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1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में 12 फरवरी को आएगा कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली। 1984 सिख दंगों से जुड़े दिल्ली के सरस्वती विहार में हुई हिंसा और हत्या मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला आज टाल दिया है। अदालत अब 12 फरवरी को निर्णय सुनाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार इस मामले में आरोपी हैं। वहीं सिख दंगों के दौरान दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारा में हुई हिंसा मामले में आरोपी कांग्रेस के एक अन्य नेता जगदीश टाइटलर की भी आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर पर सिख दंगों के दौरान लोगों को सिखों के खिलाफ भड़काने और हिंसा समेत हत्या के आरोप हैं। दिल्ली के सरस्वती विहार हिंसा मामले में शिकायतकर्ता का कहना है कि राज नगर इलाके सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह के घर पर दंगाइयों की एक भीड़ ने हमला कर दिया था। लोहे की सरियों और लाठियों से दोनों को पीटा गया जिसमें उनकी जान चली गई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस हिंसक भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार कर रहे थे। उन्होंने ही भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया था जिसके बाद उग्र लोगों ने सिख पिता और पुत्र को जान से मार दिया। सिख दंगों की जांच के लिए गठित रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। इससे पहले 31 जनवरी को अदालत इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था।
वहीं दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारा के पास हुई हिंसा मामले में जगदीश टाइटलर पर भी भीड़ को उकसाने समेत तमाम गंभीर आरोप हैं। शिकायतकर्ता लखविंदर कौर ने अपने बयान में कहा कि सरदार बादल सिंह को गुरुद्वारा पुलबंगश के पास भीड़ ने मार डाला था इसके अलावा सिखों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की गई थी। जगदीश टाइटलर भीड़ को भड़का रहे थे और खुद भी शामिल थे।