है कि अमेरिका के टैरिफ वॉर से भारत अलग रहना चाहता है और ज्यादा से बिजनेस बढ़ाना चाहता है।
कंपनी ने भर्ती से जुड़ी ईमेल का नहीं दिया जवाब
टेस्ला ने हायरिंग का जो नोटिफिकेशन जारी किया है उसको लेकर एक ईमेल के जरिए कंपनी से पूछा गया है कि ये भर्तियां कंपनी की भारतीय बाजार में प्रवेश की योजना का हिस्सा हैं तथा भारत में बिक्री शुरू करने की संभावित समयसीमा क्या है? कंपनी की ओर से इन सवालों का जवाब नहीं मिला है।

कितना इन्वेस्ट कर सकते हैं एलन मस्क
बता दें कि इस हायरिंग के निकाले जाने के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि एलन मस्क की कंपनी भारत में 25 से 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बना रही है। भारतीय अधिकारियों के अनुमान के अनुसार टेस्ला अब भारत में 65 से 80 हजार करोड़ रुपए यानी डबल निवेश कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो भारत के लिए एक बड़ा निवेश होगा जो किसी भी दूसरी विदेशी के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

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हैदराबाद हाउस में कतर के अमीर शेख तमीम से PM मोदी ने की मुलाकात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण निर्मला और कई वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बातचीत का नेतृत्व किया। कतर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने किया।

भारत और कतर के बीच आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने और राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए संशोधित समझौते पर प्रधानमंत्री मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की मौजूदगी में दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हस्ताक्षर किए गए।

इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, निवेश, नवाचार, प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-कतर संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। अमीर को आज मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उनका औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने उनका स्वागत किया। कतर के अमीर ने मंत्रियों से भी बातचीत की।

अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे, उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल है। इससे पहले वे मार्च 2015 में राजकीय दौरे पर भारत आए थे।

पीएम मोदी ने कल सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के पालम तकनीकी हवाई अड्डे पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद एएल थानी का स्वागत किया। उन्होंने कतर के अमीर को अपना भाई बताया और भारत में उनके सफल प्रवास की कामना की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने के बाद कतर के अमीर से मुलाकात की थी।

भारत और कतर के बीच मित्रता, विश्वास और आपसी सम्मान के गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार हाल के वर्षों में, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित दोनों देशों के बीच संबंध लगातार मजबूत हुए हैं।

कतर में रहने वाला भारतीय समुदाय कतर का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैऔर कतर की प्रगति और विकास में इसके सकारात्मक योगदान के लिए इसकी सराहना की जाती है। कतर के अमीर की यात्रा से दोनों देशों के बीच बढ़ती बहुआयामी साझेदारी को और गति मिलेगी।

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PM मोदी से मुलाकात के बाद एलन मस्क की टेस्ला ने भारत में शुरू की हायरिंग

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनकी मुलाक़ात टेक जगत के दिग्गज एलन मस्क से भी हुई थी. इस मुलाक़ात के बाद अब मस्क द्वारा संचालित टेस्ला ने भारत में अलग-अलग पदों पर वैकेंसी निकाली है. भारत एक ऐसा मार्केट है जहां कंपनी जल्द ही एंट्री करने जा रही है. ऐसे में ये भारतीयों के लिए किसी बड़े मौके से कम नहीं है.

टेस्ला द्वारा भारत में नियुक्तियां ऐसे समय में की जा रही हैं, जब पिछले सप्ताह मस्क ने वाशिंगटन डीसी में पीएम मोदी से मुलाकात की थी और स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन जैसे तमाम तरह के मुद्दों पर गहन बातचीत की थी.

इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने अपने लिंक्डइन पेज पर कम से कम 13 पदों के लिए रिक्रूटमेंट अलर्ट पोस्ट किए हैं, जो ज्यादातर मुंबई और दिल्ली में हैं. लिंक्डइन विज्ञापनों के अनुसार, इन नौकरियों में बिजनेस ऑपरेशन एनालिस्ट, सर्विस टेक्नीशियन, कस्टमर एंगेजमेंट मैनेजर और ऑर्डर ऑपरेशन स्पेशलिस्ट सहित विभिन्न सलाहकार भूमिकाएं शामिल हैं.
यह भर्ती ऐसे समय में निकाली गईं हैं, जब भारत ने 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली हाई-एंड कारों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 110 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया है. मस्क ने भारत के बाजार के लिए टेस्ला का अधिक किफायती वर्जन लाने पर विचार किया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई खास प्रगति नहीं हुई है.

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद क्या बोले मस्क

पीएम मोदी ने पहले एक्स पर पोस्ट किया था, “एलन मस्क के परिवार से मिलना और कई विषयों पर बात करना खुशी की बात थी। हमने स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन जैसे मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें वे मुद्दे भी शामिल हैं, जिनको लेकर वे जुनूनी हैं. मैंने सुधार और ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत के प्रयासों के बारे में बात की.”

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