Connect with us

बाज़ार

राज्य सभा ने ऑयलफील्ड्स एक्ट के संशोधनों को दी मंजूरी

Published

on

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्य सभा की ओर से मंगलवार को ऑयलफील्ड्स एक्ट 1948 में हुए संशोधनों को मंजूरी दे दी गई। इससे देश में व्यापार में आसानी बढ़ेगी और
साथ ही भारत के तेजी से बढ़ते एनर्जी सेक्टर के विकास में भी मदद मिलेगी।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे “भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम” बताते हुए कहा, “प्रस्तावित संशोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के ऊर्जा क्षेत्र को और मजबूत बनाने के साथ आगे बढ़ाएंगे।”

केंद्रीय मंत्री ने विस्तार बताया कि पेट्रोलियम (कच्चा तेल/प्राकृतिक गैस) भूमिगत चट्टानों के छिद्रों में पाया जाता है और ड्रिलिंग द्वारा निकाला जाता है, इसलिए वर्तमान एक्ट में उल्लिखित ‘खान’या ‘उत्खनन’ जैसे शब्दों को अलग करने से अस्पष्टता दूर होगी और इस क्षेत्र में कारोबार करने में आसानी होगी।

आगे बताया कि ‘मिनरल ऑयल’ शब्द को पारंपरिक रूप से प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम के रूप में समझा जाता है। चूंकि अपरंपरागत हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज और विकास किया गया है, इसलिए आज के हिसाब से इस शब्द की परिभाषा को अपटेड किए जाने की आवश्यकता थी।

खनन पट्टे की परिभाषा में संशोधन किया गया है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि ऑयलफील्ड्स संसोधन एक्ट के लागू होने से पहले दिए गए पट्टे खनन पट्टे कहलाएंगे। इसके बाद उक्त शब्दावली का उपयोग बंद कर दिया जाएगा और खंड (एफ) में परिभाषित पेट्रोलियम पट्टे शब्द का उपयोग किया जाएगा।

इस एक्ट में फील्ड्स के विकास के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना का प्रावधान किया गया है, जिसमें जलाशय प्रबंधन प्रथाओं की योजना बनाना शामिल है। यह प्रावधान सरकार को पर्यावरण की रक्षा और हरित ऊर्जा परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देने और ऊर्जा ट्रांजिशन उपायों को अपनाने के लिए नियम बनाने के लिए सशक्त बनाता है, ताकि सरकार और कंपनियां अपने क्लामेट विजन को प्राप्त कर सकें।

मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों में जुर्माना लगाने के लिए उचित सिस्टम के साथ-साथ न्याय निर्णय प्राधिकरण, तंत्र और अपील के गठन के साथ उससे उत्पन्न होने वाली अपीलों से निपटने का भी प्रावधान है।

–आईएएनएस

एबीएस/

Continue Reading

Business

रुपया निचले स्तर पर पहुंचा, भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक

Published

on

नई दिल्ली। भारतीय रुपया भी 67 पैसे गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को शुरूआती ट्रेड में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 87.29 रही। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा,मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और चीन के उत्पादों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के फैसले से ट्रेड वॉर का डर बढ़ गया है। इसे लेकर पूरी दुनिया के बाजारों में डर का माहौल है। इस माहौल में भारतीय रुपया भी 67 पैसे गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को शुरूआती ट्रेड में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 87.29 रही।
67 पैसे की गिरावट आई : भारतीय मुद्रा रुपया लगातार दबाव में है। विदेशी फंड के भारतीय बाजार से लगातार निकलने और तेल आयातक देशों द्वारा डॉलर को प्रमुखता दिए जाने के बाद से डॉलर की मांग लगातार बढ़ रही है। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज पर आज रुपया 87 रुपये पर खुला, लेकिन जल्द ही 67 पैसे गिरकर 87.29 पर आ गया। शुक्रवार को रुपया, डॉलर के मुकाबले 86.62 पर बंद हुआ था। सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी ने कहा, ‘सप्ताह की शुरूआत में वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव देखा गया, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ की अपनी धमकियों को जारी रखते हुए मैक्सिको, कनाडा और चीन से आयात पर शुल्क लगाया है।’
व्यापार युद्ध के बढ़ते खतरे से डर का माहौल : ‘व्यापार युद्ध के बढ़ते खतरे से बाजार में जोखिम का माहौल है। अमेरिकी डॉलर की मांग बढ़ी है और डॉलर इंडेक्स 1.30 प्रतिशत बढ़कर 109.77 के अंक पर कारोबार कर रहा है। ट्रंप की टैरिफ की धमकी के चलते अमेरिकी डॉलर में उछाल आया, जिससे वैश्विक मुद्रा विनिमय दर कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई।
घरेलू इक्विटी में बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 575.89 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,930.07 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 206.40 अंक या 0.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,275.75 अंक पर था। इस बीच, रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 24 जनवरी को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.574 अरब डॉलर बढ़कर 629.557 अरब डॉलर हो गया।

Continue Reading

Business

फरवरी में ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार: इंडस्ट्री

Published

on

उद्योग जगत का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा फरवरी में ब्याज दरों में कटौती करने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। उनका मानना है कि इससे बैंकों के पास अधिक पैसा उपलब्ध होगा, जिससे वे उद्योगों और व्यवसायों को अधिक ऋण दे सकेंगे। इससे निवेश और उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे अंततः आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

उद्योग जगत के कुछ प्रमुख तर्क इस प्रकार हैं:

कुल मिलाकर, उद्योग जगत का मानना है कि फरवरी में ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। हालांकि, आरबीआई को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखा जाए।

Continue Reading

Business

शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन हरे निशान में हुआ बंद

Published

on

मिडकैप और स्मॉलकैप चमके

मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 631.55 अंक या 0.83 प्रतिशत की तेजी के साथ 76,532.96 और निफ्टी 205.85 अंक या 0.90 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,163.10 पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी खरीदारी देखने को मिली, जो निवेशकों के तेजी के रुझान को दिखाता है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,189.40 अंक या 2.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 52,718.85 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 532.05 या 3.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 16,540 पर बंद हुआ। आॅटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंसियल सर्विसेज और फार्मा समेत सभी इंडेक्सों में खरीदारी देखी गई। केवल एफएमसीजी इंडेक्स ही लाल निशान में बंद हुआ।
व्यापक बाजार में तेजी का रुझान था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,979 शेयर हरे निशान में और 1,009 शेयर लाल निशान में और 94 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। शेयर बाजार में तेजी के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केटकैप करीब 10 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 416 लाख करोड़ रुपये हो गया है। सेंसेक्स पैक में जोमैटो, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, अदाणी पोर्ट्स, सन फार्मा और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप गेनर्स थे।
भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स, आईटीसी, एक्सिस बैंक और एचयूएल टॉप लूजर्स थे। चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी ने 22,800 के अपने सपोर्ट जोन से मजबूत रिकवरी दिखाई है और 23,100 के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा, जो कि मजबूती का संकेत है। अगर आने वाले सत्र में अगर निफ्टी 23,300 के ऊपर बंद होता है, तो 23,650 और 23,800 के भी स्तर देखने को मिल सकते हैं। सोमवार को बाजार लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद तेजी के साथ बंद हुए थे। इस दौरान सेंसेक्स 535 अंक या 0.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 75,901 और निफ्टी 128 अंक या 0.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,957 पर बंद हुआ।

Continue Reading

Trending